बांदा जिले में खुले धान खरीदी क्रय केंद्रो में सरकारी समर्थन मूल्य के आधार पर धान की खरीद चल रही है। इसके बावजूद खरीद अभी तक पूरी नहीं हो पाई है। किसान सरकारी सिस्टम में नहीं फंसना चाहते हैं। ऐसे में वह खुले बाजार में ही धान बेचना पसंद कर रहे हैं। बाजार के रेट और सरकारी समर्थन मूल्य के बीच में भी काफी अंतर है। दूसरी बात नगद पैसा मिल जाता है और पंजीयन के लिए भी तहसील के चक्कर नहीं लगाने पड़ते हैं।
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किसानों ने बताया कि धान बेचने से पहले विभाग में पंजीकरण से लेकर लेखपाल स्तर से फसल का सत्यापन कराने तक भी बहुत झंझट होते हैं। इन तमाम झंझटों से बचने के लिए किसान अब सीधे बाजार में प्राइवेट केंद्रो का सहारा ले रहे है। वहां पर किसानों को 2500 से 4500 रुपये तक का जो जैसा धान है उस कीमत पर बिक जाता है। इसी वजह से बाजार में थोड़ा तेजी दिख रही है, जबकि क्रय केंद्रों पर धान कम पहुंच रहा है। सरकारी क्रय केद्रों पर मोटा धान ही किसान लेकर आते हैं जिसमें सिर्फ गिने-चुने किसान ही शामिल हैं।
इस साल धान खरीद का लक्ष्य 83 सौ एमटी का था, लेकिन 2 लाख 30 हजार कुंतल ही खरीदा गया है। ये खरीद 1 नवंबर से शुरु होती है और 29 फरवरी तक चलती है। बांदा में कुछ 50 धान खरीद केंद्र खुले हुए हैं।
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