खबर लहरिया जासूस या जर्नलिस्ट लॉकडाउन में सब बंद होने के बाद भी नहीं बंद हुई महिला हिंसा देखिए जासूस य जर्नलिस्ट

लॉकडाउन में सब बंद होने के बाद भी नहीं बंद हुई महिला हिंसा देखिए जासूस य जर्नलिस्ट

कोरोना वायरस की बीमारी के चलते सब बंद है, लोगो को दूध और इमरजेंसी जरूरतों की चीजें भी नही मिल रही है। पर जो नही बंद है वो है महिला हिंसा। जी हां तो दोस्तो इस लॉक डाउन में किस किस तरह की महिला हिंसा हो रही है, हम आपको बताएंगे। उसके लिए पहले आपको हमारा चैनल सब्सक्राइब और वीडियो को लाइक औऱ शेयर करिये।

दोस्तो 22 मार्च से लॉग डाउन शुरुआत हुई थी। उसके बाद दिन पे दिन स्थिति बिगड़ती गई और लॉक डाउन बढ़ता गया। ट्रेन बस सब्जी बाज़ार, सब कुछ बंद कर दी गई है। पर अगर हम देखे तो महिलाओ के साथ हो रही हिंसा नही बदली है। बल्कि बढ़ गयी है।

जी हा बांदा जिले के एक गाँव का 5 अप्रैल 2020 को एक मामला सामने आया था। जिसमे एक लड़की ने प्रधान के लड़के अरुण उर्फ रानू के ऊपर बलात्कार करने का आरोप लगाया था। पीड़ित परिवार ने नरैनी थाना में तहरीर दी थी पीड़ित परिवार लड़की की डॉक्टरी करवाने के लिए पुलिस के चक्कर काटते रहे। पुलिस और डॉक्टर आजकल आजकल कहके टालते रहे। पर कोई ठोस कारवाही नही की गई। नरैनी थाना की पुलिस ने खाना पूर्ति करने के लिये 9 अप्रैल को अपराधी को पकड़ जेल भेज दिया। आपको पता है किन धाराओं में। धारा 354 और 506 मतलब छेड़छाड़ और जान से मारने की देने का मुकदमा लिखा गया। और पीड़ित परिवार सबको रो रोकर बता रहा है कि उनकी नाबालिक लड़की के साथ ब्लात्कार हुआ है।

इस मामले को जब हमने गोपनीय तरीके से जांच की तो पता चला की प्रधान तो उस गांव में नही रहता है, गाँव मे खेत और बाग की रखवाली के लिए जाते थे। 5 अप्रैल को भी प्रधान का लड़का बगीचे के देखरेख के लिए ही गया था। जब हमने और लोगो से इसमे बातचीत की तो पता चला कि कुछ साल पहले पीड़ित परिवार के लोगो ने प्रधान के परिवार में किसी लड़की के साथ छेड़छाड़ की थी। जिसका बदला लेने के लिए यह सब किया गया है। पर इसमे सबसे बड़ी बात पुलिस की लापरवाही है, क्योंकि दोनों परिवार उच्च जाति के है। पुलिस ठोस कारवाही नही करती है। जिसकी वजह से लोगो के मन मे बदले की भावना भरी रहती है। इसी का कारण है कि आज फिर एक लड़की के साथ बलात्कार जैसी घटना घटी है।
ऐसा ही 4 अप्रैल को चित्रकूट जिले के एक गांव का मामला सामने आया। जहाँ पर विकलांग 9 साल की बच्ची के साथ ब्लात्कार करने का परिवार वालो ने आरोप लगाया था। हालांकि पुलिस ने इस मामले में भी आरोपी को पकड़ जेल भेज दिया है। पर इस केस में भी पीड़ित परिवार पुलिस की कार्यवाही से खुश नही है।

अब सवाल ये उठ रहे हैं कि सब बंद तो है मगर महिला हिंसा होना कब बंद होंगे।

पुलिस किस तरह की कार्यवाही कर रही है जब पीड़ित परिवार ही खुश नही है।

पुलिस ये भी कहती है कि लोगो के कहने से कार्यवाही नही की जाएगी तो किसके कहने से कार्यवाही की जाएगी।

आख़िर सरकार हर चीज को रोकने के ठोस कदम उठाती है तो महिला हिंसा को रोकने के लिए क्यों नहीं।

पुलिस का रवैया कारवाही के नाम पर क्यों झुक जाता है।

तो दोस्तो ये थी हमारी आज की जासूसी भरी कहानी। आपको कैसी लगी। हमे कॉमेंट कर जरूर बताएं। तो अभी के लिए इतना ही, अगले एपिसोड में फिर मिलते है। तब तक के लिए नमस्कार