जिला महोबा कस्बा महोबा मोहल्ला कीरत सागर के पास में रहने वाले मुल्लू भरभूजा चने के सत्तू बेचने का काम करते हैं। यह उनका पुस्तैनी काम है। जो उनसे पहले उनके पिता बापदादा करते थे। उन्हीं को देखते हुए मुल्लू ने भी चने के सत्तू भूजने का काम शुरू किया। जैसे ही गर्मी की शुरुआत होती है वैसे ही अलग-अलग गाँव के लोग उनके यहां चने के सत्तू भुजवाने आते हैं।
यह है भूजने का तरीका : एक दिन पहले चने को नमक के पानी में भिगोया जाता है। फिर उसे धूप में सुखाया जाता है। उसके बाद वह भट्टी में आग लगाते हैं। पहले बालू को गर्म किया जाता है। उसके बाद चने को गर्म बालू में डाल भूजा जाता है। जब तक चना नहीं फूटता, वह उसे घुमाते रहते हैं। फिर वह भुजे हुए चने को चक्की में पिसवाते हैं। फिर इसे नमक या चीनी में घोलकर चने का सत्तू बड़े ही मज़े से पीया जाता है। गर्मियों के मौसम में यह पीने में बेहद ही स्वादिष्ट लगता है।
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