प्रधान मंत्री मोदी से लेकर डोनाल्ड ट्रम्प तक, ऐसे ही दुनियाभर के कई दिग्गज नेता ब्यूनस आयर्स में आयोजित 2018 जी-20 शिखर सम्मेलन में शामिल होंगे। इस सम्मलेन की शुरुआत आज ही से की जाएगी। एक निष्पक्ष और सतत विकास के उद्देश्य से इस सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है।
भारत के प्रधान मंत्री मोदी ने कहा कि वह आने वाले दशक की नई चुनौतियों का सामना करने के तरीकों पर हर देश के आये नेता संग चर्चा करेंगे। नई दिल्ली में जारी अपने प्रस्थान वक्तव्य के दौरान मोदी ने ये भी बताया कि, जी -20 का उद्देश्य हमेशा से स्थिर और वैश्विक विकास ही रहा है।
उन्होंने कहा, “यह उद्देश्य भारत जैसे उभरती अर्थव्यवस्थाओं के लिए विशेष महत्व रखता है।” वे प्रतिभागी वैश्विक अर्थव्यवस्था, अंतर्राष्ट्रीय वित्त और कर प्रणाली, महिला सशक्तिकरण और काम के भविष्य की स्थिति जैसे विषयों पर भी सभी के साथ विचार-विमर्श करेंगे।
उन्होंने लोगों से ये भी कहा की वे सुधारित बहुपक्षवाद की आवश्यकता को भी उजागर करेंगे। और साथ ही जी -20 सम्मलेन के अंतर्गत अन्य देशों के नेताओं से नई और आगामी चुनौतियों की समस्याओं पर भी चर्चा करेंगे।
इस सम्मलेन के दौरान उनकी मुलाकात संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो ग्युटेरेस से भी हुई है। सूत्रों के अनुसार, संयुक्त राष्ट्र महासचिव से उनकी ये मुलाकात दूसरी बार हुई है।
इसी के चलते उनकी मुलाकात सऊदी अरब के प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान अल सऊद से भी हुई है। जिनके साथ उन्होंने प्रौद्योगिकी, आधारभूत संरचना, पेट्रोलियम, नवीकरणीय ऊर्जा, खाद्य सुरक्षा, फिनटेक और रक्षा क्षेत्रों में सऊदी निवेश को बढ़ाने से जुड़े मुद्दों पर बात की है।
सुनने में आया है कि इस दो दिवसीय 13 वें जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान, प्रधान मंत्री मोदी, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और जापान के प्रधानमंत्री शिन्जो आबे से रणनीतिक भारत-प्रशांत क्षेत्र को लेकर एक त्रिपक्षीय बैठक भी करेंगे।
प्रधान मंत्री मोदी इस सम्मलेन के दौरान चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और जर्मन चांसलर एंजेला मार्केल से भी मिलेंगे।
इस सम्मलेन के चलते मोदी 29 नवम्बर से 1 दिसंबर तक ब्यूनस आयर्स में ही रहेंगे।
ऐसा पहली बार हुआ है कि दुनिया की 20 सबसे विकसित और उभरती अर्थव्यवस्थाओं के ज़रिये इस सम्मलेन में दक्षिण अमेरिका के नेताओं को एक साथ लाया गया है।