महाकुंभ के भव्य आयोजन में किसान आंदोलन की गूंज भी सुनाई दे रही है। किसान समुदाय ने महाकुंभ में अपना अलग अखाड़ा लगाया है, जहाँ उनके संघर्षों और अधिकारों पर चर्चा हो रही है। युवा प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष संजय सिंह और कई महिला पुरुष किसानों ने हमें बताया कि मेले के भीतर किसानों के हक़ और अधिकारों के लिए विशेष शिविर लगाए गए हैं। इन शिविरों में किसान अपनी समस्याओं को साझा करने के साथ-साथ समाधान के उपायों पर विचार-विमर्श कर रहे हैं। यह आयोजन न केवल आस्था का प्रतीक है बल्कि सामाजिक और आर्थिक मुद्दों पर जागरूकता का मंच भी बन रहा है।
किसान अखाड़े में युवाओं की सक्रिय भागीदारी इसे और खास बना रही है। युवा इस आयोजन को अपने विचार और ऊर्जा से सशक्त बना रहे हैं। वे अपने नए विचार और तकनीकी ज्ञान के माध्यम से किसानों को बेहतर विकल्प सुझा रहे हैं। शिविरों में उनकी भागीदारी यह दर्शाती है कि नई पीढ़ी अब केवल खेतों तक सीमित नहीं है बल्कि वह बड़े स्तर पर किसानों के हक के लिए खड़ी हो रही है। यह पीढ़ी महाकुंभ को अपने संघर्ष और आस्था को जोड़ने का एक जरिया मानती है।
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