बर्ड फ्लू को देखते हुए सरकारी अस्पतालों को अलर्ट पर रखा गया है और उन्हें सावधानी बरतने को कहा है। जिन लोगों को बुखार, ज़ुकाम और सांस लेने में कठिनाई हो रही है, उनके खून की जांच के बाद ही उनका इलाज करने का निर्देश दिया गया है।
बिहार सरकार ने राज्य के पटना, भागलपुर और जहानाबाद जिलों में बर्ड फ्लू ((H5N1 वायरस) के मामले सामने आने के बाद, सरकारी स्कूलों में मिलने वाले मिड-डे मील से अस्थायी रूप से अंडे हटा दिए हैं। बताया गया कि यह निर्णय केंद्रीय मत्स्यपालन, पशुपालन, और डेयरी मंत्रालय द्वारा बिहार समेत कई राज्यों में बर्ड फ्लू को लेकर जारी किये अलर्ट के बाद लिया।
प्राथमिक शिक्षा और मिड-डे मिल निदेशक साहिला ने बताया कि, “अंडो की जगह मौसमी फल जैसे सेब या केला दिए जाएंगे। विभाग संबंधित जिला अधिकारियों को स्थिति सामान्य होने के बाद अंडे फिर से मिड-डे मील में शामिल करने के लिए सूचना देगा।”
लोगों से मुर्गी और उसके अंडे न खाने की अपील
बर्ड फ्लू को लेकर सरकार ने लोगों से अपील की है कि वह घबराए नहीं। रिपोर्ट्स के अनुसार, अधिकारियों ने संक्रमित क्षेत्रों के 1 किलोमीटर के दायरे में सभी मुर्गियों और बतख को मारने का आदेश दिया है। डाउन टू अर्थ की रिपोर्ट के अनुसार, अकेले भागलपुर में पिछले कुछ दिनों में 3 हज़ार से ज़्यादा मुर्गियां मारी गईं हैं और सैंकड़ों अंडों को नष्ट किया गया है।
सरकार द्वारा स्थानीय मीडिया के ज़रिए लोगों से अपील की गई है कि वे वर्तमान स्थिति को देखते हुए मुर्गी और उसके अंडे खाने से बचें।
इसके आलावा सरकारी अस्पतालों को अलर्ट पर रखते हुए उन्हें सावधानी बरतने को कहा है। जिन लोगों को बुखार, ज़ुकाम और सांस लेने में कठिनाई हो रही है, उनके खून की जांच के बाद ही उनका इलाज करने का निर्देश दिया गया है।
सबसे पहले यहां सामने आया बर्ड फ्लू का मामला
रिपोर्ट्स के अनुसार, 27 फरवरी 2025 को पटना में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) के परिसर में मुर्गियां मृत पाई गईं। इनके नमूने जांच के लिए भोपाल स्थित राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशु रोग संस्थान भेजे गए थे। स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया कि जांच के अनुसार, मुर्गियों की मौत बर्ड फ्लू से हुई थी।
बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे के कहा कि राज्य में बर्ड फ्लू की पुष्टि के बाद स्वास्थ्य विभाग द्वारा स्थिति को लेकर निगरानी की जा रही है।
वहीं पटना के संजय गांधी जैविक उद्यान (चिड़ियाघर) को अलर्ट पर रखा गया है। पक्षियों और जानवरों की सुरक्षा को देखते हुए पक्षियों के पिंजरों के पास कीटनाशक छिड़वाने का काम किया गया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पड़ोसी राज्य झारखण्ड में भी बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई है व वहां भी मुर्गियों और बतख को मारने का काम शुरू कर दिया गया है ताकि इसके फैलाव को रोका जा सके।
बर्ड फ्लू क्या है?
बर्ड फ्लू एक संक्रामक बीमारी है जो खासकर मुर्गी, बतख और अन्य जंगली पक्षियों को प्रभावित करती है। यह बीमारी H5N1 वायरस की वजह से होती है।
इंसानों में कैसे फैलता है बर्ड फ्लू?
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, इंसानों में बर्ड फ्लू का संक्रमण कई तरीकों से हो सकता है, जैसे:
- सीधा संपर्क – इसमें संक्रमित पक्षियों, उनके मल, रक्त या अन्य शारीरिक पदार्थों के सीधे संपर्क में आने से लोगों में वायरस का संक्रमण हो सकता है।
- संक्रमित अंडे या मांस खाना – अगर संक्रमित अंडा या मांस सही से नहीं पका है और उसका सेवन किया जा रहा है तब भी लोग इससे संक्रमित हो सकते हैं।
- हवा के ज़रिये संक्रमण – मौजूदा जानकारी के अनुसार, संक्रमित पक्षियों के मल या शारीरिक तरल पदार्थों से निकलने वाले सूक्ष्म कणों को श्वास के ज़रिए अंदर लेने से भी संक्रमण हो सकता है।
बर्ड फ्लू के लक्षण
बर्ड फ्लू यूं तो मुख्य रूप से पक्षियों को प्रभावित करता है लेकिन कुछ मामलों में यह इंसानों में भी फ़ैल सकता है। इसके लक्षण कुछ इस तरह के होते हैं: –
- सांस लेने में मुश्किल – जैसे खांसी, गले में खराश और सांस लेने में कठिनाई का सामना करना
- बुखार
- मांसपेशियों में दर्द – शरीर में दर्द और कमज़ोरी महसूस करना
- आंखो में जलन
- उल्टी, दस्त या पेट दर्द जैसी समस्याएं
बर्ड फ्लू से बचाव के उपाय
- व्यक्तिगत स्वछता का ध्यान रखना
– पक्षियों के संपर्क में आने के बाद आपने हाथों को अच्छे से साबुन से धोएं।
– खांसते या छींकते समय अपने मुंह को किसी कपड़े से ढकें।
- पोल्ट्री उत्पादों को सही से पकाएं ( जैसे – मुर्गी और अन्य पक्षियों का मांस व अंडा)
- बीमार पक्षियों से दूर रहें व कोई बीमार पक्षी पाए जाने पर उसकी सूचना स्थानीय अधिकारियों को दें।
- पोल्ट्री फार्म में काम करते समय सुरक्षा की दृष्टि से मास्क और दस्ताने हर समय पहनें।
अधिक सलाह व जानकारी के लिए अपने आसपास मौजूद स्वास्थ्य अधिकारियों की सलाह लें।
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