जिला बांदा| नहर में पानी ना छोड़ा जाने से बांदा जिले किसान गेहूं की फसल को लेकर बहुत ही चिंतित नजर आ रहा है| किसानों का कहना है कि 10 जनवरी को नहीं छोड़ दी जाती थी लेकिन इस साल नहर में पानी नहीं आ रहा और ना ही उनको पलेवा के समय पानी मिला काटने के बाद किसानों ने उसे नामी में जुताई करके गेहूं की फसल बो दी थी और अब उसमें पानी लगाने के लिए अधिक समय से पानी नहीं मिल रहा है जिससे उनकी फसल बर्बाद हो रही है| किसानों का कहना है कि इतनी मेहनत मजदूरी से वह खेती करते हैं और खून पसीना एक करते हैं भारी भरकम जोताई भाई और खाद बीज में पैसा खर्च होता है लेकिन उस समय से सिंचाई ना होने के कारण आभार में बाधाएं आ जाते हैं |
हंसी नहीं हो पाते जिससे किसानों की लागत भी नहीं निकल पाती इसलिए वह चाहते हैं कि जल्द से जल्द नहरों में पानी छोड़ा जाए ताकि किसान गेहूं की सिंचाई कर सकें पानी नहीं छोड़ा जाता तो किसान भुखमरी मुश्किल हो जाएगा| नगर प्रखंड बांदा के अधिशासी अभियंता अरविंद कुमार पांडे का कहना है कि इस साल बारिश कम होने से बांधों में पानी ज्यादा नहीं रहा और जो भी हमारे बांध है और जहां से पानी आता है वह सारे एमपी में होते हैं फिर भी बराबर कोशिश करते रहे और उनको खंड तृतीय के से पता चला है कि बांध के सारे फाटक खोल दिए गए हैं और इतना भी बांध में पानी है वह छोड़ दिया गया है आज रात तक अंगारा पानी पहुंच जाएगा और फिर वहां से वितरण शुरू हो जाएगा और यह नहर लगभग 10 दिन तक के लिए चली गई जिसमें किसानों को पर्याप्त मात्रा में सिंचाई के लिए पानी मिल सके