जिला बांदा| किसानी को और आसान बनाने के लिए और समय की बचत के लिए सरकार ने कृषि यंत्र में अनुदान देने का फैसला तो लिया लेकिन अभी भी इस अनुदान के तहत मिलने वाले कृषि यंत्रों में किसानों को बहुत सारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है| क्योंकि ऑनलाइन पंजीयन के बाद ही कृषि यंत्रों के अनुदान की राशि मिलने की योजना शुरू है लेकिन ऑनलाइन पंजीयन के बाद भी किसानों को यंत्रों की स्वीकृति और छुट बहुत कम मिल पाती है, जिससे किसान परेशान हो जाता है|
अमृतपुर खेरवा के किसान शिव मोहन का कहना है कि उसको सिंचाई के लिए सेक्शन पाइप उठाना था अनुदान के तहत जिसके लिए उसने ऑनलाइन पंजीयन कराया और दौड़-धूप भी की लेकिन उस पंजीयन में नाम गडबडी हो जाने के कारण उनको अनुदान नहीं मिल पाया| बांदा शहर के क्योटरा मोहल्ले में रहने वाले किसान करण सिंह बताते हैं कि उन्होंने अनुदान के तहत कृषि यंत्र के लिए कृषि विभाग में पता किया था और उन्होंने बताया था कि ट्रैक्टर में से 1% की छूट है |
आप कृषि यंत्र खरीद लीजिए लेकिन टोकन के बारे में कुछ नहीं बताया था|जिससे उन्होंने छुट की लालच में आ कर ट्रैक्टर और कल्टीबेटर खरीदा लिया| खरीदने के के बाद जब कृषि विभाग गए तो उन्होंने कहा कि टोकन बढ़ चुके हैं इसलिए आपको ठोकर नहीं मिलेगा और बिना टोकन के आपको छूट नहीं मिलेगी जिससे वह काफी परेशान हुए और उनका कहना है कि यह विभाग सिर्फ किसानों को इस तरह से गुमराह कर रही है जिससे लोग लालच बसाकर कृषि यंत्र खरीद तो लेते हैं |
लेकिन बाद में छूट के लिए उनको भटकना पड़ता है जैसे कि अब वह भटक रहे हैं और उनको छूट नहीं मिली लेकिन घर से पूरा पैसा लग गया तिंदवारी के किसान राजेंद्र द्विवेदी बताते हैं कि हम किसानों को एग्रो के माध्यम से कृषि यंत्र अनुदान में मिलते हैं लेकिन इसमें सबसे बड़ी समस्या यह है कि हम किसानों को और किसान नेताओं को कृषि विभाग द्वारा इसके लिए कोई जानकारी नहीं दी जाती है कि किस अंदाज में किस तरह की छूट है और इसके लिए एक ग्रुप के माध्यम से दुकानें भी बडी होती हैं जिससे लोग खरीद तो लेते हैं |
लेकिन फिर अनुदान के लिए उनको बड़ी मुसीबतों का सामना करना पड़ता है इसका मेन कारण यह भी है कि कि हम किसानों को उतनी जागरूकता भी नहीं रह पाती किसान यूनियन के उप मंडल अध्यक्ष बलराम तिवारी का कहना है कि कृषि यंत्रों में अनुदान के तहत बहुत से किसानों ने यंत्र खरीदे हैं लेकिन उनको छूट के लिए भारी दिक्कतों का सामना करना करना पड़ रहा है जिससे बहुत से किसान अभी भी परेशान है और यह सिर्फ कृषि विभाग की लापरवाही के कारण होता है|