खबर लहरिया Blog क्या आचार संहिता के बीच पार्टियों के पोस्टर्स उतारने में चुनाव आयोग ने ‘आप’ के साथ किया भेदभाव? जानें सच | Fact Check

क्या आचार संहिता के बीच पार्टियों के पोस्टर्स उतारने में चुनाव आयोग ने ‘आप’ के साथ किया भेदभाव? जानें सच | Fact Check

Fact Check by Aaj Tak

सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें एक व्यक्ति खंभों पर लगे पोस्टर्स को फाड़ते हुए उन्हें उतार रहा है. इस वीडियो को लेकर आजतक की टीम ने फैक्ट चेक किया है.

 

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद आम आदमी पार्टी के नेताओं ने आरोप लगाया कि उनके राष्ट्रीय पार्टी कार्यालय को सील कर दिया गया है. पार्टी नेता सौरभ भारद्वाज ने सवाल उठाते हुए कहा कि आचार संहिता के बीच उनकी पार्टी का दफ्तर कैसे सील किया जा सकता है. इसके खिलाफ उन्होंने चुनाव आयोग से शिकायत करने की बात भी कही है.

इसी बीच, सोशल मीडिया पर एक वीडियो जमकर वायरल हो रहा है, जिसमें पिकअप ट्रक पर खड़ा एक आदमी स्ट्रीट लाइट के खंभों पर लगे पोस्टर्स को फाड़ते हुए उन्हें उतार रहा है. वीडियो में दिखाई देता है कि इन खंभो पर बीजेपी के झंडे भी लगे हुए हैं.


वीडियो को शेयर कर कुछ लोग दावा कर रहे हैं कि आचार संहिता के बीच सिर्फ आम आदमी पार्टी के झंडे उतारे जा रहे हैं. एक यूजर ने इस वीडियो को शेयर करते हुए लिखा, “आचार संहिता का पालन करता निष्पक्ष चुनाव आयोग? भाजपा का झंडा लहरा रहा है उसे नही उतारा जा रहा है और आम आदमी पार्टी का होर्डिंग उतारा जा रहा है. क्या चुनाव आयोग भी भाजपा के हाथों बिक गया है?” इस पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है.

आजतक फैक्ट चेक ने पाया कि ये वीडियो 14 जनवरी, 2024 का है जब न तो लोकसभा चुनावों का ऐलान हुआ था और न ही आचार संहिता लागू हुई थी. इस दौरान ‘आप’ के पोस्टर नहीं, बल्कि जयपुर में कांग्रेस के छात्र संगठन NSUI के प्रदेश अध्यक्ष के पोस्टर हटाए जा रहे थे.

कैसे पता लगाई सच्चाई?

वायरल वीडियो पर हमें ‘NSUIRajasthanOfficial’ और ‘इंस्टाग्राम’ का वाटरमार्क दिखाई दिया. इससे जानकारी लेते जब हमने NSUI राजस्थान इकाई के सोशल मीडिया हैंडल्स को चेक किया तो वायरल वीडियो हमें इनके फेसबुक और इंस्टाग्राम अकाउंट्स पर मिला, जिसे वहां 14 जनवरी, 2024 को अपलोड किया गया था.

इससे जुड़ी हुई वीडियो यहां देखें।

वीडियो के साथ जानकारी दी गई है कि ये वाक्या जयपुर का है जब NSUI के प्रदेश अध्यक्ष विनोद जाखड़ जयपुर के दौरे पर थे. वीडियो के साथ लिखा है, “भजनलाल सरकार को NSUI प्रदेश अध्यक्ष श्री Vinod Jakhar जी के जयपुर आगमन से इतना डर गई की सुबह-सुबह ही पोस्टर समेटने के आदेश कर दिए. Bhajanlal Sharma जी इस तरह ही पोस्टर समेटने के आदेश कर दिए. Bhajanlal Sharma जी इस तरह पोस्टर हटाते है, बैरिकेडिंग लगाकर पुलिस को आगे करते है, डराने का प्रयास कर रहे है लेकिन उन्हें पता होना चाहिए हमारे नेता श्री राहुल गांधी जी एक बात हमेशा कहते है “डरो मत…”

इस वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि पोस्टर पर ‘विनोद जाखड़’ और ‘NSUI प्रदेश अध्यक्ष’ लिखा हुआ है.

इस साल, 7 जनवरी को विनोद जाखड़ को एनएसयूआई का राजस्थान प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया गया था. विनोद, राजस्थान विश्वविद्यालय के अध्यक्ष रह चुके हैं.

इस मामले का सच जानने के लिए हमने विनोद से संपर्क किया. उन्होंने ‘आजतक’ को बताया कि बतौर अध्यक्ष वो प्रदेश की राजधानी जयपुर के पहले दौरे पर थे, जहां उनके संगठन के हजारों कार्यकर्ताओं और समर्थकों ने उनके स्वागत की तैयारियां की थीं. इसके लिए शहर के जिन-जिन हिस्सों से उनका काफिला निकलना था, वहां की सभी सड़कों पर उनकी तस्वीर और उनके नाम वाले पोस्टर लगाए गए थे.

विनोद ने कहा, “जनता का उनके लिए उत्साह और समर्थन देखकर प्रदेश की राज्य सरकार खौफ में आ गई, जिसके चलते नगर निगम को उनके सभी पोस्टर हटाने के आदेश दे दिए गए.” विनोद ने आगे बताया कि उन्होंने नगर निगम के अधिकारियों से अनुरोध भी किया कि उनका काफिला निकलने तक उनके पोस्टरों को न हटाया जाए, लेकिन उनकी अर्जी को दरकिनार कर जयपुर में लगे उनके सभी पोस्टर्स उतार दिए गए.

चुनाव आयोग ने लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान 16 मार्च को किया था. चुनाव आयोग जैसे ही विधानसभा या लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान करता है, ठीक उसी समय से ही आदर्श आचार संहिता प्रभावी हो जाती है.

साफ है, जिस समय की ये घटना है उस समय संहिता लागू नहीं हुई थी. NSUI नेता के पोस्टर्स उतारे जाने के पुराने वीडियो को ‘आप’ और चुनाव से जोड़कर भ्रम फैलाया जा रहा है.

 

(यह लेख मूल रूप से सबसे पहले आज तक द्वारा प्रकाशित किया गया था व इसे शक्ति कलेक्टिव के भाग के रूप में खबर लहरिया द्वारा दोबारा प्रकाशित किया गया है।) 

 

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