खबर लहरिया Blog लौकी (घिया) से बनने वाले व्यंजन, जो खाने में मजेदार और स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद

लौकी (घिया) से बनने वाले व्यंजन, जो खाने में मजेदार और स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद

लौकी से कई तरह के पकवान बनते हैं जैसे – घिया दाल, घीया का कोफ्ता, घीया की सब्जी, घीया के पकोड़े, घिये का रायता, घिये का हलवा, घिये के फूल के पकोड़े जिसे ग्रामीण भाषा में बचका भी कहा जाता है। घिये में में भरपूर मात्रा में पोटेशियम, फोलेट, कैल्शियम, मैग्नीशियम और विटामिन सी पाया जाता है जो मानव शरीर के लिए काफी फायेदमंद होता है।

                                                                                                                                                            घिये की तस्वीर (फोटो साभार – खबर लहरिया)

रिपोर्ट – सुमन, लेखन – सुचित्रा 

लौकी जिसे आप घीया, दूधी के नाम से भी जानते होंगे। अंग्रेजी में इसे बॉटल गॉर्ड (bottle gourd) या ओपो स्क्वैश के नाम से भी जाना जाता है। लौकी को अलग-अलग जगहों पर अलग नाम से जाना जाता है जैसे मराठी और गुजराती में इसे दुधी कहते हैं तो हिंदी में इसे घिया और सोरकाया कहते हैं। लौकी से कई तरह के पकवान बनते हैं जैसे – घिया दाल, घीया का कोफ्ता, घीया की सब्जी, घीया के पकोड़े, घिये का रायता, घिये का हलवा, घिये के फूल के पकोड़े जिसे ग्रामीण भाषा में बचका भी कहा जाता है। घिये में में भरपूर मात्रा में पोटेशियम, फोलेट, कैल्शियम, मैग्नीशियम और विटामिन सी पाया जाता है जो मानव शरीर के लिए काफी फायेदमंद होता है। चलिए हम घिये से बनने वाले व्यंजन के बारे में जानेंगे। हम आपको ले चलते हैं बिहार की तरफ, जहां लौकी से कई प्रकार की रेसपी बनाई जाती है।

घिये की सब्जी

आमतौर पर जैसे बाकी सब्जियां बनाई जाती हैं वैसे ही घिये को बनाया जाता है। घिये को छीलें और धोकर बारीक काट लीजिए। इसे बनाने के लिए पतीले या कढ़ाई में तेल डालकर उसमें जीरा, बारीक कटा प्याज डालें। प्याज भूरा होने तक भूनें फिर उसमें कटे घिये को डाल कर चलाएं फिर नमक और बाकी मसालें डालकर डूबने भर पानी डालें। इसके बाद इसे ढककर 10 मिनट तक धीमी आंच पर पकाएं और ये बनकर तैयार।

घिया दाल

घिया को छील कर साफ पानी से धो लें फिर चाकू से उसको थोड़ा छोटा-छोटा काट लें। गैस जलाकर उसमें सरसों का तेल डालें फिर जीरा, लहसुन, प्याज डालकर भूनें लें। उसके बाद इसमें कटे हुए घीया को डालकर भुने और फिर घर में मौजूद सारे मसाले हल्दी, धनिया, गरम मसाला सब डालकर अच्छे से भूनें। जब मसाला पक जाए तब मसूर की बिना छिलके वाली दाल या चना दाल डालकर चलाएं। इसके बाद पानी डालकर ढक्कन बंद कर के छोड़ दें, 1 से 2 सिटी में उतार लें। इसे आप चावल या रोटी के साथ खा सकते हैं।

घिये की चटनी या चोखा

घिये की चटनी बनाने के लिए पहले घिये को आग में भून लो। इसके बाद छिलके को हटा लीजिये और एक बर्तन में रख लें। इसके लिए एक-दो लाल मिर्च को आग में उलट-पलट कर भून लें और लहसुन को भी इसी तरह भूनें। इसके बाद सिलबट्टे या मिक्सी में भुनी हुई घिया, मिर्च, लहसुन नमक और सरसों का तेल डालकर अच्छी तरह पीस ले फिर उसको किसी भी दाल व सब्जी के साथ खा सकते हैं।

फूलों से बचका (पकोड़ा) बनाने का तरीका

घिया में पीला रंग का सुन्दर फूल खिलता है जिसकी बहुत ही स्वादिष्ट पकोड़ी (जिसे बचका भी कहते हैं) तैयार की जाती है। ताजे फूलों को तोड़कर एक बर्तन में रख लें। उसे पानी से साफ कर लें। एक तरफ चावल को पानी में भिगो दें घंटे भर के लिए। चावल को मिक्सी में या सिलबट्टे पर पीस ले फिर पिसे हुए चावल में जीरा, काली मिर्च और मसाले डालकर मिक्स करके एक घोल तैयार कर लें। आप इसे बेसन से भी तैयार कर कर सकते हैं फिर गैस जल कर उसमें एक कढाई रखें। कढ़ाई में थोड़ा सा तेल डालकर घिये के फूल को चावल के घोल में लपेटकर तेल में फ्राई कीजिये उसे दोनों तरफ से पकने दीजिये। फूल का बनाया हुआ बचका खाने में कुरकुरा और लजीज होता है। इसके बाद आप इसे चटनी के साथ खा सकते हैं।

आपको पता है बाकी फूल के भी पकोड़े (बचका) बनाए जाते हैं। जैसे अगस्त, सनई, केले, कद्दू (जिसे सीताफल और बिहार में कोहड़ा कहा जाता है)। इन सभी के फूलों का बड़ा ही स्वादिष्ट बचका बनता है। अगस्त के फूल, ठंड के मौसम में खाना ज्यादा फायदेमंद साबित होता है क्योंकि यह गर्म होता है और शरीर को गर्म रखता है।

घीया खाने के फायदे

ऐसे तो कई लोगों को घिया पसंद नहीं होता लेकिन उन्हें ये खाना चाहिए क्योंकि घीया पेट और आंखों के लिए काफी अच्छा होता है।

इससे शरीर में खून बढ़ता है।
इसे खाने से शरीर स्वस्थ रहता है।
इससे मोटापा नहीं होता।
डॉक्टर भी इसे खाने की सलाह देते हैं।

वैसे तो घिया खाने का कोई समय नहीं है। अब तो 12 महीने बाजार में मिलता है जिसे आप कभी भी बना कर खा सकते हैं। ग्रामीण इलाकों में तो आपको यानी बिहार में 10 घर छोड़कर 11वें घर पर आप देखेंगे तो हरी सब्जी लगी हुई मिलेगी। यही एक समय है जिस समय लोग इसका आनंद लेते हुए और खाते है, क्योंकि फूल को ना तो कहीं खरीदने जाना पड़ता है और न ही कोई कीटनाशक का डर है। जिसके घर घीया न हो तो एक दूसरे के घर से ले आते हैं जिन्हें खरीदना पड़ता और जिससे प्रेम भी बना रहता है।

 

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