जिला चित्रकूट के ब्लॉक रामनगर के गाँव लौरी में कई आदिवासी परिवार रहते हैं जिन्हें प्रधानमन्त्री आवास योजना के तहत प्रधान ने आवास दिलवाये थे। लेकिन हाल ही में जब इन लोगों ने प्रधान द्वारा मिली जगहों पर घर बनवाने के लिए काम करवाना शुरू किया तब लेखपाल और कुछ अन्य लोगों ने डरा धमका कर इनका काम रुकवा दिया है।
इन लोगों का कहना है कि इन्हें जंगलों में ज़मीनें दी गयी थीं लेकिन पन्नी दाल कर रह रहे ये लोग अब जंगल की ज़मीनों में भी रहने को तैयार हैं। उधर लेखपाल का कहना है कि जंगल के अंदर लोगों को जो ज़मीनें मिली हैं वो पट्टे की हैं और उस पर वन विभाग का हक़ है, इसलिए बिना जांच किए किसी को भी वहां घर बनाने का अधिकार नहीं है।
मऊ ब्लॉक के एस डी एम नवदीप शुक्ला का कहना है कि लेखपाल और प्रधान चाहें तो इस मामले को सुलझाया जा सकता है और गरीब परिवारों को समय पर आवास मिल सकता है। उन्होंने बताया कि लेखपाल और प्रधान के प्रस्ताव आने के बाद इस मामले की जांच कराइ जाएगी और पात्र परिवारों के आवास बनवाए जाएंगे।
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