सुप्रीम कोर्ट द्वारा अतिक्रमण को रोकने के आदेश के बाद भी जहांगीरपुरी इलाके में लोगों के घर बुलडोज़र से गिराये गए। जिसके बाद कोर्ट ने दो हफ़्तों तक यथास्थिति बनाये रखने का आदेश दिया।
दिल्ली के जहांगीरपुरी इलाके में 20 अप्रैल 2022 को सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवहेलना हुई है। एनडीएमसी द्वारा इस इलाके में रहने वाले लोगों के घर तोड़े गए। अधिकारी चुप थे। कोई आरोप लगा रहा था। जिन परिवारों से उनका आशियाना छिन गया, वह टूटे घर के टुकड़ों को समेटने की कोशिश कर रहें थें। उस जगह से जहां पहले उनका कभी घर हुआ करता था। वो घर अब मलवे का ढेर बन चुका है। वो मलवा जिससे अब दोबारा घर नहीं बनाया जा सकता।
परिवार की आँखे घर की यादों को समेट रही थी। कानून जिसकी दुहाई दी जाती है, उसने लोगों को उम्र भर के ज़ख्म के साथ जीने के लिए छोड़ दिया था। मुझे नहीं पता कि ये परिवार फिर इस कानून, इस प्रशासन पर विश्वास कर पायेगा या नहीं। मज़बूरन, यह लोग टूटे सपनों भरीं आँखों से अब भी बस यही उम्मीद कर रहे हैं कि कोई उनकी दर्द भरी निगाहें देखेगा। कोई तो उनके दिल की चीख को सुनेगा। कोई तो सामने से हाथ आगे बढ़ाकर कहेगा कि घर फिर से संवर जाएगा। शायद यही बातें वो हर कान सुनना चाहते हैं जिनके पास अब कुछ नहीं बचा सिवाये मलवे के ढेर के।
राजनीति? धार्मिक हिंसा? सांप्रदायिक हिंसा, यह क्या है? इनमें तो सिर्फ घर उजड़ते हैं, बर्बाद होते हैं। इंस्टाग्राम पर आमिर अज़ीज़ नाम के एक व्यक्ति की कविता जहांगीरपुरी में हुए अतिक्रमण को बेहतर तौर पर बयां करती है।
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मलवे का ढेर
हज़ार आंसू हज़ार आहें
दो जोड़ी सपने, दो मुट्ठी खुशियां, एक खिलौना
दो-तीन सिक्के और चार बर्तन
एक लंगड़ी सी कुर्सी, एक तख़्ती की टेबल, एक कुरान
मजीद, एक छोटी से रेहल
मरहूम दादा की तस्बीह, नानी की ऐनक
कुछ किस्से-कहानियां, कुछ ज़िंदा रूहें
अब्बा-अम्मी की उम्र भर की मेहनत
उम्र भर की हसरत
ये घर जो मलवे के ढेर में बदल चुका है
ये सब कुछ है इसके नीचे
और इस मलवे के ढेर के बहुत नीचे है एक देश
मेरा देश ! तुम्हारा देश !
कवि – आमिर अज़ीज़
( रेहल – क़ुरान शरीफ़ रखने के लिए लकड़ी का बना एक स्टैंड )
(तस्बीह – माला )
शायद यह कविता यह बताने के लिए काफ़ी है जिनके घर एनडीएमसी ने उजाड़े, उन्होंने अतिक्रमण अभियान के तहत न सिर्फ उनके घर तोड़े बल्कि उनके उम्र भर की कमाई भी उनसे छीन ली। जबकि उच्च न्यायलय द्वारा इस अभियान पर रोक लगाने का आदेश दे दिया गया था।
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बीजेपी अध्यक्ष की चिठ्ठी के बाद शुरू हुआ अतिक्रमण?
मिडिया रिपोर्ट के अनुसार, मंगलवार, 19 अप्रैल को दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने उत्तरी दिल्ली नगर निगम के कमीश्नर और पार्षद को चिठ्ठी लिखी थी। चिट्ठी में यूपी और एमपी की तर्ज़ पर जहांगीरपुरी में अवैध निर्माण वाले घरों को तोड़ने की अपील की गयी थी। यह माना जा रहा है कि इसके बाद ही एनडीएमसी ने अतिक्रमण के कार्य पर ज़ोर दिया।
Delhi | Encroachment drive will be done on illegal construction in the Jahangirpuri area on April 20th and 21st. MCD has asked for 400 personnel from Delhi Police to handle law and order during this period. pic.twitter.com/LcZbeJDcvI
— ANI (@ANI) April 19, 2022
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जहांगीरपुरी अतिक्रमण मामले पर सुप्रीम कोर्ट
– जहांगीरपुरी में हुए अतिक्रमण अभियान के बाद सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गयी। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता के अनुसार, दोनों ही दलीलें जमीयत उलमा-ए-हिंद द्वारा दी गयी। यह भी कहा कि समुदाय को निशाना बनाने का आरोप गलत है।
– सुप्रीम कोर्ट ने उत्तरी डीएमसी और अन्य लोगों के खिलाफ़ नोटिस ज़ारी किया। साथ ही याचिका पर जवाब देने के लिए कहा।
– कोर्ट ने अगले दो हफ़्तों तक यथास्थिति बनाये रखने के आदेश दिए।
– कोर्ट ने जहांगीरपुरी में अगले दो हफ़्ते तक अतिक्रमण अभियान पर रोक लगाते हुए कहा, ” वह मेयर द्वारा दी गयी जानकारी के बाद विध्वंश की घटना पर गंभीरता से विचार करेंगे।”
जहांगीरपुरी विध्वंश पर नॉर्थ दिल्ली नगर निगम के मेयर
उत्तरी दिल्ली नगर निगम के मेयर इकबाल सिंह ने कहा, “सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन किया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट के अंतिम आदेश के बाद ही आगे कुछ भी किया जाएगा।”
सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन किया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट के अंतिम आदेश के बाद ही आगे कुछ भी किया जाएगा: जहांगीरपुरी हिंसा प्रभावित इलाके में अतिक्रमण पर इकबाल सिंह, मेयर, नॉर्थ MCD, दिल्ली pic.twitter.com/yLsSV0OTH6
— ANI_HindiNews (@AHindinews) April 21, 2022
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जहांगीरपुरी विध्वंश पर वरिष्ठ अधिवक्ता दुष्यंत दवे
” वरिष्ठ अधिवक्ता दुष्यंत दवे ने यथास्थिति के बावजूद जहांगीरपुरी में ज़ारी तोड़फोड़ के खिलाफ एक बार फिर बात की। CJI ने सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री से उत्तरी दिल्ली के मेयर, उत्तरी DMC आयुक्त और दिल्ली पुलिस आयुक्त को यथास्थिति के बारे में सूचित करने को कहा है।”
वरिष्ठ अधिवक्ता दुष्यंत दवे ने यथास्थिति के बावजूद जहांगीरपुरी में जारी तोड़फोड़ के खिलाफ एक बार फिर उल्लेख किया है। CJI ने सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री से उत्तरी दिल्ली के मेयर, उत्तरी DMC आयुक्त और दिल्ली पुलिस आयुक्त को यथास्थिति के बारे में सूचित करने को कहा है।
— ANI_HindiNews (@AHindinews) April 20, 2022
जहांगीरपुरी विध्वंश पर माकपा नेता
दिल्ली की माकपा नेता वृंदा करात कहती हैं, ” सुप्रीम कोर्ट ने सुबह 10:45 पर अतिक्रमण विरोधी अभियान पर यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया था। जो बुलडोजर यहां कानून की धज्जियां उड़ा रहा है और सुप्रीम कोर्ट के आदेश की धज्जियां उड़ा रहा है मैं उसे रोकने यहां आई हूं।”
सुप्रीम कोर्ट ने सुबह 10:45 पर अतिक्रमण विरोधी अभियान पर यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया था। जो बुलडोजर यहां कानून की धज्जियां उड़ा रहा है और सुप्रीम कोर्ट के आदेश की धज्जियां उड़ा रहा है मैं उसे रोकने यहां आई हूं: जहांगीरपुरी में माकपा नेता वृंदा करात, दिल्ली pic.twitter.com/Njja2eDEOG
— ANI_HindiNews (@AHindinews) April 20, 2022
लोगों के घर टूट चुके हैं। सिर पर छत नहीं है। उच्च न्यायलय के आदेश की अवहेलना हुई है। इन सब चीज़ों के बावजूद दिल्ली उत्तरी नगर निगम से सिर्फ जवाब माँगा गया है। जिन लोगों के घरों को बुलडोज़र ने रौंद दिया, उनके सिर की छत को लेकर कोई बात नहीं की जा रही है। उनकी मदद की जायेगी, कैसे की जायेगी, इन बातों पर कोई चर्चा नहीं हुई। सिर्फ दो हफ़्तों तक यथास्थिति का आदेश दे दिया गया। जहां कानून की तौहीन हो, वहां कोई सुरक्षित कैसे महसूस करे? जहां केंद्र की सरकार हो और इसके बावजूद भी वहां आदेशों की धज्जियाँ उड़े तो नियम की पालना कौन करेगा?
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