जिला महोबा, ब्लॉक जैतपुर, गाँव कमालपुरा के लोग पुरानी धरोहर को आज भी कायम रखे हुए हैं। हर साल की तरह इस साल भी कमालपुरा गांव में 5 दिन का मेला लगा है। मेला 8 दिसंबर 2021 को शुरुआत हुआ था। मेले की शुरुआत बाजे, घोड़े, डीजे सहित हुई। पूरे गांव में 20 घोड़े और बाजा-डीजे, दिवारी डांस खेलते हुए शुभारंभ किया गया।
गुलाब रानी और दिलीप ने बताया कि पहले 3 दिन का मेला लगता था। रात-दिन प्रोग्राम रहते थे। अब वह चीज नहीं रह गई है। पहले घोड़े, हाथी से यहां पर सवारियां निकलती थी। इस समय अब यह चलन चल गया है कि डीजे, बैंड-बाजे, घोड़े से आज भी पूरे गांव में घूमते हुए और मेला ग्राउंड तक जाते हैं। यह मेला बहुत ही पुराना है। उन लोगों के जमाने से ही लग रहा है। मेले के लिए 1 साल तक इंतजार करना पड़ता है।
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गुलाब रानी ने बताया कि उन लोगों को बहुत ही अच्छा लगता है। 1 साल में वह अपनी लड़कियों को और रिश्तेदारों को बुलाते हैं। वह कहती हैं, “हमारे गांव में मेला लगने वाला है। आ जाइए… जैसे कि पूरे गांव में हर घर रिश्तेदार मिलेंगे और यहां पर 5 दिन मेला देखेंगे।”
लल्ली ने बताया है कि, “मैं वैसे तो कानपुर में रहती हूं। मेरा गांव-घर कमालपुरा है। जब हमारे गांव का मेला लगता है तो मैं अक्सर अपने गांव आती हूं और मेला देखती हूं। वैसे हमें मेला देखने का घूमने का अवसर नहीं मिलता है लेकिन गांव-घर में मेला लगता है तो खूब घूमने और मज़े करने का मौका मिलता है।”
कमलपुरा गांव के ग्राम प्रधान मनोज राजपूत कहते हैं कि हमारे गांव में सदियों से यह मेला चला आ रहा है। यह 100 साल पुराना मेला है। जबसे मेला शुरु हुआ तब से खत्म नहीं हुआ। पिछले साल महामारी भले ही थी लेकिन फिर भी सोशल डिस्टेंसिंग को देखते हुए हमने मेला करवाया था। इस साल भी अब सोशल डिस्टेंसिंग को देखते हुए मेला लगा हुआ है जिससे अलग-अलग दिन अलग-अलग प्रोग्राम होंगे। आज 8 दिसंबर 2021 को शुरुआत हुआ है जिससे कि 20 घोड़े और तीन-चार कला बाज़ी वालों को बुलाकर हमने पूरे गांव में ढोल नगाड़ा तिर्वा का नाच गाना सहित मेले का शुभारंभ किया है। लगता है हमारे यहां का बुंदेलखंड का मेला है।”
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