भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर रघुराम राजन ने एनडीटीवी के साथ एक साक्षात्कार में बताया कि एक समय जब भारत में विश्व अर्थव्यवस्था बढ़ रही थी, तभी नोटबंदी के कारण भारत के आर्थिक विकास में कमी आई और जीडीपी पर भी काफी प्रभाव पड़ा।
राजन ने कहा कि उन्होंने अध्ययनों के ज़रिये ये पता लगाया कि 2016 के अंत में प्रतिबंध लगाने पर भारत की वृद्धि पर काफी प्रभाव पड़ा है। “मुझे लगता है कि नोटबंदी ने भारत के विकास पर काफी प्रभाव डाला है। और अध्ययन के ज़रिये भी इस बात की पुष्टि की जा सकती है। इसने भारत की वृद्धि की गति को भी धीमा कर दिया है”।
राजन ने आगे कहा कि माल और सेवा कर (जीएसटी) के कार्यान्वयन के कारण भी देश के आर्थिक विकास पर असर पड़ा है।
नोटबंदी और जीएसटी के जुड़ाव के कारण ही भारी प्रभाव पड़ा है (जिसने भारत के विकास को प्रभावित किया)। और राजन के अनुसार इनका जुड़ाव कुछ समय के लिए ठीक है लेकिन इसे लम्बे समय के लिए उपयोग नहीं किया जा सकता है।
जब उनसे भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान नोटबंदी को लागू करने के लिए पूछा गया था, तो उन्होंने इसे एक बुरा सुझाव बताया था।
जीएसटी पर अपने विचार व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि कर प्रणाली को बेहतर ढंग से लागू किया जा सकता था पर सरकार ने उसे सही ढंग से नहीं निभाया।