सरकारी केन्द्रों में गेंहूं की फसल बेंचने के बाद पैसे के लिए भटक रहे किसान :टीकमगढ़ जिले के ब्लॉक बलदेवगढ़ के किसानों ने अपनी गेंहु की फसल उपार्जन सरकारी केन्द्रों में लगभग दो महीने पहले बेंची थी| लेकिन किसानों का अभी तक राशि भुगतान नहीं हुआ है| इस लिए किसानों को जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मर्या शाखा बलदेवगढ़ के चक्कर लगना पड़ रहा है|
किसानों से बात किया तो किसान कोमल गाँव कुलगुवा जगदीश लोधी गांव राजनगर धनीराम गाँव सेवार इनका कहना है कि हम लोगों ने गेहूं उपार्जन केंद्रों पर बेंचा था, लेकिन अभी तक राशि भुगतान नहीं हुई किसी की एक माह हो गये हैं और किसी के डेढ़ माह हो गये हैं, पैसे ना मिलने के कारण घर परिवार को चलाना मुश्किल हो रहा है| साथ ही जिन लोगों से कर्जा करके पैसा लिया था खेती की जोताई,बोवाई और खाद बीज के लिए तो उन लोगों का पैसा भी पडा़ है| क्या करें हम तो खेती से ही लगे हैं और इस महामारी बिमारी को लेकर के लाँकडाउन चल रहा है, तो कहीं मजदूरी भी नहीं मिल रही है| जिससे हम काफी परेशान हो रहे हैं| जिन किसानों का ₹50000 राशि है तो उनको ₹10000 या ₹15000 दिया जा रहा अभी के लिए यहां पर काफी भीड भी लगी हुई है, सुबह से लेकर शाम 6:00 बजे तक बैठना पड़ता है और किसानों के खाने पीने कि भी यहां पर कोई सुविधा नहीं की गई है, इतनी भीषण गर्मी में वह अपने घर का काम काज छोडे यहाँ परेशान हो रहे हैं|
लगभग यहां पर 1 दिन में सौ डेढ़ सौ किसान आते हैं और गाँव राजनगर,कुलगुवा,सेवार,तमोरा,करमासन आदि गाँव के लोग आते हैं
इस मामले में बैंक शाखा प्रबंधक बलदेवगढ़ के अधिकारी एस.के जैन का कहना है कि सब लोगों को सामान्य रूप से राशि दी जाती है क्योंकि कैस जैसे उपलब्ध होता है मुख्यालय से वैसे ही यहां पर हम लोग उनको राशि वितरण कर देते हैं और स्टेट बैंक से पैसा नहीं मिल रहा था पर्याप्त, इस लिए निवेदन आए हैं कि एसबीआई पैसे दे जिससे किसानों का भुगतान किया जाए 1 दिन में 200 किसान आते हैं| उनका भुगतान कराया जाता है लगभग आज डेढ़ सौ किसान आए हैं उन सब लोगों का भुगतान कराया जाएगा एक किसान के लिए 1000₹15000 दिए जाते हैं और किसी को आवश्यकता होती है जैसे शादी या बीमारी होती है तो उन लोगों को ₹49000 उनकी मांग के अनुसार दिए जाते हैं और इन लोगों को हम लोगों ने समझाया है कि मार्क्स लगाएं और एक 1 मीटर की दूरी बनाए रखें, लेकिन यहां पर पुलिस है जो एक आधे घंटे के लिए आती है, तो लोग पालन करते हैं, लेकिन जब पुलिस चली जाती है, तो किसान इकट्ठा हो जाते हैं इस लिए पुलिस से भी निवेदन है की यहां पर मौजूद रहे| जिससे सोशल डिस्टेंस का पालन भी किया जाये और सब लोग इस बीमारी से लड़े और सब लोग स्वस्थ रहें|