दिल्ली विधानसभा चुनाव 2020 का चुनाव प्रचार जोरों पर है। दिल्ली के चुनावी समर में इस बार 672 योद्धा ताल ठोंक रहे हैं। सभी पार्टियां अपनी चुनावी रणनीति बनाने और चुनाव प्रचार अभियान को रफ़्तार देने में व्यस्त हैं। उनके बीच चुनावी समीकरण को अपने पक्ष में करने की कोशिश तेज हो गई है। पिछली बार की तरह इस बार भी विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी (आप), भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) व कांग्रेस पार्टी के बीच त्रिकोणीय मुकाबला है। आप के लिए एक बार फिर से प्रचंड बहुमत के साथ दिल्ली का ताज बचाने की चुनौती है, तो भाजपा के लिए 21 वर्षों की सत्ता का वनवास खत्म करने का मौका।
हमारे देश में चुनाव चाहे लोकसभा के हों या विधानसभा के या फिर पंचायत के मतदाओं को प्रलोभन देने का दौर कोई नया नहीं है। दिल्ली में सियासी उठापटक के बीच 1 फरवरी को उत्तर-प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ चुनाव प्रचार के लिए दिल्ली पहुंचे। चुनाव प्रचार करने के लिए भाई और आज दिल्ली में चुनाव प्रचार का उनका (3 फ़रवरी को) तीसरा दिन है। दिल्ली में योगी ने करावल नगर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव प्रचार की शुरुआत की। इस दौरान तमाम मुद्दों पर केजरीवाल और आम आदमी पार्टी सरकार को घेरते हुए उन्होंने शाहीन बाग की भी चर्चा की और वहां डेढ़ महीने से प्रदर्शन पर बैठे लोगों पर निशाना साधा।
उन्होंने कहा कि शाहीन बाग का धरना नागरिकता कानून को लेकर नहीं है। ये धरना इस बात को लेकर है कि भारत दुनिया में एक ताकत के रूप में कैसे उभर रहा है। उनकी चिढ़ ये है कि इनके पूर्वजों ने भारत के टुकड़े कर दिए थे, लेकिन आज भारत एक भारत श्रेष्ठ भारत कैसे बन रहा है। इनके पूर्वजों ने भारत की आन बान शान के साथ हमेशा खिलवाड़ किया है।
खबरों के मुताविक योगी ने शाहीन बाग का जिक्र करते हुए लोगों से पूछा कि आप शाहीन बाग चाहते हो या दिल्ली की सुख समृद्धि? उन्होंने कहा मैं दिल्ली में यही समझाने आया हूं कि किस तरीके से मोदी सरकार ने और उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने मिलकर राम मंदिर का रास्ता साफ कर दिया है। नागरिकता कानून को लेकर जिस तरीके से लोगों को भ्रमित किया जा रहा है, वह देश के लिए अच्छा संदेश नहीं है।
चुनाव के पहले लोगों को लुभावने वादे देने के लिए हर पार्टियाँ लुभावने वादे करती हैं लेकिन जीतने के बाद उसका कितना असर होता है ये बात सिर्फ बड़े ही नहीं बच्चे को भी पता होती है। चुनाव के दौरान किये गये वादे और उनके काम के बीच फ़ासला लगातार बढ़ रहा है, इससे आम लोगों में निराशा बढ़ रही है। हालांकि दिल्ली में जो लोगों से सुनने को मिलता है की केजरीवाल सरकार ने अच्छा काम किया है लोग उनके काम का बखान करते नहीं थकते चाहे बिजली, पानी की बात करें या फिर शिक्षा की। और हाँ महिलाओं के लिए बस में फ्री सफ़र की सुविधा से महिलाएं उनका बखान करते नहीं थकती, लेकिन चुनावी दंगल तो अब शुरू हो गया है अब देखना ये है की दिल्ली की जनता 8 फ़रवरी को किसकी बटन दबाएगी? और किसकी बनेगी सरकार।