खबर लहरिया जवानी दीवानी चित्रकला में रूचि से सीमा बुन रही सपने

चित्रकला में रूचि से सीमा बुन रही सपने

उत्तर प्रदेश के जिला ललितपुर, ब्लाक महरौनी ग्राम पंचायत साडूमल| इस छोटे से गांम कि रहने वाली कक्षा 7 कि छत्रा सीमा बचपन से ही चित्रकला की शौकीन है और उसका सपना है की आने वाले समय में वह एक बडी चित्रकार बने|
सीमा गांव के ही पूर्व माध्यमिक विद्यालय पढ़ती हैं| उसका कहना है कि जब वह कक्षा 5 में थी तभी से उसने चित्रकला को अपनी पसंद बना लिया था और जो भी चित्रकला टीचर बनवाते थे| वह उन्हें बहुत ही रुची के साथ सबसे आगे बनाने की कोशिश करती थी| ये देखकर टीचर बहुत खुश होते थे और मन वह भी उसे मन लगा कर सीखिते थे| आज वह सभी प्रकार की चित्रकला बनाती हैं| चाहे जिस विषय पर चित्रकला करने का काम दे दिया जाए| मन लगा कर करते हैं| क्योंकि जितना पढ़ने में मन नहीं लगता उससे ज्याद अपनी चित्रकला बनाने और सहेलियों कि चित्रकला बनाने में लगता है|
उसकी सारी सहेलियां भी उसी से फूल बदक सहित जैसी जितनी भी चित्रकला है उसी से बनवाती है| क्योंकि ये चित्रकला भी एक अच्छा हुनर है| उसके मां-बाप भी उसकी इस रुची को देखकर बहुत खुश हैं| उन्हें भी यही लगता है की जिससे उनकी लडकी की रुची है उसी के साथ आगे बढे और इसके लिए वह उसको प्रोत्साहित भी करते रहते है|


अभी वह साडी का किनारी, बदक, हाथी मोर,गुलाब, कमल सभी जैसे की कई प्रकार की चित्रकला बनाती है और बहुत खुशी महसूस करती है| इससे उसके स्कूल को टीचरों को भी बहुत गर्भ हो रहा है| वह दो भाई बहन हैं| जब कोई चित्र बना कर पूरा तैयार कर लेती है हम और उसमें रंग भर के 2 घंटे में तैयार कर लेती हैं थो और टीचर अच्छे नंबर देते हैं उस छोटी सी कला में तो उसका हौंशला और भी बढ जाता है|

उसकी ख्वाहिश है चित्रकला से ही आगे चलकर वह अच्छी पेंटिंग करें और जब घर में शादी वगैरा होती है वह दीवाल लेखन भी करती हैं|
सीमा के पिता शुखलाल कुशवाहा कहना है कि उनकी बच्ची कला में बहुत ही आगे है| ये उसके बचपन का शौक है जब वह घर म रोटी बनाती थी तो सुखे आटे से चित्र बनाया करती थी और खेतों में जाती थी तो मिट्ठी की इस लिए उन्हें उम्मीद है कि वह आगे बढे और उनका नाम रोशन करे|