राष्ट्रीय शिक्षा नीति के माध्यमिक शिक्षा विभाग की ओर से संचालित राजकीय स्कूलों में कौशल विकास के लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके लिए यूपी प्रवीण योजना के तहत पहल की गई है।
वाराणसी के ग्राम पंचायत में आने वालों कई गाँवो में यूपी प्रवीण योजना 2022-23के तहत लाइब्रेरी खोली जा रही है। लाइब्रेरी की शुरुआत के लिए जिले के 200 पंचायत भवनों का चुनाव किया गया है। काशी विद्यापीठ की सीडीपीओ रक्षिता सिंह ने कहा कि जिले के पंचायत भवन में अब सिर्फ ग्राम पंचायतों का कामकाज और राजनीति की चर्चा ही नहीं होगी बल्कि शिक्षा की ललक बढ़ाने के लिए अब गांव-गांव में पुस्तकालय खोलने की योजना है ताकि गांव के होनहार बच्चों को किताबों को लेकर दिक्कतों का सामना न करना पड़े।
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निःशुल्क है पुस्तकालय
लाइब्रेरी खोलने को लेकर सीडीओ हिमांशु नागपाल द्वारा पहल की गयी है। साथ ही ग्राम प्रधान की मदद से पुस्तकालय का कार्य कराया जा रहा है जिससे स्कूल के बाद बच्चे गांव में ही आसानी से बैठकर पढ़ाई कर सकें।
ग्राम पंचायत में तैयार होने वाले पुस्तकालत व पुस्तक ग्रामीणों को निःशुल्क रूप से उपलब्ध कराई जायेगी।
यूपी प्रवीण योजना के तहत छात्रों का बढ़ाया जाएगा कौशल
यह भी बता दें कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के माध्यमिक शिक्षा विभाग की ओर से संचालित राजकीय स्कूलों में कौशल विकास के लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके लिए प्रवीण योजना के तहत पहल की गई है। इस योजना के तहत कक्षा 9 से लेकर 12वीं तक पढ़ने वाले छात्र व छात्राओं को कोर्स पूरा होने के बाद कौशल मिशन के तरफ से प्रमाण पत्र दिए जाएंगे।
यूपी प्रवीण योजना के तहत जिले के राजकीय बालिका इंटर कॉलेज, वक्सी कॉलेज, कस्तूरबा विद्यालय का चयन किया गया है। राजकीय बालिका इंटर कॉलेज और वक्सी कॉलेज में 140-140 विद्यार्थियों का ग्रुप बनाया गया जाएगा। योजना के तहत कौशल विकास विभाग की ओर से माध्यमिक विद्यालय के बीच एमओयू (Memorandum of Understanding) भी साइन किया गया है। योजना के तहत किसी भी सरकारी माध्यमिक स्कूल के बच्चे इसके लिए आवेदन कर सकते हैं।
बता दें, यूपी प्रवीण योजना की शुरुआत साल 2022 में सीएम योगी आदित्यनाथ द्वारा की गयी है।
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10 से 5 तक खुलेगा पुस्तकालय
चोलापुर के खंड विकास अधिकारी अशोक ने खबर लहरिया को बताया कि चोलापुर ब्लॉक में 15 ग्राम पंचायतों को अब तक लिया जा चुका है जिनमें से 3 पंचायत में लाइब्रेरी खुल चुकी है। आगे कहा कि अगर स्कूल खत्म होने के बाद बच्चों को और कोई खाली स्थान नहीं मिल रहा तो वह सुबह 10 से शाम 5 बजे तक पुस्तकालय में बैठकर पढ़ाई कर सकते हैं। छात्रों के लिए कंप्यूटर से लेकर उनके विषय से संबंधित हर तरह की किताब मौजूद है। अन्य गाँवो में भी पुस्तकालय खोलने की तैयारी की जा रही है।
गांव में पुस्तकालय होने से हुई सुविधा
मेहदा गांव के छात्र पंकज बताते हैं, लाइब्रेरी खुलने से उन्हें बहुत अच्छा लगता है। अगर गाँव-क्षेत्र में कोई बच्चा पढ़ना चाहते है तो वह शांत जगह में जाकर पढ़ सकता है। उन्हें यह बहुत अच्छा लगा। वह स्कूल के बाद बिना किसी शोर या परेशानी के यहां आकर पढ़ाई कर सकते हैं। अभी सभी को इसकी जानकारी नहीं है। धीरे-धीरे जानकारी हो जायेगी। गांव के पढ़े-लिखे लोग भी यहां आकर अपनी मन चाही किताब पढ़ सकते हैं।
गाँवो में पुस्तकालय खोलना एक अच्छी पहल है। साथ ही सवाल यह भी रहेगा कि पुस्तकालय को किस तरह से व्यस्थित किया जाता है और बच्चों के अनुसार पुस्तकालय में किताबों की सुविधा सही से व लंबे समय तक कैसे मुहैया कराई जाएगी।
इस खबर की रिपोर्टिंग सुशीला द्वारा की गयी है।
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