खबर लहरिया Blog Farmers Protest 2024: कांग्रेस ने कहा-वे करेंगें किसानों की मांगे पूरी, जानें क्या है किसानों की मांगे

Farmers Protest 2024: कांग्रेस ने कहा-वे करेंगें किसानों की मांगे पूरी, जानें क्या है किसानों की मांगे

इसी बीच कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अंबिकापुर, छत्तीसगढ़ में दिए एक बयान में कहा कि अगर उनकी पार्टी सत्ता में आती है तो वह किसानों की मांगे पूरी करेगी।

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“चलो दिल्ली” के नारे के साथ हज़ारों की संख्या में किसान एक बार फिर दिल्ली की तरफ कूच कर रहे हैं। वजह और मांगे जनमानस से जुड़ी है और वह बस सरकार से लोगों की मांगे पूरी करने के लिए ही यह आंदोलन कर रहे हैं। मांगो को पूरा करने का दिलासा देते हुए सरकार ने किसान के रास्ते में कीले और बैरिकेड्स लगा दिए हैं ताकि वह अपनी मंज़िल तक ही न पहुँच सकें।

इसी बीच कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अंबिकापुर, छत्तीसगढ़ में दिए एक बयान में कहा कि अगर उनकी पार्टी सत्ता में आती है तो वह किसानों की मांगे पूरी करेगी।

बता दें, फिलहाल ताज़ा अपडेट यह है कि दिल्ली की तरफ रुख कर रहे किसानों पर आंसू गैस के गोले व पानी से बौछार की जा रही है ताकि उन्हें तितर-बितर किया जा सके।

सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन ने भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ से अनुरोध किया है कि वह “उपद्रव” पैदा करने, दिल्ली में ज़बरन घुसने वाले व लोगों के दैनिक जीवन में परेशानी खड़ी करने वालों के खिलाफ कार्यवाही करे।

पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने राज्य और केंद्र सरकार और किसानों के बीच सौहार्दपूर्ण समाधान का आह्वान किया है।

कांग्रेस ने कहा, वे करेंगें किसानों की मांगे पूरी

राहुल गांधी ने कहा, “बिकापुर, छत्तीसगढ़: कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा, आज किसान दिल्ली की ओर मार्च कर रहे हैं। उन्हें रोका जा रहा है, उन पर आंसू गैस के गोले छोड़े जा रहे हैं… वो क्या कह रहे थे? वे सिर्फ अपने परिश्रम का फल मांग रहे हैं। भाजपा सरकार ने एमएस स्वामीनाथन को भारत रत्न देने की घोषणा की लेकिन वे एमएस स्वामीनाथन की कही गई बात को लागू करने के लिए तैयार नहीं हैं। उन्होंने अपनी रिपोर्ट में स्पष्ट रूप से उल्लेख किया कि किसानों को वास्तव में एमएसपी का कानूनी अधिकार दिया जाना चाहिए। लेकिन बीजेपी सरकार ऐसा नहीं कर रही… जब भारत सरकार सत्ता में आएगी, तो हम भारत के किसानों को एमएसपी की गारंटी देने वाला (कानून) देंगे। स्वामीनाथन रिपोर्ट में जो कहा गया है, हम उसे पूरा करेंगे।”

कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा, “… कांग्रेस पार्टी यह घोषणा करती है कि हम देश के किसानों को MSP दिलाने के लिए फसलों की व्यापक खरीद के साथ लीगल गारंटी देंगे। जब हमारी सरकार आएगी तो हम इसे लागू करेंगे।”

किसानों की मांगे

– सभी फसलों की खरीद पर MSP गारंटी कानून बनाया जाए. स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट में किसानों को उनकी फसल की लागत से डेढ़ गुना कीमत देने की सिफारिश की गई है।

– सभी फसलों का मूल्य डॉ. स्वामीनाथन आयोग के निर्देशों के अनुसार C 2+50% फॉर्मूले के तहत दिया जाए।

– गन्ने की फसल के लिए और एसएपी डॉ. स्वामीनाथन आयोग की सिफारिश के अनुसार दी जानी चाहिए।

– हल्दी सहित सभी मसाला वस्तुओं की खरीद के लिए राष्ट्रीय आयोग बनाया जाना चाहिए।

– किसानों और खेत मजदूरों की संपूर्ण कर्ज माफी।

– पिछले दिल्ली आंदोलन की लंबित मांगें पूरी की जाएं।

– लखीमपुर खीरी नरसंहार मामले में न्याय किया जाए, दोषी अजय मिश्रा को कैबिनेट से बर्खास्त किया जाए और गिरफ्तार किया जाए। आशीष मिश्रा की जमानत रद्द की जाए और समझौते के मुताबिक घायलों को 10 लाख रुपये दिए जाएं। बता दें कि 2021 में लखीमपुरी खीरी में कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे चार किसानों को कथित तौर पर गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी की गाड़ी ने कुचल दिया था। किसान सरकार से उस घटना में मारे गए लोगों के परिवार को नौकरी और दोषियों को सजा दिलाने की मांग कर रहे हैं।

– दिल्ली आंदोलन समेत देशभर में हुए सभी आंदोलनों के दौरान किसानों पर दर्ज सभी तरह के मुकदमे रद्द किए जाएं। आंदोलन के दौरान शहीद हुए किसानों और मजदूरों के परिवारों को मुआवजा दिया जाए। दिल्ली आंदोलन के शहीद स्मारक के लिए मुआवजा और सरकारी नौकरी, दिल्ली में जमीन दी जाए।

– दिल्ली आंदोलन के दौरान बिजली संशोधन विधेयक को उपभोक्ताओं को विश्वास में लिए बिना लागू नहीं करने पर सहमति बनी थी लेकिन इसे पिछले दरवाजे से अध्यादेशों के जरिए लागू किया जा रहा है, इसे खारिज किया जाना चाहिए।

– वादे के मुताबिक कृषि क्षेत्र को प्रदूषण अधिनियम से बाहर रखा जाना चाहिए।

– भारत को विश्व व्यापार संगठन के समझौतों से बाहर आना चाहिए, विदेशों से कृषि वस्तुओं, दुग्ध उत्पादों, फलों, सब्जियों और मांस आदि पर आयात शुल्क कम नहीं किया जाना चाहिए बल्कि बढ़ाया जाना चाहिए और भारतीय किसानों की फसलों पर प्राथमिकता के आधार पर खरीदा गया।

– 58 वर्ष से अधिक उम्र के किसानों और खेतिहर मजदूरों के लिए 10 हजार रुपये प्रति माह की पेंशन योजना लागू की जाए।

– सरकार को खेत को इकाई मानकर स्वयं प्रीमियम भुगतान कर फसल बीमा योजना लागू करनी चाहिए।

– भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 को उसी रूप में लागू किया जाए तथा केंद्र सरकार द्वारा राज्यों को भूमि अधिग्रहण के संबंध में दिए गए निर्देश व भूमि अधिग्रहण अधिनियम में संशोधन को रद्द किया जाए।

– इस किसान आंदोलन में मनरेगा मजदूरों के लिए 200 दिन की दिहाड़ी और प्रति दिहाड़ी 700 रुपए की मांग भी है। इस योजना में कृषि कार्य को शामिल किया जाना चाहिए।

बता दें, इस बार किसानों द्वारा दोबारा आंदोलन करने की वजह 2020-21 में उनके द्वारा शुरू किये गए आंदोलन से जुड़ी है। इसमें मांगो और वादों को पूरा न करना शामिल है। उस समय केंद्र ने कृषि कानून से जुड़े तीन नियम लागू किये थे, जिसे लेकर किसानों ने विरोध किया था। जब सरकार ने ये तीनों कानून वापस ले लिए और उनसे कहा गया कि उनकी मांगो को पूरा किया जाएगा तो इस भरोसे के साथ किसानों ने अपना आंदोलन वापस लिया था। काफी समय बीतने के बाद भी जब उनकी मांगो को पूरा नहीं किया गया तो उन्होंने दोबारा से उस आंदोलन का आगे बढ़ाया और केंद्र पर अपनी मांगो को पूरा करवाने को लेकर दबाव डाल रहे हैं।

 

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