दिल्ली लॉकडाउन के बावजूद शाहीन बाग में महिलाओं ने नहीं बदला फैसला
दुनियां भर के कई देशों में कहर बरपा रहे जानलेवा कोरोना वायरस से अब भारत भी जूझ रहा है देश में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है. जानलेवा कोरोना को जड़ से मिटाने के लिए भारत सरकार ने जनता कर्फ्यू को एक हथियार की तरह इस्तेमाल किया है. प्रधानमंत्री नरेंद्रमोदी के अपील पर 22 मार्च की सुबह 7 बजे से रात 9 बजे तक जनता कर्फ्यू का पालन बढ़-चढ़कर किया गया। लोग घरों से बाहर नहीं निकले। और शाम 5 बजे ताली और थाली बजाकर हमारी सेवा में लगे लोगों को धन्यवाद दिया।
*Measures taken to deal with Covid 19*
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4. Periodic sanitising of the main tent area and sanitiser dispensers installed
5. Health experts have been called to create awareness about the #Covid_19Remember we are here not out of choice but compulsion#covidindia #shaheenbagh pic.twitter.com/UAScXtJrsd
— Shaheen Bagh Official (@Shaheenbaghoff1) March 20, 2020
राजधानी दिल्ली के शाहीन बाग़ में धरने का आज 100वां दिन है, इतने दिनों से जारी धरना में बैठी महिलाओं में कोरोना वायरस का जरा भी डर नहीं है। जनता कर्फ्यू के दौरान भी उनका धरना जारी है।दिल्ली लॉकडाउन के बावजूद फिलहाल इन महिलाओं ने सड़क से नहीं हटने का फैसला किया है. लेकिन सरकार के आदेश का पालन करते हुए संख्या कम हो गई है। ऐसा बताया जा रहा है की अभी सिर्फ 5 लोगों को ही धरना स्थल पर रुकने की इजाजत दी गई है बाकी लोगों ने धरना के समर्थन में जूता चप्पल रखकर धरने में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है। धरना स्थल पर बैठी महिलाएं सेनेटाइजर और मास्क का इस्तेमाल तो कर रही हैं लेकिन कोरोना वायरस के आगे भी इनके हौसलें बुलंद हैं जो बहुत चिंता का विषय है।
सूत्रों से मिल रही ख़बरों के अनुसार दिल्ली में सत्तासीन आम आदमी पार्टी सरकार द्वारा किए गए लॉक डाउन के एलान का असर दक्षिण दिल्ली के शाहीन बाग इलाके में पिछले 3 महीने से चल रहे प्रदर्शन पर भी दिखने लगा है। सोमवार सुबह प्रदर्शन स्थल से भीड़ नदारद है, सिर्फ 2-3 लोग ही नजर आए, वह भी सोते हुए। कुर्सी, टेबल और मेजें अपनी-अपनी जगह पर तो हैं, लेकिन उन पर बैठने वाला कोई नहीं है। सजाए गए मंच पर महापुरुषों के साथ कई अन्य महान हस्तियों की तस्वीरों तो लगी हैं, लेकिन मंच पर कोई भी मौजूद नहीं है।
#ShaheenBagh stands in solidarity with all measures taken during this fight against the #Corona Virus,but asks how many more innocent lives have to be sacrificed before the Govt. takes notice of its own ineptitude dealing with this crisis?When will they call off #CAA_NRC_NPR pic.twitter.com/3ABoDkzOKV
— Shaheen Bagh Official (@Shaheenbaghoff1) March 22, 2020
आलम यह है कि जहां पर कभी प्रदर्शनकारी सैकड़ों और हजारों की संख्या में दिखते थे, वहां पर सिर्फ कुछ ही लोग नजर आए। अब आगे यह धरना जारी रहेगा या बंद होगा इस पर अभी किसी का आधिकारिक तौर पर बयान नहीं आया है।