दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों पर चुनाव होने हैं। इसके लिए आम आदमी पार्टी ने कल 15 दिसंबर को उम्मीदवारों की अपनी चौथी और आखिरी सूची ज़ारी की है। दिल्ली के पूर्व सीएम अरविन्द केजरीवाल नई दिल्ली सीट से चुनाव लड़ेंगे, वहीं वर्तमान सीएम आतिशी कालकाजी सीट से खड़ी हुई हैं।
दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के लिए आम आदमी पार्टी,कांग्रेस पार्टी और भारतीय जनता पार्टी ने अपने-अपने चुनावी कैंपेन शुरू कर दिए हैं। चुनाव फरवरी 2025 में कराये जाएंगे, हालांकि, चुनाव की तारीखों की अभी घोषणा नहीं हुई है। आम आदमी पार्टी ने अपने सभी उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी है। वहीं कांग्रेस ने फ़िलहाल अपने प्रत्याशियों की पहली सूची ही निकाली है। भाजपा ने अभी तक अपनी तरफ से अपने किसी भी उम्मीदवार के नामों की घोषणा नहीं की है।
आने वाले महीने में दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों पर चुनाव होने हैं। इसके लिए आम आदमी पार्टी ने कल 15 दिसंबर को उम्मीदवारों की अपनी चौथी और आखिरी सूची ज़ारी की है। दिल्ली के पूर्व सीएम अरविन्द केजरीवाल नई दिल्ली सीट से चुनाव लड़ेंगे, वहीं वर्तमान सीएम आतिशी कालकाजी सीट से खड़ी हुई हैं।
रिपोर्ट्स के अनुसार, आप पार्टी के अन्य मुख्य नेता इन सीटों से चुनाव लड़ेंगे :- सौरभ भारद्वाज – ग्रेटर कैलाश, गोपाल राय – बाबरपुर, सतेंद्र कुमार जैन – शकर बस्ती, दुर्गेश पाठक – राजेंद्र नगर से।
Here is our fourth and final list for upcoming Delhi Elections ‼️
Congratulations to all the candidates 🎉
फिर लायेंगे केजरीवाल 🔥💯 pic.twitter.com/YVgypI9mR9
— AAP (@AamAadmiParty) December 15, 2024
वहीं चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी के प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने यह भी साफ़ कर दिया है कि पार्टी चुनाव से पहले किसी भी तरह का पूर्व-गठबंधन नहीं करेगी। पार्टी का कहना है कि वह यह चुनाव अपने दम पर लड़ेगी।
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दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 हेतु कांग्रेस की पहली सूची
वीरवार, 12 दिसंबर को कांग्रेस पार्टी ने दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 हेतु अपने 21 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की थी। द हिन्दू की प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली कांग्रेस के अध्यक्ष देवेंद्र यादव को बादली सीट से पार्टी ने उम्मीदवार बनाया है। पूर्व लोकसभा सदस्य और तीन बार की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के बेटे संदीप दीक्षित को नई दिल्ली से उम्मीदवार बनाया गया है। नई दिल्ली सीट पर वर्तमान में आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और पूर्व दिल्ली मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल मौजूद हैं।
कांग्रेस की तरफ से अन्य उम्मीदवारों में, पूर्व लोकसभा सांसद जय प्रकाश अग्रवाल के बेटे मुदित अग्रवाल चांदनी चौक से चुनावी मैदान में उतरेंगे, अरुणा कुमारी नरेला से, अभिषेक दत्त कस्तूरबा नगर से, और रागिनी नायक वजीरपुर से चुनाव लड़ेंगी।
The Central Election Committee has selected the following persons as Congress candidates for the ensuing elections to the Delhi Legislative Assembly 👇 pic.twitter.com/LbaV5X7YgE
— Congress (@INCIndia) December 12, 2024
रिपोर्ट के अनुसार, इन सभी नामों का चयन केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में किया गया था, जो दिल्ली के ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी मुख्यालय में हुई थी। इस बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, वरिष्ठ नेता और पूर्व पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी, पार्टी के संगठन महासचिव के.सी. वेणुगोपाल और देवेंद्र यादव सहित अन्य नेता मौजूद रहे थे।
दिल्ली में भाजपा की क्या है छाप?
आप ने अपने उम्मीदवारों की सभी सूची और कांग्रेस ने अपनी पहली सूची जारी कर दी है, वहीं भाजपा की तरफ से अब तक न तो कोई सूची जारी की गई है और न ही यह बताया जा रहा है कि कब तक की जायेगी। लाइव मिनट ने अपनी प्रकाशित रिपोर्ट में लिखा कि दिल्ली में भाजपा पिछले 25 सालों से नहीं आई है।
रिपोर्ट बताती है कि बीजेपी के पास दिल्ली में आखिरी बार मुख्यमंत्री 1998 में था, जब सुषमा स्वराज ने 52 दिनों के लिए मुख्यमंत्री का पद संभाला था।
इसके बाद कांग्रेस की वरिष्ठ नेता शीला दीक्षित ने 1998 से 2013 तक तीन बार दिल्ली की मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया।
आप नेता अरविंद केजरीवाल दिसंबर 2013 में 49 दिनों के लिए दिल्ली के मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया, जिसके बाद एक साल तक राष्ट्रपति शासन लागू हो गया था। फिर 2015 में केजरीवाल ने फिर से मुख्यमंत्री का पद संभाला और 2020 में तीसरी बार मुख्यमंत्री बने। इस साल सितंबर में उन्होंने पद छोड़ दिया था, जिससे उनकी पार्टी की सहयोगी अतिशी ने दिल्ली की मुख्यमंत्री के रूप में पद संभाला।
केजरीवाल की आम आदमी पार्टी इस चुनाव में भी जीतने की तैयारी में है। पार्टी ने 2015 में 70 विधानसभा सीटों में 67 सीटें और 2020 में 63 सीटें जीती थीं।
वहीं, चुनाव को लेकर केजरीवाल ने भाजपा को भी चुनौती दे दी है। अपनी पार्टी की सरकार का समर्थन करते हुए, उन्होंने कहा था कि अगर बीजेपी को सत्ता में लाया गया तो दिल्लीवासियों को फिर से बिजली कटौती की समस्याओं का सामना करना पड़ेगा।
“दिल्ली में बिजली मुफ्त है, लेकिन उत्तर प्रदेश, राजस्थान और बिहार में यह बहुत महंगी है,” – यह उन्होंने बीजेपी शासित राज्यों पर तंज कसते हुए कहा था।
दिल्ली की राजनीति का समीकरण फिलहाल इस समय काफ़ी उलझा हुआ है और यह कह पाना मुश्किल है कि दिल्ली के लिए कौन-सी पार्टी इस समय सबसे ज़्यादा मज़बूत दिखाई दे रही है।
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