किसानों को अपनी फसल का सही भाव नहीं मिल पाता यानी सही कीमत नहीं मिल पाती। उन्हें खेती के लिए कर्ज लेना पड़ता। मौसम की मार भी उनकी फसलों को झेलनी पड़ती है कभी बेमौसम बरसात तो कभी ओलावृष्टि। ऐसे में जब उनकी फसल को कम दाम मिलेगा तो वह अपने घर परिवार कैसे चलाएंगे?
लेखन – सुचित्रा
पंजाब पुलिस द्वारा पंजाब और हरियाणा के बीच शंभू और खनौरी सीमा को कल बुधवार 19 मार्च 2025 को शाम 7 बजे के करीब खाली करवा दिया गया। यहां पर किसान अपनी मांगों को लेकर पिछले साल 13 फरवरी 2024 से धरना दिए हुए थे। इसमें प्रमुख किसान नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल और किसान मजदूर मोर्चा के नेता सरवन सिंह पंधेर को हिरासत में लिया गया। नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल कई दिनों से आमरण अनशन पर थे इसलिए अब उन्हें पंजाब के जालंधर, इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (PIMS) में ले जाया गया।
लाइव मिंट की रिपोर्ट के अनुसार सरवन सिंह पंधेर और जगजीत सिंह दल्लेवाल समेत कई किसान नेताओं ने केंद्रीय प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक की थी। बैठक से लौटते समय मोहाली में ही उन्हें हिरासत में लिया गया। इसके बाद जब किसान चंडीगढ़ से मोहाली पहुंचे उन्हें पुलिस द्वारा की गई भारी बैरिकेडिंग का सामना करना पड़ा। इसके बाद पंजाब पुलिस ने शंभू और खनौरी बॉडर को खाली कराया। किसानों द्वारा बनाए गए टेंटों को भी तोड़ दिया गया।
#WATCH पुलिस ने कल पंजाब-हरियाणा शंभू सीमा पर किसानों द्वारा लगाए गए टेंटों को ध्वस्त कर दिया, जहां वे अपनी विभिन्न मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। pic.twitter.com/L19qhkxnnZ
— ANI_HindiNews (@AHindinews) March 20, 2025
अगली बैठक 4 मई
किसान नेताओं और केंद्रीय प्रतिनिधिमंडल के बीच सातवें दौर की बैठक कल बुधवार 19 मार्च 2025 को समाप्त हुई थी। बैठक में केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 4 मई 2025 को अगली बैठक की घोषणा की।
अचानक आई पुलिस
किसानों को कहना है कि पुलिस वहां अचानक आई और उन्हें जबरन हटाया गया। एएनआई द्वारा सोशल मीडिया X पर एक किसान ने कहा ” सरकार ने गलत कार्रवाई की है गलत किया हमारे साथ। इसकी जानकारी नहीं दी गई और 7 बजे आकर हमला बोल दिया। सरकार ने किसी को पता भी नहीं लगने दिया और न ही हमें अंदाज था।”
VIDEO | Shambhu Border: Punjab Police evict protesting farmers. Here’s what one of the protesting farmers said:
“The action taken by the government is very wrong. We were not informed about anything, they just came unannounced. What Bhagwant Mann government has done is not… pic.twitter.com/SA5thU4J57
— Press Trust of India (@PTI_News) March 20, 2025
किसान क्यों बैठे हैं एक साल से बॉर्डर पर
किसान अपनी मांगों को लेकर पिछले साल से बैठे हुए हैं। वे अपनी मांग को लेकर दिल्ली आने वाले थे लेकिन उन्हें बॉर्डर पर ही रोक दिया गया जिस वजह से वे बॉर्डर पर ही धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। उनकी मांगों में एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) की कानूनी गारंटी, किसान कर्ज माफी, किसानों और खेत मजदूरों के लिए पेंशन, बिजली दरों में कोई बढ़ोतरी नहीं, किसानों के खिलाफ पुलिस मामले वापस लेने, भूमि अधिग्रहण अधिनियम, आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों के परिवारों को मुआवजा देने की मांग शामिल है।
पंजाब पुलिस ने बताया कि खनौरी बॉर्डर से 250 से अधिक किसानों को हिरासत में और कुछ मोहाली से लिया गया है। इसके साथ ही 110 किसानों को शंभू बॉर्डर से हिरासत में लिए गया।
किसानों क्यों कर रहे हैं मांग
किसान को अपनी फसल का सही भाव नहीं मिल पाता यानी सही कीमत नहीं मिल पाती। उन्हें खेती के लिए कर्ज लेना पड़ता। मौसम की मार भी उनकी फसलों को झेलनी पड़ती है कभी बेमौसम बरसात तो कभी ओलावृष्टि। ऐसे में जब उनकी फसल को कम दाम मिलेगा तो वह अपने घर परिवार कैसे चलाएंगे? पिछले साल 2024 में महोबा जिले के जैतपुर ब्लॉक के भमरोरा गांव में इस महीने इतनी ओलावृष्टि हुई कि उनकी सरसों,मटर इत्यादि की कई फसलें बुरी तरह से बर्बाद हुई हैं।
किसान कई साल से कर रहे हैं मांग
यह एक साल पहले की बात नहीं है जब किसान अपनी मांग के लिए आंदोलन कर रहे हैं। 7 साल पहले 2018 में भी यूपी के बुंदेलखंड में सैंकड़ों किसानों ने प्रदर्शन किया था।
बाँदा ज़िले में 25 अक्टूबर को बुंदेलखंड किसान यूनियन ने किसानों की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन किया था। पानी की व्यवस्था से लेकर बिजली की सुविधा तक इन सब मांगों के चलते किसानों ने विरोध प्रदर्शन जताया था।
किसानों की यह लड़ाई कई साल पुरानी हैं जहां सरकार ने तब किसानों के लिए कोई महत्वपूर्ण कदम नहीं उठाया और न आज ही कोई समाधान निकल पाया।
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