किसान नेता सरवन सिंह पंढेर और जगजीत सिंह डल्लेवाल ने रविवार को घोषणा करते हुए बताया कि जो किसान प्रदर्शन कर रहें हैं वो रविवार 10 मार्च को दोपहर 12 बजे से शाम 4 बजे तक देशभर में ‘रेल रोको’ के साथ अपना आंदोलन फिर से शुरू करेंगे।
किसानों की मांग को लेकर हो रहे दिल्ली चलो मार्च आंदोलन अब फिर से 6 मार्च को शुरू होने की खबर है। वहीं 10 मार्च को देशभर में रेल रोको के जरिये प्रदर्शन करने की घोषणा की है। इसकी जानकारी किसान नेता सरवन सिंह पंढेर और जगजीत सिंह डल्लेवाल ने रविवार 3 मार्च को दी थी। संयुक्त किसान मोर्चा ने दिल्ली के राम लीला मैदान में 14 मार्च को “किसान महापंचायत” की घोषणा भी की है।
किसान नेता सरवन सिंह पंढेर और जगजीत सिंह डल्लेवाल ने रविवार को घोषणा करते हुए बताया कि जो किसान प्रदर्शन कर रहें हैं वो रविवार 10 मार्च को दोपहर 12 बजे से शाम 4 बजे तक देशभर में ‘रेल रोको’ के साथ अपना आंदोलन फिर से शुरू करेंगे। जो किसान प्रदर्शन कर रहे हैं वे पंजाब और हरियाणा के बीच सीमाओं पर अब तक मौजूद हैं। वे 6 मार्च को “शांतिपूर्ण तरीके” से दिल्ली की ओर आगे बढ़ेंगें।
बता दें कि किसानों ने अपना ” दिल्ली चलो ” मार्च 29 फरवरी तक रोक दिया था, लेकिन पंजाब-हरियाणा सीमा पर रुके हुए थे।
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14 मार्च को दिल्ली में होगी किसान महापंचायत
किसान नेता सरवन सिंह पंढेर और डल्लेवाल ने पंजाब के बलोह गांव में कहा कि, “एक किसान की हाल ही में झड़प के दौरान मृत्यु हो गई थी। किसान अपना आंदोलन तब तक जारी रखेंगे जब तक केंद्र उनकी मांगें पूरी नहीं कर लेता।”
हिंदी क्विंट रिपोर्ट के अनुसार, संयुक्त किसान मोर्चा ने 14 मार्च को दिल्ली के राम लीला मैदान में किसानों के विरोध प्रदर्शन के समर्थन में एक शांतिपूर्ण “किसान महापंचायत” की घोषणा की है। किसान यूनियनों ने बताया कि किसान बसों और ट्रेनों जैसे सार्वजनिक वाहनों से दिल्ली जाएंगे। ट्रैक्टर या ट्रॉली का प्रयोग नहीं करेंगे। एसकेएम की 2 मार्च को लुधियाना में बैठक हुई थी जिसके बाद ये घोषणा हुई है।
सभी फसलों के लिए कानूनी एमएसपी गारंटी की मांग-
जानकारी के अनुसार, किसान नेताओं ने हाल ही में एमएसपी पर कपास, दालों और मक्के की 5 साल की सुनिश्चित खरीद के सरकार के प्रस्ताव को ठुकरा दिया था। उनका कहना है कि यह प्रस्ताव उनके हित में नहीं है। उन्होंने बताया कि वो सिर्फ दालों, मक्का, और कपास के लिए नहीं बल्कि सभी 23 फसलों के लिए कानूनी एमएसपी गारंटी चाहते हैं।
दिल्ली चलो मार्च 13 फरवरी को शुरु हुआ था। किसान पंजाब और हरियाणा के बीच शंभू और खनौरी सीमा पर प्रदर्शन कर रहे थे। किसान कृषि निकाय न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी देने वाले कानून की मांग कर रहे हैं। वे स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने और साथ ही किसानों और खेत मजदूरों के लिए पेंशन और कृषि ऋण माफी की भी मांग कर रहे हैं।
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