टीकमगढ़ जिले के मोहनगढ़ तहसील के गांव खेरा हरिजन बस्ती के लोग बिजली ना होने की वजह से कई सालों से परेशान हैं। लोगों का कहना है कि उनकी बस्ती को बसे हुए लगभग 35 से 40 साल हो गए। लेकिन आज तक उनकी बस्ती में कभी भी पूरी तरह से बिजली नहीं दी गयी है। गांव में तकरीबन 40 लोगों का परिवार रहता है। गांव के लोगों का कहना है कि जो लाइटें खेतों में लगी हुई हैं, वो भी सिर्फ दो समय, चार और पांच घण्टों के लिए ही रहती है। लेकिन उनके घरों में बिजली नहीं है।
जिससे बच्चों की पढ़ाई में भी तकलीफ़ आती है। जिसकी वजह से वह खेतों में मकान बनाकर रहते हैं। वह कहते हैं कि चुनाव के समय तो उन्हें बिजली देने का वादा किया जाता है, लेकिन चुनाव खत्म होने के बाद कुछ भी नहीं किया जाता। ग्राम पंचायत खैरा के सचिव लखन यादव का कहना है कि उन्होंने बस्ती में बिजली उपलब्ध कराने के लिए कई आवदेन डाले हैं।
लेकिन विद्युत विभाग द्वारा उस पर कोई कदम नहीं उठाया गया है। हालांकि, लोगों के खेतों के लिए बिजली दी जा रही है। मोहनगढ़ विघुत विभाग के ओ.आर.सी कुवंर लाल यादव का कहना है बस्ती के आठ परिवार खेतों में मकान बनाकर रहे हैं। खेतों के लिए कुल 10 घण्टें बिजली भी दी जाती है। खेतों में रहने वाले लोगों के लिए खेतों के अनुसार ही लाइट दी जाती है।
वहीं बस्ती में कोई नही रहता, जबकि सबके घरों में बिजली का कनेक्शन हो रखा है। उनके तरफ से लोग जहां रह रहे हैं, उनके लिए पर्याप्त बिजली दी जा रही है। लेकिन सवाल यह है कि अगर बस्ती में बिजली का कनेक्शन है तो लोग खेतों में मकान बनवाकर क्यों रह रहे हैं? अगर बस्ती में बिजली आती तो लोग खेतों में क्यों रहते? वहीं अगर बस्ती में बिजली होती तो सचिव द्वारा विद्युत विभाग को प्रस्ताव क्यों दिया जाता?