अधिकारियों ने बताया कि आग बुझाने के लिए करीब 100 दमकलकर्मी और 26 दमकल गाड़ियां घटनास्थल पर मौजूद थी। दमकलकर्मीियों ने आग पर काबू करीब दोपहर 2 बजे तक पा लिया लेकिन आग बुझाने का काम देर शाम तक चलता रहा।
लेखन – सुचित्रा
दिल्ली के रोहणी सेक्टर 17 में आग लगने से लगभग 800 से अधिक झुग्गियां झुलस गई। इस घटना में 2 बच्चों की मौत हो गई जबकि 5 लोग घायल हो गए। इसकी जानकारी पश्चिमी जोन के उप मुख्य अग्निशमन अधिकारी एम.के. चट्टोपाध्याय ने दी। यह घटना रविवार 27 अप्रैल 2025 को सुबह करीब 11 बजे की बताई जा रही है। फिलहाल आग लगने की वजह पूरी तरह स्पष्ट नहीं हो पाई है। पुलिस इस मामले की जाँच में लगी हुई है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, आग बहुत भयवाह थी जिससे लोगों के घर, लोगों के जरुरी कागजात, गहने, कपड़े सब जलकर राख हो गए। इसके साथ ही आसमान में धुएं का घना गुबार उठता दिखाई दिया। आग को बुझाने में दमलकल कर्मी को लगभग 3 घंटे तक मसकत करनी पड़ी।
Two children have died in a massive fire that broke out in a slum cluster in #Delhi’s Rohini area.
As per the Delhi Fire Services, they received a call regarding the incident at 11:55 am and 20 fire tenders were rushed to the spot.
Firefighters are currently trying to douse… pic.twitter.com/hKL6gGSj3S
— All India Radio News (@airnewsalerts) April 27, 2025
आग बुझाने के लिए 100 दमकलकर्मी और 26 दमकल गाड़ियां तैनात
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट बताती है कि अधिकारियों ने बताया कि आग बुझाने के लिए करीब 100 दमकलकर्मी और 26 दमकल गाड़ियां घटनास्थल पर मौजूद थी। दमकलकर्मीियों ने आग पर काबू करीब दोपहर 2 बजे तक पा लिया लेकिन आग बुझाने का काम देर शाम तक चलता रहा।
मृतकों की पहचान
इस घटना में दो बच्चों की मौत हो गई। मृतकों की पहचान सादिया खातून जिसकी उम्र 3 साल और आलम शेख जिसकी उम्र 4 साल थी के रूप में हुई।
घटना की वजह
दिल्ली की रोहणी में लगी आग की घटना के बारे में अधिकारियों ने बताया कि कारण अभी पता नहीं चल पाया है हालाँकि उन्होंने यह बताया कि एलपीजी सिलेंडर फट गए थे, जिससे आग तेजी से फैल गई।
दिल्ली अग्निशमन सेवा (डीएफएस) के मंडल अधिकारी (डीओ, रोहिणी) संदीप दुग्गल ने बताया कि आग ने एलपीजी गैस सप्लाई पाइपलाइनों को भी चपेट में ले लिया जिसकी वजह से आपूर्ति कुछ समय के लिए रोक दी गई लेकिन पाइपलाइनों को कोई खास नुकसान नहीं हुआ।
पांच एकड़ के इलाके में करीब 800 झुग्गियां
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक डीएफएस ( दिल्ली अग्निशमन सेवा) के प्रमुख अतुल गर्ग ने बताया कि “उन्हें सुबह 11.55 बजे आग लगने की सूचना मिली। उनमें से कई झुग्गियां आग में जलकर खाक हो गईं। स्थानीय लोगों ने दमकलकर्मियों को बताया कि पांच एकड़ के इलाके में करीब 800 झुग्गियां बनी हुई थीं।”
रोहणी की झुग्गियों में अधिकतर मजदूर वर्ग
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इन झुग्गियों में रहने वाले पश्चिम बंगाल, बिहार और झारखंड से आए लोग हैं। ये लोग अधिकतर कचरा इकट्ठा करके और बेचकर, कारखानों में मजदूरी करके तथा ई-रिक्शा और साइकिल-रिक्शा चलाकर अपना परिवार चलाते हैं।
इस हादसे ने एक बार फिर झुग्गी इलाकों में रहने वाले गरीब और वंचित वर्ग की स्थिति को सामने लाया है जो कि साबित करता है कि वह किस तरह से झुग्गियों में रहते हैं जबकि उनकी सुरक्षा की कोई गारंटी नहीं है। रोहिणी की इस आग ने न सिर्फ दो मासूम की जान ले ली बल्कि सैकड़ों परिवारों की मेहनत की कमाई, घर और भविष्य भी राख में बदल दिए। यह घटना प्रशासन और सरकार के लिए एक चेतावनी है कि ऐसे संवेदनशील क्षेत्रों में आगजनी जैसी आपदाओं से निपटने के लिए मजबूत सुरक्षा व्यवस्था और समय पर फिर से उनके आवास बनाने की योजनाएं बेहद जरूरी हैं।
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