गणेशपुर के कुम्हार कहते,’हमारे लिए दीपोत्सव का कोई मतलब नहीं। दीपोत्सव हमारे लिए नहीं होता तभी हमारे दीये नहीं खरीदे जाते।’ अगर सरकार हमें कुछ बनाने का आर्डर दे तो उनकी भी दीवाली अच्छे से बन जाए।
दीपोत्सव 2023: दीपोत्सव होगा, अयोध्या के कुम्हारों को रोज़गार मिलेगा। दीपोत्सव होगा और कुम्हार खुश होंगे। इस बार भी दीपोत्सव होगा और 21 लाख दीयों को जलाया जाएगा पर क्या सच में कुम्हार मुस्कुराएगा? क्या सच में उसके घर दीप जलेंगे?
अब बात करते हैं,वास्तविकता में आकर। दीपोत्सव होता है पर लोकल कुम्हारों को रोज़गार नहीं मिलता। दीपोत्सव होता है, अयोध्या दीयों की रोशनी से जगमगाती है पर कुम्हार के घर उजियारा नहीं होता। क्यों नहीं होता उनका घर रोशन जब सरकार रोज़गार दे रही? दीपोत्सव के लिए करोड़ों खर्च कर रही? हाँ, ये बात और है कि सिर्फ एक दिन के लिए जिले में लाखों दीये जलाये जा रहे हैं पर क्या ये दीये इन्हें बनाने वालों के घर में जल रहे हैं या नहीं, ये सवाल है।
हर साल खबर लहरिया इस दौरान कुम्हारों से उनके रोज़गार व सरकार के हवाई वादों को लेकर उनसे बात करती है। सामने यही आता है कि उन्हें इस बार भी कोई ऐसा कार्य या आर्डर नहीं मिला कि उनकी दीवाली भी विशाल दीपोत्सव की तरह जग-मग हो जाए।
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दीपोत्सव हमारे लिए नहीं होता – कुम्हार
हमने अपनी रिपोर्ट में पाया, जिसमें लोग बताते हैं कि अयोध्या से सटे गांव से ही दीये खरीदें जाते हैं। जो गांव 10-15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है जैसे पिंपरी,गणेशपुर आदि इन गांवो से दीपोत्सव के लिए दीये नहीं खरीदे जाते। मतलब जो दिख रहा है, वही है बाकी जहां तक उनकी आंखे नहीं जाती मतलब वहां कुछ नहीं।
गणेशपुर के कुम्हार कहते,
‘हमारे लिए दीपोत्सव का कोई मतलब नहीं। दीपोत्सव हमारे लिए नहीं होता तभी हमारे दीये नहीं खरीदे जाते।’
अगर सरकार हमें कुछ बनाने का आर्डर दे तो उनकी भी दीवाली अच्छे से बन जाए। पर आज तक कोई आर्डर ही नहीं मिला। न इसके बारे में ज़्यादा पता है। बस जो लोग आते हैं और खरीदते हैं, उससे वह अपनी दीवाली बनाते हैं।
कुम्हारों ने कहा, यूं तो सरकार कहती है कि,’हमने कुम्हार को रोज़गार दिया। उनके लिए मिट्टी बनाने के लिए चाक मिट्टी का प्रबंध किया लेकिन हमें तो चाक वितरित नहीं किया गया। न ही मिट्टी का प्रबंध किया गया। हम लोग बड़ी दूर से मिट्टी लाते हैं। लकड़ी के चाक से हाथ से दीये बनाते हैं। अगर सरकार उन्हें भी यह सुविधा देती तो उनकी भी दीवाली अच्छी बन जाती।’
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दीपोत्सव 2023 की जानकारी
रिपोर्ट्स के अनुसार, अयोध्या में इस बार 21 लाख दिए जलाएंगे व नया विश्व रिकॉर्ड मनाया जाएगा। लाइव हिंदुस्तान की रिपोर्ट के अनुसार, रामनगरी में आयोजित होने वाले तीन दिवसीय दीपोत्सव में 24 राज्यों की हिस्सेदारी रहेगी। देश-विदेश के लगभग 2500 कलाकारों का समागन होगा। इसके साथ ही राज्य सरकार ने सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिए 1 करोड़ 51 लाख की वित्तीय स्वीकृति भी ज़ारी कर दी है।
करोड़ों रुपयों से सराबोर इस दीपोत्सव में चार-चाँद लगाने में सरकार कोई कसर नहीं छोड़ रही है। बस कुम्हारों को रोज़गार देने में हर बार चूक कर देती है। कहती तो है पर बाहरी दिखावे में ही सारे पैसे डाल देती है। कुम्हारों के लिए शायद उनके पास देने को कुछ बचता ही नहीं। हाँ, लेकिन वह यह बात कहना कभी नहीं भूलती कि उन्हें कुम्हारों की चिंता है बस काम नहीं कर पाती वो बात अलग है।
इस खबर की रिपोर्टिंग कुमकुम द्वारा की गई है।
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