जिला वाराणासी के चिरईगांव चोलापुर के रौनाकला में होली के त्यौहार पर प्रसाद खाकर 31 से अधिक लोग फूड प्वाइजनिंग के शिकार हो गए. जिन्हे
समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र नरपतपुर में इलाज के लिए भर्ती कराया गया।लेकिन यहाँ की व्यवस्था राम भरोसे थी जिससे परिजन काफी नाराज है.
जानकारी के अनुसार 10 मार्च को होली के त्यौहार पर मुनारी बाजार स्थित स्वामी परमहंस आश्रम में प्रसाद के रूप में लोगों ने ठंडई, बुनिया और पकौड़ी खाई जिसे खाने से लोगों को पेटदर्द उल्टी दस्त की शिकायत शुरू हो गयी। इलाज के लिए पास पड़ोस के डॉक्टरों के यहां इलाज भी कराया लेकिन आराम नहीं मिला तो 12 मार्च को समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र नरपतपुर भर्ती कराया गया. मरीज अमरेश का कहना है कि यहां (समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ) आने पर इलाज भी देर से शुरू हुआ। कई मरीज तो इलाज शुरू नहीं होने से परेशान होकर वापस भी चले गये। यहां पर इलाज के नाम पर एक टैबलेट पकड़ा दिया गया। इसलिए कई लोग वापस चले गये। रौनाकला के प्रधानपति अजय कुमार सिंह का कहना है कि यहां पर इलाज तो इलाज मरीजों के बेड पर चादर तक नदारद है। मरीजों के लिए पर्याप्त दवाएं तक नहीं मिल रही थी। ऐसे में फूड्स प्वाइजनिंग के मरीजों का इलाज रामभरोसे ही चल रहा है। समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में तैनात अधीक्षक को छोड़ बाकि सारे डॉक्टर मरीज को देखने के बाद भी अस्पताल से चले गये। हालांकि समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के अधीक्षक डॉ. राजनाथ ने फार्मासिस्ट के साथ मरीज़ों का इलाज शुरू किया। फिलहाल अभी अस्पताल में लगभग दर्जन भर लोग भर्ती है.
समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के अधीक्षक आरबी यादव का कहना है कि हमने 28 लोगों को भर्ती किया हैं और 40-50 लोगों को दवा दिया गया है. इस फूड प्वाइजनिंग से लगभग 250 लोग प्रभावित हुए थे.
वहीं सीएमओ डॉ. सुरेश सिंह का कहना है कि 31 मरीज़ अभी भर्ती है उनका इलाज चल रहा है बाकी जो शिकायत आई है बेडसीट या दवाओं को लेकर इसके लिए जांच चल रही है रही बात मरीजों के आने के बाद वहां से गायब डाक्टरों की तो उनके खिलाफ उचित कार्यवाही की जायेगी।
-रजनी