मजनू का टिल्ला और सिग्नेचर ब्रिज के नीचे रह रहे करीब 200 से 250 पाकिस्तानी हिंदू शरणार्थी इस वक्त बाढ़ से प्रभावित हैं और दिल्ली के राहत कैंपों में ठहरे हुए हैं। इनमें से कई लोग 2011 में भारत आए थे और तभी से यहीं रह रहे हैं। उनकी मुख्य मांग है कि उन्हें भारतीय नागरिकता दी जाए, ताकि वे सरकारी योजनाओं, स्वास्थ्य सुविधाओं और बच्चों की शिक्षा व्यवस्था का लाभ उठा सकें। हालांकि कुछ परिवारों को 2024 के चुनाव से पहले नागरिकता मिल गई थी, लेकिन कई अब भी इसके इंतज़ार में हैं। 2 सितंबर को यमुना का पानी बढ़ने के बाद इन्हें शिविरों में शिफ्ट किया गया, जहाँ उनकी सबसे बड़ी चिंता रोज़गार ठप होने से हुई आमदनी की है।
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