पूरा मामला उत्तर प्रदेश के बांदा जिले के पैलानी तहसील क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम पंचायत सिन्धनकला का है जहां के किसानों ने आरोप लगाया है कि एक वर्ष पहले तहसील क्षेत्र के कई गांव में खरीफ की फसल मसलन तिल, अरहर ,ज्वार ,बाजरा, मूंग, उड़द ,आदि की फसल बाढ़ के कारण बर्बाद हो गई थी , जिसको संज्ञान में लेकर सरकार द्वारा बाढ़ से पीड़ित किसानों को मुवावजा दिया है था।लेकिन सिन्धनकला के उस समय के मौजूदा लेखपाल ने गांव में अपने सहयोगीयों को लगाकर लोगों से पैसों की भी वसूली की थी ।
जहां पर कुछ किसानों को तो मुवावजा की रकम मिल गई हैं लेकिन अभी तक ज्यादा तर किसानों के खाते में खेत के डूबने का मुआवजा नहीं मिला जबकि सरकार द्वारा यह पैसा काफी दिन पहले तहसील में आ गया था लेकिन लेखपाल की करतूतों के कारण उन लोगों को इसका लाभ नहीं मिला। यह समय खरीफ के मौसम का ही चल रहा है यानि कि एक साल पहले का यह पैसा है जो अभी भी नहीं मिला हैं।वही पैलानी के उपजिलाधिकारी रामकुमार ने कहा है कि वह शासन को पत्र लिखकर फिर से किसानों को मुवावजा देने की बात लिखेगे।वही जिस लेखपाल ने पैसे लिए हैं उसकी जाँच कराकर कार्यवाही की जाएगी।