खबर लहरिया ताजा खबरें बज चुका चुनावी बिगुल देखिए जिलों में हलचल द कविता शो, एपिसोड 77

बज चुका चुनावी बिगुल देखिए जिलों में हलचल द कविता शो, एपिसोड 77

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10 मार्च को लोकसभा चुनाव का बिगुल बज गया है चुनाव आयोग ने हर राज्य में चुनाव की तारीखे घोषित कर दी हैं तारीखे सुनते ही नेता मंत्रियो के चेहरे खिल उठे हैं साथ ही आचार सहिता की धारा 144 भी लागू कर दी गई है चुनाव प्रचार की होडिगों को रातो रातो निकालने का काम सुरु हैयह चुनाव 7 चरण में होगे पहला चरण: 11 अप्रैल, सीट- 8 सीट, क्षेत्र- सहारनपुर, कैराना, मुजफ्फरनगर, बिजनौर, मेरठ, बागपत, गाजियाबाद, गौतमबुद्ध नगर और अंतिम चरण 19 मई- देवास, उज्जैन, धार, खंडवा, इंदौर, मंदसौर, रतलाम, खरगोन को होगा 23 मई को चुनाव के नतीजे सामने आयेगें इस बार के चुनाव के लिए लोगों के अंदर काफी उत्साह देखने को मिल रहा रहा है लोग ख रहे हैं वो घड़ी आ ही गई जिसका इंतजार था

चुनाव का महा पर्व चल रहा है रातो दिन नेता मंत्रियों की चर्चा होती है किसको टिकट मिलेगा इस बार किसको मिलना चहिये किसको नहीं इस बार जनता अपनी मर्जी का नेता चुनना चाहती है जनता विकास के साथ साथ अपने नेता का व्यवहार और रिकार्ड भी देखना चाहती है तो वही पर चुनाव आयोग ने जनता के मन की बात सुन भी ली है चुनाव आयोग की ओर से जारी निर्देशों के अनुसार, राजनीतिक दलों को भी अपने उम्मीदवारों के आपराधिक रिकॉर्ड का विज्ञापन देना होगा.इसका मतलब है कि चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों और पार्टियों को प्रचार अवधि के दौरान व्यापक रूप से प्रसारित समाचार पत्रों तथा लोकप्रिय टीवी चैनलों में कम से कम तीन अलग-अलग तारीख़ों पर अपने आपराधिक रिकॉर्ड को सार्वजनिक करना होगा. उम्मीदवारों को संबंधित दलों को यह बताना होगा कि कितने मामलों में उनके ख़िलाफ़ आरोप सिद्ध हुए हैं और कितने मामले लंबित हैं.

इस नियम का पालन करने में विफल रहने वाले दलों पर मान्यता ख़त्म होने या निलंबित होने का ख़तरा रहेगा.

इस बार के चुनाव में जनता चाह रही हैं की चुनाव का एजेंडा जनता के हित में हो पार्टी धर्म के नाम पर राजनीति न लोगों की मूलभूत जरूरते चुनाव का एजेंडा हो और घोषणा पत्र में शामिल हो 5 मार्च को दिल्ली के एक प्रोग्राम में मुझे बुलाया गया एक पैनल में चर्चा करने के इस प्रोगाम का नाम था हक की बात यहाँ पर लोगों ने अपने इलाके और गांवो के मुद्दों पर बात की और सरकार से अपनी बात एजेंडा में शामिल करने को कहा राजस्थान से आई दो सहरिया जाति की महिलाओं ने कहा की सरकार उनको खाद्य वितरण सामाग्री कम कर दिया है राशन कार्ड में तीन किलो गेहू दो किलो चावल देती हैं क्या इतने राशन में एक आदमी 30 दिन खा सकता है ? पहले चीनी मिलती थी अब चीनी भी बंद कर दी गई है उनके सहरिया बस्ती में पीने के पानी की ठीक से व्यवस्था नहीं है रहने के लिए आवास नहीं है

विकलांग बच्चों ने कहा की उनको सरकार ने दिव्याग का नाम बीएस दे दिया है इसके बाद कुछ किया नहीं है नाम बदलने से कुछ नहीं होता है सरकार हमारे लिए नौकरी दे हमको नौकरी में आरक्षण दे 500 रुपय की पेंशन से हमारे लिए कुछ नहीं होता है हमारे लिए सदके हो ताके हम ठीक से चल सके स्कुलो में आरक्षण हो

सफाई कर्मियों ने कहा की पुरे देश की हम करते है लेकिन सरकार कोइ सुबिधा नहीं देती है कितने सफाई कर्मियों की गटर के अंदर मौत हो गई क्योकि उनको माक्स और वेल्ट नहीं दिया गया था ऐसे मौतों को कई बार दबा दिया जाता हैं सरकार मुआवजा भी नहीं देती है कम पैसे काम करवाती है राजस्थान के मेवाड़ जिले से खालिद भाई जो किशान उन्होंने धर्म के नाम राजनीति को बंद करने की अपील की है और गाय के नाम पर मुसलमानों की हत्या पर रोक लगाने की माग की है इसी तरह से किशानों की हालात को सुधारने के लिए सिर्फ कर्ज माफी काफी नहीं है क्रषि के शेत्र को सुधारना के लिए सरकार कुछ ठोस काम करे ताकि किशान न तो कर्ज ले न ही सरकार को माफ केना पड़े महिलाओं के मुद्दे भी एजेंडा भी शामिल हो तो पार्टिया अब सचेत हो जाए जनता अब जाग गई है उनकी दोग्लेबाजी इस लिए ओट के पहले ही कई तरह के सवाल क्र रही है