देश में कोरोना मामलों की संख्या रोज़ बढ़ रही है। इस बीच सोशल मीडिया पर मथुरा जेल में बंद डॉक्टर कफील खान की रिहाई की मांग शुरू हो गयी है। हमारे देश में हालत पर काबू पाने और पीड़ितों के इलाज को स्वस्थ्य कर्मी पूरी जान से जुटें हैं। लोगो का कहना है कि ऐसे संकट में एक काबिल डॉक्टर का जेल में होना दुर्भाग्यपूर्ण है।
The revolutionary land of Guru Nanak Dev ji and Baba Farid, Bhagat Singh and Kartar Singh Sarabha, Udham Singh and Pash demand the release of people’s doctor Kafeel Khan and all other political prisoners. #ReleaseOurDrKafeel https://t.co/MxMfo0xi52
— Umar Khalid (@UmarKhalidJNU) July 19, 2020
कोरोना संकट से निपटने के लिए प्रधानमंत्री को लिखी थी चिट्ठी
डॉक्टर कफील खान ने कुछ दिन पहले प्रधानमंत्री मोदी को एक चिट्ठी लिखी थी। उस चिट्ठी में उन्होंने भारत में कोरोना की महामारी से बचाने के लिए कोरोना स्टेज-3 के खिलाफ एक रोडमैप का ज़िक्र किया था। उन्होंने लिखा था “20 वर्ष के अनुभव के आधार पर कोरोना स्टेज 3 के खिलाफ कैसे लड़ा जाए, उसका रोड मैप आपको देना चाहता हूँ । जिससे इस महामारी से फैलते संक्रमण पर अंकुश लगाया जा सके” ।
कौन हैं डॉक्टर कफील खान?
गोरखपुर का बीआरडी मेडिकल कॉलेज साल 2017 में अचानक सुर्खियों में आया था। 2017 में बीआरडी मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन की कमी के कारण हुई मासूम बच्चों की मौतों ने हर किसी को झकझोर दिया था। इस घटना में 60 से ज्यादा बच्चों की मौत हो गई थी। मामला सामने आने के बाद कंपनी की ओर से यह दलील दी गई थी कि पिछले कई महीने से भुगतान नहीं मिलने के चलते ऑक्सीजन के सिलेंडर की सप्लाई बंद करनी पड़ी थी। इस केस में आरोपी डॉ. कफील को यूपी एसटीएफ ने लखनऊ से गिरफ्तार किया था। वह घटना के बाद से फरार चल रहे थे. कफील बीआरडी अस्पताल में वॉर्ड सुपरिंटेंडेंट थे।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश पर प्रदेश सरकार ने गोरखपुर में बाबा राघवदास (बीआरडी) मेडिकल कॉलेज में बच्चों की मौत के मामले में लखनऊ के हजरतगंज थाने में मामला दर्ज किया था। उनके खिलाफ आईपीसी की धारा 420, 308, 120 B, भ्रष्टाचार निवारण अधीनियम, इंडियन मेडिकल काउंसिल एक्ट की धारा 15 समेत छह धाराओं में दर्ज किया गया था। प्रमुख सचिव खनिज और भूतत्व विभाग की अगुवाई में हुई जांच के बाद डॉक्टर कफील पर लगाए गए आरोपों में सच्चाई नहीं पाई गई थी। सितंबर 2019 में गोरखपुर ऑक्सीजन कांड में निलंबित डॉक्टर कफील खान को सभी आरोपों से मुक्त कर दिया गया था।
क्यों जेल में बंद हैं डॉक्टर कफ़ील खान?
डॉक्टर कफील खान को यूपी पुलिस ने दिसंबर में अलीगढ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में भड़काऊ भाषण देने के आरोप में गिरफ्तार किया था । लेकिन फरवरी में उनकी रिहाई से पहले उनपर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लगा कर रिहाई को टाल दिया गया । कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने योगी सरकार को 11 हज़ार बंदियों को जेल से छोड़ने के निर्देश दिए थे। लेकिन फिर भी 28 मार्च को आर्डर आने के बाद भी उनकी रिहाई नहीं हुई। डॉक्टर कफील खान को गोरखपुर में हुई एन्सेफलीटीस से कई बच्चो की मौत के मामले में क्लीन चिट मिल चुकी है। गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन की कमी के कारण पांच दिनों में 60 बच्चों की मौत हो गई थी। इस मामले में डॉ. कफील सहित 9 लोगों पर आरोप था।
ट्विटर पर ट्रेंड हो रहा डॉक्टर कफील खान की रिहाई का मुद्दा
कफ़ील खान की रिहाई के पक्ष में हंसराज मीना लिखते हैं “इस देश में सबसे अधिक अगर कोई जुल्म झेल रहा है तो वो ट्राइबल्स और मुस्लिम है। इनके लोग बदस्तूर जिंदा लाश बन रहे है। इन कम्यूनिटी के लोगों का सलाख़ों में एक संसार कैद है। मुझे हैरत है उन प्रगतिशील मानवतावादी पत्रकार व एक्टिविस्टों कि खामोशी पर। क्यों नहीं बोलते? #ReleaseOurDrKafeel”
ट्विटर पर डॉ मोहम्मद हमज़मा ने वीडियो जारी कर डॉ कफ़ील खान की रिहाई की मांग की।
Today our nation is in dire need of Dr. Kafeel esp. pediatric patients who are suffering from Japanese encephalitis#ReleaseOurDrKafeel unconditionally@DrHarjitBhatti @iqubali @Umar_wahidd @DrMohdHamzahMa1 @UmarKhalidJNU @amu_rda @AIIMSRDA @UnitedRda @IMAIndiaOrg @ravishndtv pic.twitter.com/qsNQkrcU0V
— @DrMohdHamzahma1 (@DrMohdHamzahma2) July 19, 2020