खबर लहरिया Blog Ram Navami: रामनवमी के दौरान, कलकत्ता, कानपुर और प्रयागराज में कथित हिंसा

Ram Navami: रामनवमी के दौरान, कलकत्ता, कानपुर और प्रयागराज में कथित हिंसा

लोग धर्म के प्रति इतने सवेंदनशील हो गए हैं कि वह धर्म की सुरक्षा के लिए किसी हिंसा और घटना का हिस्सा बन जाते है। रामनवमी पर भी यही हुआ हालांकि इस बात में कितनी सच्चाई है इसकी पुष्टि पुलिस कर रही है।

रमानवमी पर जुलूस की सांकेतिक तस्वीर (फोटो साभार: पीटीआई)

कल रविवार 6 अप्रैल 2025 को रामनवमी के दौरान कई इलाकों से हिंसा की खबर सामने आई जिसमें कानपुर, प्रयागराज, कलकत्ता शामिल है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार कानपुर इलाके में रामनवमी जुलूस के दौरान पथराव की खबर सामने आई जिसके बाद पुलिस ने इसे अफवाह बताया। इसी तरह से प्रयागराज के सिकंदरा इलाके में सालार मसूद गाजी दरगाह की छत पर कथित तौर पर उपद्रवियों ने भगवा झंडा लगाया जिसके बाद यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। पुलिस इसकी जाँच में लगी है। कलकत्ता में बीजेपी ने पार्क सर्कस इलाके में रामनवमी जुलूस से लौटते समय हमले का आरोप लगाया लेकिन इसके जवाब में कोलकाता पुलिस ने पार्क सर्कस में इस तरह का कोई जुलूस नहीं निकाला गया था।

देश में धार्मिक उन्माद का असर लोगों के बीच इतना बढ़ गया है कि चाहे हिन्दू का पर्व हो या मुस्लिम का हिंसा का रूप ले लेता है जो कि चिंता की बात है। लोग धर्म के प्रति इतने सवेंदनशील हो गए हैं कि वह धर्म की सुरक्षा के लिए किसी हिंसा और घटना का हिस्सा बन जाते है। रामनवमी पर भी यही हुआ हालांकि इस बात में कितनी सच्चाई है इसकी पुष्टि पुलिस कर रही है। इस दौरान कोई अफवाह भी फैलती है तो पुलिस ऐसी अफवाह पर ध्यान न देने को कहती है।

रामनवमी के दौरान कानपुर में पथराव

मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक कानपुर के सुप्रसिद्ध श्रीराम लला मंदिर रावतपुर गांव जुलुस के दौरान इस तरह की पथराव की खबर पहली बार आई है। पुलिस को इसकी शिकायत लिखित में मिली थी। रामनवमी से एक दिन पहले यानी शनिवार 5 अप्रैल को ही लाउडस्पीकर उतरवा लिए गए थे जिसको लेकर हिन्दू संगठन और पुलिस के बीच बहस हुई। इस वजह से लोग गुस्सा हो गए। जानकारी के अनुसार यह शोभा यात्रा विश्व हिंदू परिषद व बजरंग दल की तरफ से निकाली जा रही थी।

पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) श्रवण कुमार सिंह ने कहा कि – शोभा यात्रा के आयोजकों के द्वारा एक लिखित शिकायत मिली थी। इस शिकायत में दावा था कि शोभा यात्रा से लौट रहे लोगों पर नई सड़क के नजदीक चंद्रेश्वर हाता के पास की इमारत की छत से कथित पथराव किया गया। पुलिस ने वीडियो के सामने आने पर इस बात को अफवाह बताया क्योंकि वीडियो में ऐसा प्रतीत नहीं हो रहा कि पत्थर से हमला किया गया हो और पत्थर से चोट भी नहीं लगी है। पुलिस ने कहा स्थिति नियंत्रण में है।

कानपुर में पुलिसकर्मी (फोटो: पीटीआई)

 

लोगों से अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील

डीसीपी ने न्यूज एजेंसी पीटीआई को बताया – “हमने लोगों से शांति बनाए रखने और अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की है।”

रामनवमी पर प्रयागराज में दरगाह पर भगवा झंडा

सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में प्रयागराज के सिकंदरा इलाके में सालार मसूद गाजी की दरगाह की छत पर तीन लोग भगवा झंडा लहराते हुए और जय श्री राम के नारे लगाते हुए देखे गए।

रामनवमी के अवसर पर प्रयागराज में दरगाह पर भगवा झंडा लहराते हुए तीन लोगों की तस्वीर (फोटो साभार: सोशल मीडिया)

इसे बाद सूचना मिलने पर अधिकारी मौके पर पहुंचे और लोगों को बाहर निकाला।  गंगा नगर के डीसीपी कुलदीप सिंह गुनावत के अनुसार, इस घटना में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा रही है।  उन्होंने कहा कि इलाके में शांति बनी हुई है।

कलकत्ता में बीजेपी ने रामनवमी जुलूस पर हमले का लगाया आरोप

टाइम्स ऑफ़ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार भारतीय जनता पार्टी की पश्चिम बंगाल इकाई ने कल रविवार 6 अप्रैल 2025 को रामनवमी के अवसर पर कोलकाता के पार्क सर्कस इलाके में रामनवमी जुलूस से लौटते समय हमले का आरोप लगाया। पश्चिम बंगाल भाजपा के अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री सुकांत मजूमदार ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा- “जैसे ही रामनवमी जुलूस लौट रहा था, कोलकाता के पार्क सर्कस सेवन पॉइंट इलाके में हिंदू भक्तों पर बर्बरतापूर्वक हमला किया गया। भगवा झंडा ले जाने के लिए वाहनों पर पथराव किया गया। विंडशील्ड तोड़ दिए गए। अराजकता फैला दी गई ।”

पश्चिम बंगाल भाजपा के अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री सुकांत मजूमदार द्वारा शेयर की गई वीडियो में गाड़ियों के टूटे हुए कांच की तस्वीर (फोटो साभार: सोशल मेडिया)

 

उन्होंने आगे कहा कि यह लक्षित (पहले से तय) हिंसा थी। और पुलिस कहां थी? उन्होंने पुलिस को खामोश और रीढ़ विहीन बताया। इसके साथ ही पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर भी टिप्पणी करते हुए कहा कि उनकी राजनीति पूरी तरह से आपहिज हो गई है। इस तरह से निर्दोष हिंदुओं की रक्षा के लिए एक भी कदम नहीं उठाया गया। यह कायरतापूर्ण निष्क्रियता एक बात साबित करती है। रामनवमी के दौरान एकजुट बंगाली हिंदुओं की दहाड़ ने व्यवस्था को हिला दिया है। ममता की लाड़ली “शांति वाहिनी” शांतिपूर्ण नहीं है – वे घबराए और डरे हुए है। यह जान लें कियह तो बस शुरुआत है। हम कोलकाता से वादा करते हैं – अगले साल, पार्क सर्कस से और भी बड़ा, जोरदार और शक्तिशाली रामनवमी जुलूस निकलेगा और वही पुलिस वाले जो आज चुप खड़े थे? वे हम पर फूल बरसाएंगे। इन शब्दों पर ध्यान दें

पुलिस ने इस घटना से किया इंकार

कलकत्ता पुलिस ने सोशल मीडिया X पर पोस्ट कर के जानकारी दी कि “पार्क सर्कस में हुई कथित घटना के संदर्भ में यह स्पष्ट किया जाता है कि किसी भी जुलूस के लिए कोई अनुमति नहीं ली गई थी, न ही इलाके में ऐसी कोई गतिविधि हुई थी। वाहन को नुकसान पहुंचने की सूचना मिलने पर पुलिस ने तुरंत हस्तक्षेप कर व्यवस्था बहाल की। ​​मामले की जांच के लिए मामला दर्ज किया जा रहा है। लोगों से अपील है कि वे किसी भी अफवाह पर ध्यान न दें।”

हम बात करें यदि इन हिंसाओं के बीच प्रेम और एकता की तो ऐसे खबरें बहुत कम हो गई हैं और इन ख़बरों की जगह हिंसा वाली खबरों ने ले ली है। इस तरह की खबरों का असर मानवीय एकता, अखंडता को और कमजोर करता है।

 

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