पन्ना जिला बेनीसागर मोहल्ला स्थित मत्स्य विभाग कार्यालय जहां पर कई प्रकार की मछलियों की प्रजातियों के बीज किसानों को वितरित किए जाते हैं जिन किसानों के यहां खेत तालाब योजना के तहत मिनी तलाब योजना के तहत तालाब होते हैं और जिनके सरकारी तालाब समूह में बने होते हैं उनको और जो प्राइवेट लोग भी मछली का बीज लेना चाहते हैं उनको यहां से बीज वितरित किए जाते हैं किसानो को रोजगार का अवसर मिलता है यह बीज उनको सस्ते दामों पर मिलते हैं जिससे किसान लोग बिजनेस करते हैं|
छोटी मछलियों को अपने तालाबों में डालते हैं इसके बाद 8 से 9 महीने के बाद जब मछली 500 ग्राम या 1 केजी की हो जाती है तो बाजार में बेचते हैं जिससे किसानों को आमदनी होती है और रोजी-रोटी चलती है और उनका एक तरह से व्यापार भी होता है बी.के सक्सेना / सहायक संचालक मत्स्योद्योग, इनका कहना है |
अधिकतर यहां से रोहू कतला मछली का भेज दिया जाता है मंगू रे का बीज नहीं दिया जाता है क्योंकि मांगूरे पर प्रतिबंध लगाया गया है क्योंकि बताया गया है कि यह एक मांसाहारी प्रजाति है जिससे पानी में रहने वाले जीवो को हानि पहुंचाती है और यहां से जो मछली का बीज उपलब्ध कराया जाता है किसानों को तो उसका रेट ₹165 प्रति पैकेट के हिसाब से दिया जाता है |
अगर बड़ी मछलियां होती हैं तो सारी मछलियां जीवित रहती हैं 20 परसेंट मछली कभी खराब हो जाता है और अगर छोटी मछलियां होती हैं तो उनको बहुत सावधानी बरतनी पड़ती है और इन मछलियों का बीज भी बाहर से मंगवाया जाता है और इसके बाद यहां पन्ना के तालाब में बीज डालने के गड्ढे बनाए गए हैं जहां बीच को सुरक्षित डाला जाता है और जब किसान आर्डर करते हैं या फिर मछली के बीज की मांग करते हैं तो फिर उन मछलियों को निकलवा कर पैकेट बनाकर किसानों को दिया जाता है |