उत्तर प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने दिनांक 2 फरवरी दिन सोमवार को राज्य विधानसभा में वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए 5,50,270 करोड़ रुपये का बजट पेश किया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ट्वीट करके बताया कि पहली बार बजट पूरी तरीके से पेपरलेस होगा और सिर्फ डिजिटल प्लेटफार्म पर ही उपलब्ध होगा। वित्त मंत्री ने बताया कि यह बजट उत्तरप्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने में सहयोग करेगा और राज्य के सर्वांगीण विकास को सुनिश्चित करेगा। माना जा रहा है कि 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव को मद्देनज़र रखते हुए सरकार ने इस बार रोज़गार, किसान के विकास, महिलाओं की सुरक्षा आदि जैसे अहम मुद्दों पर काम कर लोगों के हित के लिए बजट में सुधार किया होगा।
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— सुरेश कुमार खन्ना (मोदी का परिवार) (@SureshKKhanna) February 22, 2021
आइये नज़र डालते हैं प्रदेश के बजट 2021-22 की कुछ प्रमुख झलकियों पर
किसानों के लिए बहुत कुछ है ख़ास-
वर्ष 2022 तक किसानों का वेतन दोगुना किया जाएगा, जिसके लिए वर्ष 2021-22 से आत्मनिर्भर कृषक समन्वित विकास योजना का संचालन किया जाएगा। इस योजना के अंतर्गत 100 करोड़ रुपये प्रस्तावित किये गए हैं। किसानों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के लिए शुरू की गई मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना के अंतर्गत ₹600 करोड़ रूपए की धनराशि को भी प्रस्तावित किया गया है। वित्त मंत्री ने किसानों को मुफ्त पानी देने की सुविधा के बारे में भी बताया जिसके लिए 700 करोड़ का बजट नियुक्त किया गया है। किसानों से रियायती दरों पर ऋण उपलब्ध कराने के लिए ब्याज अनुदान योजना के अंतर्गत 400 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। इसके साथ ही प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान के लिए 15 हजार सोलर पंपों की स्थापना का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। किसानों को पेंशन देने के लिए 3,100 करोड़ रूपए की धनराशि नर्धारित की गई है।
बेसिक शिक्षा पर दिया गया ज़ोर-
बजट में सम्पूर्ण शिक्षा अभियान के लिए 18,172 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया गया। वित्तीय वर्ष 2021-2022 में कक्षा 1 से 8 तक के सभी बच्चों को हर साल निःशुल्क यूनिफॉर्म उपलब्ध कराये जाने के लिए 40 करोड़ रुपये का बजट रखा गया है। इसके साथ ही, सभी बच्चों को जूता–मोजा और स्वेटर उपलब्ध कराए जाने के लिए 300 करोड़ रुपये, और कक्षा 1 से 8 तक के सभी छात्र–छात्राओं को स्कूल बैग उपलब्ध कराए जाने हेतु 110 करोड़ रुपये के बजट का प्रस्ताव रखा गया है। मिड डे मील के लिए 3406 करोड़ रुपये प्रस्तावित किये गए हैं।
चहुंमुखी विकास के लिए हितकारी प्रदेश का प्रथम ‘पेपरलेस बजट’ प्रस्तुत करने हेतु मैं माननीय मुख्यमंत्री श्री @myogiadityanath जी एवं वित्त मंत्री श्री @SureshKKhanna जी को बधाई व धन्यवाद देता हूँ। #योगीजी_का_विकास_बजट pic.twitter.com/z3AyumpFru
— Swatantra Dev Singh (मोदी का परिवार) (@swatantrabjp) February 22, 2021
चित्रकूट और अयोध्या के लिए बजट बन के आया सौगात-
बताते चलें कि कि अयोध्या, चित्रकूट जैसे छेत्रों को धार्मिक स्थल होने का बहुत अच्छा फायदा मिला है। सरकार ने 2021 में चित्रकूट और सोनभद्र हवाईअड्डे से हवाई सेवा शुरू करने का दावा किया है। इसके अलावा चित्रकूट में पर्यटन के लिए 20 करोड़ रुपये की धनराशि भी निर्धारित की गई है। जहाँ अयोध्या में एयरपोर्ट के लिए 101 करोड़ रूपए के बजट की घोषणा की गई है, वहीं जेवर एयरपोर्ट के लिए 2000 करोड़ की धराशि निर्धारित की गई है। वित्तमंत्री ने यह भी बताया कि योगी सरकार ने जेवर एयरपोर्ट को एशिया का सबसे बड़ा हवाईअड्डा बनाने की योजना विकसित की है जिसके लिए 6 रनवे बनाए जाएंगे।
गरीबों को आवास मिलने की उम्मीद जागी-
वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने बजट प्रस्तुत करते समय बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना से ग्रामीणों को राहत मिलेगी। पीएम आवास योजना (ग्रामीण) के तहत 2021-22 में 6 लाख आवास बनाए जाने का लक्ष्य तय किया गया है। इसके लिए बजट 2021-22 में 7000 करोड़ रुपये भी प्रस्तावित किये गए हैं। सुरेश खन्ना के अनुसार, आवास योजना के अंतर्गत 50,740 लोगों को निशुल्क आवास का लाभ मिला है।
महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए सिर्फ दो नयी योजनाएं-
उत्तर प्रदेश में महिलाओं के प्रति बढ़ती हिंसा और क्राइम को मद्देनज़र रखते हुए, लोगों को उम्मीद थी कि सरकार शायद वित्तीय बजट 2021-22 में महिलाओं की सुरक्षा के लिए कुछ निवेश करेगी परन्तु ऐसा नहीं हुआ। महिलाओं के लिए जो दो नयी योजनाएं शुरू की गयी हैं उनका नाम है, महिला सामर्थ्य योजना और मुख्यमंत्री सक्षम कुपोषण योजना। महिला सामर्थ्य योजना का उद्देश्य ग्रामीण इलाकों में महिला दुग्ध उत्पादकों के लिए स्वयं सहायता समूहों की आजीविका बढ़ाना है, जिसके अंतर्गत 200 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित की गई है।
मुख्यमंत्री सक्षम कुपोषण योजना के तहत महिलाओं और बच्चों में कुपोषण की समस्या से निपटने के लिए योजनाएं बनायीं जाएंगी। इस योजना के लिए 100 करोड़ रुपये का बजट प्रस्तावित है।
इन दो योजनाओं के अलावा महिला सशक्तिकरण योजना के लिए 1200 करोड़ रूपए का निवेश किया जाएगा। इस योजना का उद्देश्य बालिकाओं के स्वास्थ्य का ध्यान रखना है और उनकी शिक्षा को प्रोत्साहन देना है। इसके साथ ही महिला श्रमिकों को बराबर की मज़दूरी देने के लिए एक सलाहकार कमेटी निर्मित की गई है जिससे महिला श्रमिकों को मदद मिलने की उम्मीद है।
इसके अलावा प्रदेश के बजट में कोरोना वायरस के टीकाकरण के लिए 50 करोड़ के निवेश का ऐलान किया गया है। स्वच्छ भारत मिशन योजना के अन्तर्गत 12 लाख 13 हजार व्यक्तिगत शौचालय तथा 98 हजार सामुदायिक शौचालयों के निर्माण के लिए 2031 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था भी प्रस्तावित की गई है। गोवंश संरक्षण के लिए 80 करोड़ की राशि तय की गई है, और प्रदेश के जिन छेत्रों में गौशाला नहीं है, वहां गौशाला बनवाने की भी बात कही गई है। छात्र– छात्राओं की उच्च शिक्षा को ध्यान में रखते हुए, योगी सरकार ने हर ज़िले में एक मेडिकल कॉलेज बनवाने के लक्ष्य की बात सामने रखी है, और साथ ही प्रदेश के 19 जनपदों में 40 छात्रावास भी बनवाए जायेंगे।
वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए सरकार ने बजट को सुधारने में कोई कसर नहीं छोड़ी है लेकिन यह देखना बहुत दिलचस्प होगा कि क्या इस बार योगी सरकार अपने वादों को पूरा करने में सफल होती है या हर साल की तरह इस साल भी वित्तीय बजट शुरुआत में उत्तर प्रदेश के वासियों को बड़ी-बड़ी बातें करके लुभाएगा और साल के अंत तक रुला देगा।