भारत सरकार द्वारा सितंबर, 2005 में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम, 2005 पारित किया गया था। इस अधिनियम का उद्देश्य ग्रामीण परिवारों के उन सदस्यों को एक साल में सौ दिनों के रोजगार की कानूनी गारंटी देता है, जो रोजगार की मांग करते हैं और शारीरिक रूप से कार्य करने के लिए तैयार हैं।
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