दिल्ली मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि फ्री बस की सेवा अब सिर्फ दिल्ली निवासी महिलाओं के लिए होगा। साथ ही उन्होंने कहा कि IIT (आईआईटी) की मदद से बस के नए रुट्स को तैयार किया जा रहा है।
सीएम रेखा गुप्ता द्वारा लिया गया फैसला
ये बात तो जगजाहिर है कि राजधानी दिल्ली में महिलाओं के लिए फ्री बस सेवा चलती है जिससे दिल्ली में रहने वालीं सभी महिलाओं को काफी मदद होती है। फ्री बस योजना दिल्ली की पूर्ववर्ती आप (आम आदमी पार्टी) सरकार द्वारा 2019 में शुरू की गई थी। इसके तहत कोई भी महिला डीटीसी बसों में फ्री यात्रा कर सकती थीं।
बता दें दिल्ली की मौजूदा मुख्यमंत्री रेखा सिंह गुप्ता ने इस फ्री बस योजना में बड़ा बदलाव किया है। सीएम रेखा गुप्ता ने कहा है कि अब यह सुविधा केवल दिल्ली निवासी महिलाओं की होगी यानी दिल्ली में आए बाहरी राज्यों की महिलाओं को फ्री बस की सुविधा नहीं दी जाएगी। इस खबर ने दिल्ली में महिलाओं के बीच खलबली मचा दिया है। बल्कि उन हजारों महिलाओं और छात्राओं को भी असमंजस में डाल दिया है जो दिल्ली जैसे महानगर में बेहतर भविष्य की उम्मीद लेकर आती हैं।
17 जुलाई 2025 को सीएम रेखा गुप्ता ने नंदनगरी डिपो में एक स्वचालित वाहन परीक्षण केंद्र की आधारशिला कार्यक्रम के दौरान कहा कि फ्री बस के लिए पिंक टिकट की जगह जल्द ही पिंक पास शुरू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि पिंक पास योजना को लागू करने के लिए निवास प्रमाण पत्र या आधार कार्ड जैसे दस्तावेजों की आवश्यकता होगी ताकि केवल दिल्ली की महिलाएं ही इस सुविधा का लाभ ले सकें।
अब से नए नियम के अनुसार दिल्ली में रहने वाले बाहर की महिलाओं को बस में सफर के लिए पैसे देने होंगे।
फ्री बस पास कैसे मिलेगी
पिछले दिनों लगातार खबरें चल रही थीं कि दिल्ली की महिलाओं को ‘सहेली स्मार्ट कार्ड’ दिया जाएगा जो पूरा डिजिटल तरीके का होगा। कार्ड पर नाम और तस्वीर होगी। यह स्मार्ट कार्ड नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड (NCMC) के तहत जारी किया जाएगा जो मेट्रो और नोएडा मेट्रो में पहले से है। कार्ड के लिए अप्लाई करने के लिए आधार कार्ड, पैन कार्ड, दिल्ली में निवास का प्रमाण, पासपोर्ट फोटो और बैंक द्वारा मांगे गए अन्य केवाईसी दस्तावेज देने होंगे।
सहेली स्मार्ट कार्ड बनाने के लिए दिल्ली परिवहन निगम (DTC) के पोर्टल पर महिलाओं को रजिस्ट्रेशन करना होगा। रजिस्ट्रेशन के दौरान जिस बैंक से कार्ड बनवाना चाहते हैं उसे चुनना होगा। फिर बैंक जाकर आधार कार्ड के जरिए (KYC) केवाईसी की प्रक्रिया होगी। इस प्रक्रिया के पूरी होने पर बैंक के ओर से सहेली स्मार्ट कार्ड घर के पते पर भेज दिया जाएगा।
DTC घाटे में
मुख्यमंत्री ने बताया कि DTC यानी दिल्ली परिवहन निगम इस समय करीब 65,000 करोड़ रुपये के भारी घाटे से जूझ रहा है। इस नुकसान को कम करने के लिए कई योजनाएं लागू की जा रही हैं। इसमें प्रमुख है बस रूट्स का पुनर्गठन। इसके लिए सरकार ने IIT जैसे तकनीकी संस्थानों की मदद ली है ताकि रूट्स को अधिक व्यावहारिक और यात्रियों के लिए सुविधाजनक बनाया जा सके।
फ्री पिंक बस का उद्देश्य
दिल्ली सरकार का मानना है कि अगर महिलाएं बिना किसी खर्च और डर के यात्रा कर सकेंगी तो वे अधिक आत्मनिर्भर बनेंगी। इसी सोच के साथ यह योजना तैयार की गई है ताकि वे स्कूल, कॉलेज, ऑफिस या बाज़ार कहीं भी बिना झिझक और झंझट के जा सकें।
एक तरफ आम आदमी पार्टी का दावा है कि दिल्ली की रेखा गुप्ता सरकार आम लोगों को मिलने वाली सुविधाएं खत्म कर रही है। AAP के दिल्ली प्रमुख सौरभ भारद्वाज ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार अपने ‘गरीब-विरोधी एजेंडे’ के तहत मोहल्ला क्लीनिक और पिंक टिकट योजना जैसी जनहितैषी योजनाओं को व्यवस्थित रूप से बंद कर रही है। वहीं दूसरी तरफ बीजेपी का कहना है कि आप सरकार में व्यापक भ्रष्टाचार हुए हैं। इससे संस्था को काफी नुकसान हुआ है।
दिल्ली में अधिकांश छात्राएं और कामकाजी महिलाएं देश के अलग-अलग हिस्सों से आती हैं और मध्यम या निम्न आय वर्ग से ताल्लुक रखती हैं।
दरअसल अब सवाल ये उठता है कि क्या दिल्ली सरकार की सुरक्षा और सुविधा की योजनाएं सिर्फ स्थायी निवासी महिलाओं तक सीमित हैं? क्या एक मध्यम वर्ग की लड़की जो हर दिन नोएडा या गाज़ियाबाद से दिल्ली के कॉलेज या ऑफिस आती होंगी वह इस शहर का हिस्सा नहीं है?
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