भारतीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन और प्रदर्शनी केंद्र की आधारशिला रखे जाने के मौके पर पीएम मोदी ने यह कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था 2022 तक दोगुनी होकर 5,000 अरब डॉलर की हो जाएगी और इसमें विनिर्माण, कृषि क्षेत्र का योगदान 1,000-1,000 अरब डालर का होगा।
उन्होंने यह भी कहा कि सरकार देश के हित में कड़े निर्णय करने से नहीं हिचकेगी। इसी संदर्भ में उन्होंने इसी सप्ताह सरकारी क्षेत्र के तीन बैंकों– देना बैंक, विजया बैंक और बैंक ऑफ बड़ौदा के विलय की घोषणा का जिक्र किया। इस विलय से बना बैंक तीसरा सबसे बड़ा बैंक होगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था 8 प्रतिशत से अधिक दर से वृद्धि कर रही है और सूचना प्रौद्योगिकी और खुदरा क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर सृजित हो रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि देश का वृहत आर्थिक आधार मजबूत है।
उन्होंने कहा कि सरकार के मेक–इन–इंडिया पर जोर से उपयोग हो रहे 80 प्रतिशत मोबाइल फोन अब देश में बनने लगे हैं। इससे विदेशी मुद्रा खर्च में तीन लाख करोड़ रुपये की बचत करने में मदद मिली है।
बैंकों के विलय के अलावा उन्होंने सरकार के साहसिक कदमों में माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के क्रियान्वयन का जिक्र किया। जीएसटी में केंद्रीय और राज्यों के स्तर के 17 करों को समाहित कर दिया गया है।