बरसात के समय तालाबों में 4 महीने पानी देखने को मिलता है। इसके बाद पानी सूख जाता है फिर तालाबों को पानी से भरने के लिए अधिकारी नहीं आते हैं।
तालाब को भरवाने की मांग ग्रामीण काफी समय से करते आ रहे हैं पर उसका कुछ असर नज़र नहीं आता। यूपी के फतेहपुर जिले के असोथर ब्लॉक के ओती ग्राम पंचायत में कहने को पांच तालाब है। यह पांचो तालाब सूखे हुए हैं।
तालाब का पानी सूख जाने की वजह से लोग दो किलोमीटर दूर यमुना नदी से पानी भरकर लाते हैं। धूप इतनी तेज़ होती है कि चलना मुश्किल होता है। प्यास के कारण कई जानवरों की जान भी चली जाती है।
ये भी देखें – प्रयागराज : पानी के एकमात्र स्त्रोत से निकल रहा लाल-तेल युक्त गंदा पानी, इस्तेमाल है मज़बूरी
पानी की समस्या कोई नहीं देखता
गांव के राधेश्याम खबर लहरिया को बताते हैं, कितने प्रधान बन जाए हमारे ग्राम पंचायत में, तालाब ज्यों का त्यों पड़े रहते हैं। यहां कोई अधिकारी देखने तक नहीं आते हैं। प्रधानों से मांग की जाती है तो प्रधान द्वारा कहा जाता है कि फतेहपुर ग्राम पंचायत में तालाब भरने के लिए बजट नहीं आता है। कहां से हम लोग पानी भरे। यमुना नदी से लोग अपने जानवरों को पानी पिलाते हैं, यही लोगों की सुविधा है।
पानी का बजट प्रधान व कर्मचारी खाते हैं – आरोप
राधा ने कहा, बरसात के समय तालाबों में 4 महीने पानी देखने को मिलता है। इसके बाद पानी सूख जाता है फिर तालाबों को पानी से भरने के लिए अधिकारी नहीं आते हैं। आरोप लगाते हुए कहा कि तालाबों में पानी भरने के पैसे बीच के कर्मचारी व प्रधान खा जाते हैं। अगर प्रधानों से कहा जाता है तो प्रधान द्वारा लोगों को धमकी दी जाती है। उनके द्वारा कहा जाता है कि जनता खुद चंदा इकट्ठा कर ले और तालाब को खुद भरवा ले। इसलिए लोग कुछ नहीं कहते, चुप-चाप बैठे रहते हैं।
तालाब में पानी के लिए नहीं आता बजट – प्रधान
मामले को लेकर खबर लहरिया ने ओती ग्राम पंचायत के प्रधान सुशील भदौरिया से बात की। उनका कहना था, हमारे ग्राम पंचायत में तालाब भरने के लिए बजट नहीं है। हम कहां से पानी भरवा दें। दूर-दूर प्राइवेट ट्यूबवेल है। सरकारी ट्यूबवेल नहीं है। अगर प्राइवेट से पानी भारवाया जाएगा तो उसका पैसे लगेगा। यही वजह है कि तालाबों में पानी नहीं भराया जाता है। लोगों की सुविधाएं यमुना नदी से है।
इस खबर की रिपोर्टिंग शिव देवी द्वारा की गयी है।
ये भी देखें – प्रयागराज: आदिवासी समुदाय को क्या विरासत में मिली है पानी की गम्भीर समस्या?
‘यदि आप हमको सपोर्ट करना चाहते है तो हमारी ग्रामीण नारीवादी स्वतंत्र पत्रकारिता का समर्थन करें और हमारे प्रोडक्ट KL हटके का सब्सक्रिप्शन लें’