शिक्षकों के विरोध के बाद उप मुख्य सचिव केके पाठक ने सभी डीएम को धरना में शामिल होने वालों पर धारा 141,187 के तहत एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया है।
बिहार के शिक्षा विभाग ने संविदा शिक्षकों के लिए पात्रता परीक्षा पास करना अनिवार्य कर दिया है लेकिन इस फैसले सभी शिक्षक खुश नहीं है। इसके विरोध में नियोजित शिक्षकों ने 13 फरवरी को विरोध प्रदर्शन करते हुए विधानसभा का घेराव करने का ऐलान किया है।
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विरोध करने वालों पर होगी एफआईआर
न्यूज़18 की रिपोर्ट के अनुसार,शिक्षकों के विरोध के बाद उप मुख्य सचिव केके पाठक ने सभी डीएम को धरना में शामिल होने वालों पर धारा 141,187 के तहत एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया है।
संविदा शिक्षक बनने के यह हैं चरण
26 दिसंबर, 2023 को आयोजित कैबिनेट बैठक के दौरान, बिहार सरकार ने फैसला लिया था कि राज्य में संविदा शिक्षकों को राज्य सरकार कर्मचारी बनने के लिए योग्यता परीक्षा पास करनी होगी। 1 से 16 फरवरी के बीच परीक्षा के लिए फॉर्म भरे जायेंगें और एडमिट कार्ड 16 फरवरी को ज़ारी किए जाएंगे।
हर शिक्षक को 3 मौके मिलेंगें। इसके लिए 4 चरणों में परीक्षा का आयोजन किया जायेगा। पहली परीक्षा 26 फरवरी को ली जाएगी। अगर इसे नियोजित शिक्षक पास कर गए तो वे राज्यकर्मी का दर्जा हासिल कर लेंगे। अगर कोई इसमें फेल होता है या कोई इस परीक्षा में नहीं बैठ पाता है तो उनके लिए तीन 3 चरणों में लगातार परीक्षाएं होंगी।
क्या है नियोजित शिक्षक का अर्थ?
नियोजित शिक्षक नगर निकाय के कर्मचारी होते हैं। वे राज्य सरकार के कर्मचारी नहीं कहलाते। ये शिक्षक सरकारी स्कूलों में पढ़ाते हैं। अब क्योंकि ये सीधे राज्य सरकार के अधीन नहीं होते इसीलिए उन्हें ट्रांसफर, प्रमोशन, वेतन बढ़ोतरी, डीए समेत राज्य सरकार की कई सुविधाएं प्राप्त नहीं होती हैं।
क्या है सक्षमता परीक्षा?
बिहार में नियोजित शिक्षक अगर सक्षमता परीक्षा को पास करते हैं तो उन्हें स्थायी शिक्षक का दर्जा मिल जाएगा और वे सहायक शिक्षक कहलाएंगे। ये परीक्षा 26 फरवरी से 13 मार्च के बीच आयोजित की जाएगी।
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