दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा “…मुझे आपको यह बताते हुए अत्यंत खुशी हो रही है कि दिल्ली सरकार ने एक साहसिक और ऐतिहासिक कदम उठाया है और मसौदा विधेयक को आज कैबिनेट ने पारित कर दिया है।”
लेखन – सुचित्रा
दिल्ली के निजी और सरकारी स्कूलों में बढ़ती फीस को देखते हुए दिल्ली स्कूल फीस अधिनियम की रुपरेखा (ड्राफ्ट) को मंजूरी दे दी गई है। इसका मतलब यह हुआ कि अब दिल्ली के स्कूलों में बढ़ती फीस में कमी हो सकती है और परिवार को राहत मिल सकती है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कल मंगलवार 29 अप्रैल 2025 को दिल्ली कैबिनेट की बैठक में इसकी जानकारी दी। यह फैसला दिल्ली के स्कूलों में बढ़ती फीस के खिलाफ बच्चों के परिवार के विरोध के बाद आया।
जैसा कि हम देखते हैं साल दर साल बच्चों की स्कूल की फीस महंगी होती जा रही है। खासतौर पर निजी स्कूलों में मनमाने ढंग से फीस ली जाती है, कभी बच्चों की किताब को लेकर, कभी स्कूल में होने वाले कार्यक्रमों या फिर बच्चों के कुशलता बढ़ाने वाली एक्टिविटी के नाम पर, लेकिन इसका बोझ सिर्फ माता पिता को उठाना पड़ता है। आज के समय में अंग्रेजी भाषा की ज्यादा महत्व है इसलिए स्कूल अधिकतर अंग्रेजी माध्यम के हैं। माता पिता भी अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों में बच्चों को भेजना चाहते हैं। ऐसे में स्कूल वाले फीस में अपने अनुसार बढ़ोत्तरी करते हैं।
स्कूल में बढ़ती फीस पर रोक लगे और निजी और सरकारी स्कूल के लिए शुल्क निर्धारित हो जिसमें पारदर्शिता हो। इसको देखते हुए दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने एक बड़ा फैसला लिया। उन्होंने दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा “…मुझे आपको यह बताते हुए अत्यंत खुशी हो रही है कि दिल्ली सरकार ने एक साहसिक और ऐतिहासिक कदम उठाया है और मसौदा विधेयक को आज कैबिनेट ने पारित कर दिया है।”
दिल्ली सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के निजी और सरकारी स्कूलों में फीस निर्धारित करने संबंधी विधेयक के मसौदे को मंजूरी दी।
स्कूलों द्वारा फीस में बढोत्तरी को लेकर अभिभावकों की प्रतिक्रिया को देखते हुए आज मंत्रिमंडल की बैठक में यह निर्णय लिया गया है।#DelhiSchoolFees pic.twitter.com/LIZiUH6FN7
— आकाशवाणी समाचार (@AIRNewsHindi) April 29, 2025
उन्होंने आगे कहा, “दिल्ली के सभी 1,677 स्कूलों के लिए फीस के लिए एक पूर्ण दिशानिर्देश, प्रक्रिया तय की जाएगी, चाहे वे सहायता प्राप्त हों, गैर-सहायता प्राप्त हों या निजी हों। इतिहास में पहली बार सरकार द्वारा इस तरह का विधेयक तैयार किया जा रहा है।”
स्कूल फीस के लिए नए नियमों को लागू करने के लिए तीन कमेटी का होगा गठन
एनडीटीवी की रिपोर्ट बताती है कि नए नियमों को लागू करने के लिए तीन कमेटियां बनाई जाएंगी। ये कमेटियां स्कूल के बुनियादी ढांचे के आधार पर तीन साल के लिए फीस तय करेंगी। इस बात को प्रेस कॉन्फ्रेंस में मौजूद शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने कहा। उन्होंने यह भी कहा कि स्कूल के टीचर्स और अभिभावक भी निर्णय लेने की प्रक्रिया में शामिल होंगे। इस प्रक्रिया में 3 टीचर और पांच अभिभावक (माता पिता) इस प्रक्रिया का हिस्सा होंगे। इन सदस्यों का चयन किया जायेगा और वे तीन साल के लिए फीस तय करेंगे।”
स्कूल फीस पर पिछली सरकार पर की टिप्पणी
दिल्ली की सीएम रेखा गुप्ता ने कहा “दिल्ली की पिछली सरकारों ने फीस वृद्धि को रोकने के लिए कोई प्रावधान नहीं किया। निजी स्कूलों द्वारा फीस वृद्धि को रोकने में सरकार की मदद करने के लिए कोई दिशा-निर्देश नहीं थे।”
स्कूल फीस वृद्धि के खिलाफ बच्चों के अभिभावकों ने किया था प्रदर्शन
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक फीस वृद्धि के लिए काफी समय से अभिभावक विरोध कर रहे थे। हाल ही में 16 अप्रैल 2025 को नई दिल्ली में दिल्ली विधानसभा के पास शिक्षा निदेशालय कार्यालय के सामने निजी स्कूलों के अभिभावकों ने कथित फीस बढ़ोत्तरी के खिलाफ प्रदर्शन किया था।
इस फैसले के बाद अब देखना यह होगा क्या सच में स्कूलों की बढ़ती फीस में कमी देखने को मिलेगी और अभी इन सब प्रक्रिया में कितना समय लगेगा?