छतरपुर जिले की रहने वाली दिव्या नामदेव जिनके जीवन में काफी उतार चढ़ाव आए हैं काफी मुश्किलों का उन्होंने सामना किया है और यह आज भी काफी संघर्ष कर रही है, फिर भी इन्होंने हार नहीं मानी है यह उन लोगों के लिए एक मिसाल हैं। दिव्या नामदेव 12th पास हैं। उनके माता-पिता इस दुनिया में नहीं हैं। अब वह अपने भाई-भाभी के साथ रहती हैं। अचानक से उनके साथ हादसा हुआ जिसमें उनके पैरों में और रीढ़ की हड्डी में समस्या आने के कारण ऑपरेशन के बाद उनके दोनों पैरों ने काम करना बंद कर दिया और वह जाम हो गए और वह उदास रह कर अपने घर पर रहने लगी।
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उन्हें कुछ करने का जज़्बा था, उन्होंने अपनी फ्रेंड से बात की जिनका नाम चंचल है तो उन्होंने दिव्या की काफी मदद की। दिव्या को ब्राइडल चुन्नी बनाने के काम का सुझाव दिया क्योंकि दिव्या सिलाई भी कर लेती हैं। दिव्या ने घर पर रहकर ही ब्राइडल चुन्नी बनाना शुरू कर दिया। सीजन आने पर यह ब्राइडल चुन्नियां बनाती रहीं। चुन्नी के साथ-साथ वह पोशाक भी बनाती हैं। उनका कहना है कि अगर उन्हें किसी संस्था या सरकार का साथ मिले तो वह आगे पढ़ाई करना चाहती हैं और अपने पैरों का भी इलाज कराना चाहती हैं।
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