जम्मू–कश्मीर राष्ट्रीय राजमार्ग के नौगाम क्षेत्र में सोमवार 5, अक्टूबर को सीआरपीएफ पर हुए हमले के पीछे लश्कर–ए–तैयबा(एलईटी )के आतंकवादियों के गिरोह को बताया जा रहा है। पिछले तीन महीनों में आतंकवादियों द्वारा किया गया यह पांचवा हमला है।
नौगाम के कांदिकाल पुल के पास हुआ था हमला
हमला सोमवार दोपहर को नौगाम के कांदिकाल पुल के पास हुआ था। उस वक़्त सीआरपीएफ के जवान और जम्मु–कश्मीर की सुरक्षा बल राजमार्ग पर तैनात थी। जहां अचानक से आतंकवादियों द्वारा हमला कर दिया गया। जिसमें एएसआई सहित पांच जवानों को गोली लगी। सभी को सेना के 92 बेस अस्पताल में ले जाया गया। जिसमें से दो जवानों की मौत हो गयी। बाकी के तीन जवानों को बुरी तरह से ज़ख्मी बताया गया। पुलिस ने अपने बयान में बताया कि उन्हें ऐसा लगता है कि वे किसी “दलदली क्षेत्र” से आए थे।
इस वक़्त हुआ था हमला
सीआरपीएफ ने बताया कि सीआरपीएफ की 110 बटालियन के जवानों ने जेकेपी के साथ आरओपी को उड़ाया, जिस दौरान अज्ञात आतंकवादियों ने दोपहर 12:50 मिनट पर सैनिकों पर गोलीबारी शुरू कर दी।
हलावार लश्कर–ए–तैयबा आतंकवादी संगठन को बताया जा रहा है
जम्मू और कश्मीर के पुलिस महानिरीक्षक विजय कुमार ने कहा, “हमारे जवानों पर गोलियां चलाने वाले दो आतंकवादियों की पहचान कर ली गई है। एक आतंकवादी लश्कर–ए–तैयबा (LeT) का है, जिसने पहले भी केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के जवानों पर दो बार हमला किया था, जबकि दूसरा एक स्थानीय आतंकवादी हमला था“।
उन्होंने यह भी कहा कि “आतंकवादी हमलों का नेतृत्व सैफुल्लाह नामक पाकिस्तानी आतंकवादी करता है। हम काम पर हैं और उन्हें जल्द ही निष्प्रभावी कर दिया जाएगा, ”पुलिस महानिरीक्षक (IGP), कश्मीर जोन विजय कुमार ने कहा। ( स्त्रोत– इंडियन एक्सप्रेस)
शहीद जवानों के लिए रखा गया पुष्पांजली समारोह
हमले में मारे गए दो केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के जवानों के लिए पुष्पांजलि समारोह का आयोजन किया गया। बाद में पत्रकारों से बात करते हुए आईजीपी ने कहा, “दो आतंकवादी एक स्कूटर पर आए थे, जो शायद पंपोर की तरफ से थे और उन्होंने एके राइफल से अंधाधुंध गोलियां चलाईं।“
आईजीपी ने पत्रकारों से बात करने के दौरान यह स्वीकार किया कि पाकिस्तान स्थित उग्रवादी संगठन के मॉड्यूल ने पहले भी बडगाम जिले के चौरडा क्षेत्र में हमला किया था, जिसमें सीआरपीएफ का एक सहायक उप निरीक्षक मारा गया था। अधिकारी ने कहा, “हम ऑपरेशन कर रहे हैं और जल्द ही उन्हें निष्प्रभावी कर दिया जाएगा।“ ( स्त्रोत– एनडीटीवी)
आईजीपी ने लोगों को दिया आश्वाशन
आईजीपी ने लोगों को आश्वाशन देते हुए कहा कि “अब घबराने की ज़रूरत नहीं है, सब कुछ नियंत्रण में हैं। साथ ही उन्होंने यह भी कहा उग्रवादियों द्वारा वर्चुअल फोन नंबरों का इस्तेमाल करना तकनीकी चिंता का कारण है, जिसका इस्तेमाल बहुत समय से आतंकवादियों द्वारा तबाही मचाने के लिए किया जा रहा है। हम इससे निपटने की पूरी कोशिश कर रहे हैं“।
पिछले तीन महीनों में यहां हुए थे हमलें
30 अगस्त को, आतंकवादियों ने जम्मू–कश्मीर पुलिस के विशेष अभियान समूह की एक टीम पर गोलीबारी की थी।और एक राइफल छीनने की भी कोशिश की थी। गोलाबारी में तीन आतंकवादी और एक पुलिस कर्मी मारे गए थे।
17 अगस्त को, आतंकवादियों ने जम्मू–कश्मीर पुलिस और सीआरपीएफ की उत्तरी कश्मीर के क्रेरी गांव में एक संयुक्त टीम पर गोलीबारी की थी। जिसमें सीआरपीएफ के दो जवान और एक पुलिसकर्मी की मौत हो गई थी। इसके बाद हुई गोलाबारी में तीन आतंकवादी और दो सैनिक बल मारे गए थे।
14 अगस्त को, आतंकवादियों ने श्रीनगर–जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग पर नौगाम में दो पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी थी। 14 जून को श्रीनगर के बाहरी इलाके पंथाचौक में एक आतंकवादी हमले में एक सीआरपीएफ अधिकारी की मौत हो गई थी और दो जवान घायल हो गए थे।
सोमवार के हमले के तुरंत बाद, पुलिस, अर्धसैनिक और सेना की एक संयुक्त टीम ने हमलावरों को पकड़ने के लिए क्षेत्र को बंद कर दिया। श्रीनगर में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। जगह–जगह पर बैरिकेड्स लगा दिए गए है। साथ ही राजमार्ग पर आने वाले सभी वाहनों की बारीकी से जांच की जा रही है।