जिला बांदा| कृषि विभाग का मानना है कि किसानों की फसल तैयार होने के बाद अक्सर मडाई और बीज सुरक्षित रखने के लिए उन्हें दिक्कत होती है| इस समस्या को दूर करने के लिए कृषि विभाग द्धरा इस साल जिले में दो-दो सौ वर्ग मीटर के 14 खलिहान और 56.25 वर्गफुट की 14 गोदाम बनाई जाएंगी| जिस खलिहान की लागत 3.40 लाख होगी|
इसमें कषि विभाग 1.70 अनुदान देगा और बीज गोदाम की कुल लागत 6.68 लाख होगी जिसमें से 3.64 कृषि विभाग अनुदान देगा बाकी का खर्च किसान खुद करेंगे| इस मामले को लेकर किसानों का कहना है कि कृषि क्षेत्र अब मशीनरी करण से अछुता नहीं है|
इस लिए उन्हे खलिहान की जरुरत ही नहीं पड़ती क्योंकि लोग खेतों में ही अपना गल्ला कतरा लेते है| पहले ये था कि लोग बैलों से खेती करते थे तो खलिहान होते थे और महीनों गल्ले की मडाई होती थी पर अब जरुरत ही नहीं रहती| इस लिए खलिहान की जरुरत नहीं है और रही बात गोदाम की तो किसान अपने घरों ही बीज सुरक्षित रख लेता है| इस लिए गोदाम की कोई जरुरत नहीं है और क्यों किसान पैसा खर्च करेगा खलिहान और गोदाम पर|
जिस तरह से कृषि विभाग सब्सिडी के तौर पर खलिहान और गोदाम बनवाना चाहती है,तो हम गरीब किसानों के पास इतना पैसा कहां से आएगा कि हम सब्सिडी के तौर से पैसा खर्च करके कल्याण और गोदाम की ओर बढ़ेंगे जिसकी ज्यादा जरूरत भी नहीं है |
साथी गोदामों में गला रखने के बाद उसकी देखभाल कैसे होगी क्या वहां पर कोई चौकीदार रखा जाएगा यह सारी चिंताएं किसानों को सताने लगे कि इससे अच्छा अगर विभाग को और सरकार को किसानों के प्रति कुछ करना ही है और बीच स्वच्छ रखने की बात है |
तो उनको जो भी गोदामों में अच्छा और सुरक्षित रखने के लिए करके रखना है वही दवाई वगैरह वह किसानों को दें ताकि किसानों से मिलाकर अपने घरों में उस बीज को सुरक्षित रख सके लेकिन वह इस समुदाय खलिहान और गोदाम की योजना से सहमत नहीं है |