यूपी के डॉक्टर डेथ अपने फ़ायदे के लिए लोगों को मारकर लाशें मगरमच्छों को खिलाता था। राजस्थान पुलिस ने डॉक्टर डेथ को गिरफ़्तार कर लिया है।
लेखन – रचना
डॉक्टर डेथ जो वर्तमान में काफ़ी चर्चे पर है। एक दिल दहलाने वाली खबर सामने आइ है। डॉक्टर डेथ का असली पहचान देवेंद्र शर्मा है जो यूपी के अलीगढ़ का रहने वाला है। डॉक्टर देवेंद्र लोगों को मार कर उनकी लाशों को यूपी के कासगंज में बहने वाली हज़ारा नहर में फेक मगरमच्छों को खिला देता ताकि किसी को सबूत ना मिले। इसके पीछे उसकी अपनी रणनीति थी। खबरों के मुताबिक़ डॉक्टर देवेंद्र टैक्सी और ट्रक ड्राइवरों को अगवा कर उनको जान से मार देता। उनके शरीर से किडनी निकालकर लाशें नहर में फेंक देता। उसके संपर्क कई राज्यों के डॉक्टरों और बिचौलियों से थे। किडनी ट्रांसप्लांट के बदले उसे 5 से 7 लाख रुपये मिलते थे।
डॉक्टर देवेंद्र शर्मा के अपराधों की हकीकत
डॉक्टर देवेंद्र 1984 में बिहार में बीएएमएस यानी आयुर्वेदिक डॉक्टर का पढ़ाई किया। फिर राजस्थान के बांदीकुई में जनता क्लिनिक खोला। कुछ समय तक सभी ठीक चल रहा था फिर 1994 में एक गैस एजेंसी घोटाले में उसके साथ 11 की ठगी हुई और तभी से उसका दीमक घुमा और उसने अपने फ़ायदे के लिए मासूम लोगों की जान लेना शुरू दिया। 1995 से 2004 के बीच देवेंद्र शर्मा ने कई अपराध किया। कभी गैस एजेंसी के नाम पर ठगी, कभी किडनी बेचना और फिर टैक्सी, ट्रक ड्राइवरों का मर्डर। 1995 से 2004 के बीच देवेंद्र शर्मा ने एक और डॉक्टर अमित के साथ मिलकर चलाया एक बड़ा किडनी ट्रांस प्लांट रैकेट। कुछ 125 किडनी इनके द्वारा बेचा गया। दिल्ली पुलिस के डीसीपी क्राइम आदित्य गौतम ने डॉ. देवेंद्र शर्मा (डॉ डेथ) के बारे एएनआई को जानकारी देते हुए बताया। इसका वीडियो एएनआई ने सोशल मीडिया X पर शेयर किया।
#WATCH | Delhi: On fugitive serial killer ‘Doctor Death’ arrested in Dausa, Rajasthan, Aditya Gautam, DCP Crime says “Dr. Devendra Sharma has been involved in many murder cases, due to which he became famously known as ‘Doctor Death’. His involvement has been found in about 26-27… pic.twitter.com/KW8tEbPkrW
— ANI (@ANI) May 21, 2025
देवेंद्र पर हुई कई बार क़ानूनी कार्यवाही
देवेंद्र शर्मा को उसके अपराध के लिए कई बार गिरफ़्तार किया गया साल 2004 और 2023 में। साल 2004 में सीरियल किलिंग के मामले में गिरफ़्तार किया गया था। उस दौरान हरियाणा के अदालतों ने उसे सात अलग-अलग मामलों में ऊम्र क़ैद की सज़ा सुनाई। फिर 2020 में अच्छे चाल चलन की वजह से जयपुर सेंट्रल जेल से पैरोल पर रिहा कर दिया गया। पैरोल अवधि ख़त्म होने के बावजूद वह वापस नहीं लौटा। उसी साल कुछ समय बाद कनॉट प्लेस में एक विवादित बिल्डिंग बेचने की कोशिश में उसे दोबारा गिरफ़्तार कर तिहाड़ जेल भेज दिया गया। एक बार फिर देवेंद्र शर्मा को पैरोल दी गई। जून 2023 में जेल से लौटकर वापस जेल नहीं गया।
दिल्ली पुलिस को देवेंद्र का असली पता आश्रम से मिला
दिल्ली पुलिस और तमाम मीडिया चैनलों के मुताबिक़ देवेंद्र शर्मा अपना असली पहचान छुपा कर हरियाणा में एक आश्रम में बाबा के वेश में रहता था। छः महीने पहले देवेंद्र शर्मा ने मोबाइल रीचार्ज किया था जिससे पुलिस उसे ट्रेस (निगरानी) करना शुरू किया। दिल्ली पुलिस लगातार निगरानी के बाद पुलिस को पता चला की देवेंद्र एक साधु के वेश में रह रहा है। पुलिस के एक जवान ने भक्त बनकर उस पर निगरानी कर 21 मई 2025 को उसे गिरफ़्तार कर लिया। जागरण के 21 मई के खबर के अनुसार दिल्ली पुलिस द्वारा पूछताछ के दौरान कितने लोगों की मर्डर किए हो सवाल पूछने पर 50 से ज़्यादा लोगों को मारने की बात कही। देवेंद्र ने यह भी कहा कि 50 लोगों को मारने के बाद उसे गिनती याद नहीं रही। पुलिस पीड़ितों के शवों को बरामद नहीं कर पाई उन्हें केवल 7 लोगों के ही शव मिले जिसके अनुसार देवेंद्र शर्मा को आजीवन कारावास की सजा दी गई।
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