खबर लहरिया Blog पन्ना : जिला कलेक्टर ने कहा 31 दिसंबर तक बनेंगे सबके आयुष्मान कार्ड, जानिए कब और कैसे

पन्ना : जिला कलेक्टर ने कहा 31 दिसंबर तक बनेंगे सबके आयुष्मान कार्ड, जानिए कब और कैसे

District Collector said that Ayushman cards will be made by December 31

पन्ना जिले के कलेक्टर संजय कुमार मिश्रा ने दिसंबर 31,2020 तक जिले के सभी गांवो में लोगों के आयुष्मान कार्ड बनवाने का आदेश दिया है। पन्ना जिले में कार्ड बनवाने की शुरुआत दिसंबर 16, 2020 से शुरू की गयी थी। उनका कहना है कि आयुष्मान कार्ड बनवाने के लिए सारे ज़रूरी दिशानिर्देश खंड चिकित्सा अधिकारियों को दे दिए गए हैं। कार्ड के ज़रिए गरीब परिवार पूरे देश में कहीं भी किसी भी अस्पताल में 5 लाख रुपये तक का इलाज करा पाएगा। इलाज के सारे पैसे प्रशासन द्वारा आयुष्मान कार्ड योजना के तहत दिए जाएंगे। 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नेप्रधानमंत्री जन आरोग्ययोजना अर्थात आयुष्मान भारत योजना की घोषणा की है। इसे अप्रैल 1, 2018 में पूरे देशभर में लागू किया गया था।

इन लोगों को दी गयी है कार्ड बनवाने की ज़िम्मेदारी

District Collector said that Ayushman cards will be made by December 31

कार्ड बनवाने की ज़िम्मेदारी पंचायत सचिव पटवारी, आशा कार्यकर्ता, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, कॉमन सर्विस सेंटर, केंद्र प्रभारी आयुष्मान मित्र जिला योजना को दी गयी है। योजना के तहत कलेक्टर द्वारा यह भी कहा गया कि  अनुविभागीय अधिकारी राजस्व समेत मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत, मुख्य नगरपालिका अधिकारी और  तहसीलदार को तय की गयी समय सीमा में लोगों के कार्ड बनवाने होंगे। कार्ड बनवाने के लिए ज़रूरी चीजें जैसे लैपटॉप, बायोमैट्रिक मशीन आदि चीजें आधिकारिक व्यक्ति को उपलब्ध करायी जाएंगी ताकि कार्ड बनवाने में कोई मुश्किल ना हो। 

अजयगढ़ में अभी तक बनाए गए 1,000 कार्ड

सर्विस कॉमन सेन्टर में काम करने वाली राबिया का कहना है कि अजयगढ़ में दिसंबर 16,2020 से अभी तक तकरीबन 1,000 परिवारों के आयुष्मान कार्ड बनाए जा चुके हैं। उनका कहना है कि आयुष्मान कार्ड को आधार कार्ड की तरह ही बनाया जा रहा है। 

यह है समय और कार्ड बनवाने की कीमत

आयुष्मान कार्ड पन्ना जिले के हर गांव में सुबह 10:30 बजे से शाम के 5 बजे तक बनाए जाएंगे। सभी के कार्ड ऑनलाइन बनवाये जाएंगे। हर व्यक्ति को कार्ड बनवाने के लिए 30 रुपये देने होंगे। अजयगढ़ के अलावा चंदवारा और वीरा ग्राम पंचायत में भी आयुष्मान कार्ड बनवाने की शुरुआत कर दी गयी है। 

ग्रामीण इलाके में कार्ड बनवाने की योग्यता

  1. ग्रामीण इलाके में कच्चा मकान
  2. परिवार की मुखिया महिला हो,
  3. परिवार में कोई दिव्यांग हो
  4. अनुसूचित जाति/जनजाति से हों और भूमिहीन व्यक्ति/दिहाड़ी मजदूर
  5. इसके अलावा ग्रामीण इलाके के बेघर व्यक्ति, दान या भीख मांगने वाले, आदिवासी और क़ानूनी रूप से मुक्त बंधुआ आदि लोग।
  6. परिवार में कोई वयस्क (16-59 साल) हो या।

शहर में रहने वाले लोगों के लिए योग्यता

  1. भिखारी, कूड़ा बीनने वाले, घरेलू कामकाज करने वाले, रेहड़ीपटरी दुकानदार, मोची, फेरी वाले, सड़क पर कामकाज करने वाले आदि व्यक्ति।
  2. निर्माण स्थल पर काम करने वाले मज़दूर, प्लंबर, राजमिस्त्री, मजदूर, पेंटर, वेल्डर, सिक्योरिटी गार्ड, कुली और भार ढोने वाले अन्य कामकाजी व्यक्ति।
  3. सफाई कर्मी, घरेलू काम करने वाले, हस्तशिल्प का काम करने वाले लोग, टेलर, ड्राईवर, रिक्शा चालक, दुकान पर काम करने वाले लोग आदि।

योजना के तहत अस्पताल में भर्ती होने की प्रक्रिया

  1. हर अस्पताल में एक आयुष्मान मित्र होगा। जो उसे अस्पताल की सुविधाएं दिलाने में मदद करेगा।
  2. अस्पताल में एक मदद डेस्क भी होगा जो दस्तावेज चेक करने, स्कीम में नामांकन के लिए वेरिफिकेशन में मदद करेगा।
  3. आयुष्मान भारत योजना में शामिल व्यक्ति देश के किसी भी सरकारी/पैनल में शामिल निजी अस्पताल में इलाज करा सकेगा।

इन बीमारियों का होता है मुफ़्त इलाज

जिनके पास आयुष्मान कार्ड है उनकी मेडिकल जांच/ऑपरेशन/इलाज/दवा आदि का खर्चा योजना के  तहत होता है। अगर कोई व्यक्ति अपना कार्ड बनने से पहले से बीमार है तो भी उसका इलाज भी इस योजना के तहत होगा। इन बीमारियों में मानसिक स्वास्थ्य और डिलिवरी की सुविधा, नवजात और बच्चों का इलाज, कैंसर, टीवी, कीमोथेरपी, रेडिएशन थेरपी, हार्ट बाईपास सर्जरी, न्यूरो सर्जरी, दांतों की सर्जरी, आंखों की सर्जरी, एमआरआई, सीटी स्कैन, दिल की बीमारी, किडनी, लिवर, डायबीटीज, कोरोनरी बायपास, घुटना बदलना, स्टेंट डालना, आंख, नाक, कान और गले से संबंधित बीमारी आदि शामिल हैं। साथ ही अस्पताल में भर्ती होने से पहले और बाद के खर्च भी इसमें आते है। इसमें यातायात पर होने वाला खर्च भी शामिल है।

साथ ही व्यक्ति इस योजना के तहत किसी भी अस्पताल में जाकर मुफ्त में अपना कोविड-19 टेस्ट भी करा सकता हैं। अगर उनमें कोराना वायरस के लक्षण की आशंका जताई जाती है और उन्हें प्राइवेट अस्पताल में आइसोलेशन में रहना पड़ता है या उनके इलाज की जरूरत होती है तो इसका खर्च भी आयुष्मान भारत योजना के तहत ही होगा।

जनगणना के अनुसार इतने लोग हैं पहले से पात्र

सामाजिकआर्थिक जाति जनगणना (SECC) 2011 के हिसाब से ग्रामीण इलाके के 8.03 करोड़ परिवार और शहरी इलाके के 2.33 करोड़ परिवार आयुष्मान भारत योजना के दायरे में आयेंगे। इस तरह से आयुष्मान भारत योजना के तहत 50 करोड़ लोग कार्ड बनवाने के पात्र होंगे। 

स्वास्थ्य आज देश के बड़ी समस्याओं में से एक है। व्यक्ति शारीरिक बीमारी के साथसाथ मानसिक बीमारियों से भी ग्रस्त हैं। ऐसे में यह योजना काफ़ी असरदार लगती है लेकिन योजनाएं अक्सर अच्छी आती तो हैं पर लोगों को लाभ नहीं दे पाती। लोगों की पहुँच ही योजना तक नहीं होती। खासतौर, ग्रामीण इलाकों में। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि पन्ना जिले के कलेक्टर के दिये आदेश के अनुसार कितने लोगों के आयुष्मान कार्ड बनते हैं और कितने लोग योजना का लाभ उठा पाते हैं।