दिल्ली की जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) में 5 जनवरी की शाम भारी हिंसा और तोड़फोड़ हुई थी। इसका मामला शांत होते नजर नहीं आ रहा है। बल्कि और ही भयावह रूप ले रहा है लोग जगह-जगह प्रोटेस्ट का रहे हैं। आपको बता दें कि जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) में फीस बढ़ोतरी के खिलाफ छात्र लगातार प्रदर्शन कर रहे थे छात्रों पर कुछ नकाबपोश बदमाशों ने 5 जनवरी को हमला किया। इस दौरान डंडे और लोहे की रॉड से छात्र-शिक्षकों की पिटाई की गई। हमले में छात्र संघ अध्यक्ष आइशी घोष समेत 35 लोग जख्मी हो गए।
#JNU पर आतंकी हमला,हॉस्टल में घुस कर मुँह ढके आतंकी छात्र छात्राओं की कर रहे पिटाई और तोड़फोड़#JNU@Profdilipmandal @Shehla_Rashid @asadowaisi @TheKarwaan @MuslimAwaz @UAH_India pic.twitter.com/3ESRiP1SRg
— UMMAT E Muslima 21 (@UmmatEMuslima21) January 5, 2020
घायलों को दिल्ली एम्स और सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराया गया। बदमाशों ने कई हॉस्टल में घुसकर तोड़फोड़ की। यहां तक कि कैंपस में खड़ी कारों तक को नहीं बख्शा। इस हमले को लेकर देशभर में प्रदर्शन हो रहे हैं वहीं बॉलीवुड हस्तियों समेत पूरा देश निंदा कर रहा है। जेएनयू हिंसा के विरोध में मुंबई के गेटवे ऑफ इंडिया पर 5 जनवरी की रात से ही प्रदर्शन हो रहा है। दिल्ली के अलग-अलग जगहों पर लोग प्रदर्शन व कैंडिल मार्च निकाल रहे हैं।
Candle March against #CAA_NRC_NPR #CAA_NRCProtests pic.twitter.com/STtGBlylGa
— Khabar Lahariya (@KhabarLahariya) January 8, 2020
इस बीच छपाक और बॉलीवुड एक्ट्रेस दीपिका पादुकोण छात्रों का समर्थन करने जेएनयू पहुंची।दीपिका पादुकोण के JNU जाने से बवाल खड़ा हो गया है। ख़ैर सबके मत एक जैसे नहीं हैं।
कुछ लोग दीपिका पादुकोण के JNU पहुँचने पर गर्व महसूस कर रहे हैं उनका मानना है कि मुंबई के गेटवे ऑफ इंडिया जाने से बड़ी बात है JNU जाना। आमतौर पर जिसकी फिल्म आती है वह राजनीति से दूर रहता है। दो दिन बाद ही उनकी फिल्म रिलीज़ होनी है लेकिन बिना किसी की परवाह किये वह JNU पहुंची। वहीँ कुछ लोग अफसोस कर रहे हैं कि दीपिका की फिल्म `छपाक` एसिड अटैक पीड़िता लक्ष्मी की कहानी है। यानी उनकी फिल्म अपराध से महिलाओं को आज़ादी दिलाने की बात करती है, लेकिन दीपिका ने महिलाओं की आज़ादी की बात करने की बजाय बिना कुछ बोले ही निकल गई।
मुझे ये कहते हुए गर्व महसूस होता है कि हम खुद को व्यक्त करने से डरते नहीं हैं मुझे लगता है कि हम देश और इसके भविष्य के बारे में सोच रहे हैं, जो भी हमारी विचारधारा हो, ये देखना अच्छा है-दीपिका
(दीपिका की फिल्म 'छपाक' कल रिलीज है, बावजूद इसके बिना किसी की परवाह किये वह JNU पहुंची) pic.twitter.com/z1X8SCvzje— Vipin Sharma (@SharmaVips1) January 7, 2020
लोग बोल रहे हैं कि दीपिका आज से पहले कभी इस तरह के विरोध प्रदर्शनों का हिस्सा नहीं रही हैं। तो क्या ये मान लिया जाए कि अब वो JNU की राजनीति में इसलिए पड़ रही हैं। क्योंकि शुक्रवार यानी 10 जनवरी को उनकी फिल्म एक रिलीज़ हो रही है। शायद दीपिका को ये लग रहा होगा कि अपनी फिल्म को चर्चा में लाने का इससे अच्छा तरीका नहीं हो सकता है। जेएनयू के छात्र नेता उमर खालिद पर हमला
दीपिका पादुकोण जैसी कलाकार के चाहने वाले लाखों की संख्या में होंगे। उनकी हर एक पहल का बड़ा सामाजिक असर होता है। उनके हर बयान का खास मतलब होता है। इसलिए सार्वजनिक मंच पर कुछ बोलते हुए, या किसी आयोजन में शामिल होने से पहले, ऐसे कलाकारों को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि उनके इस कदम का क्या असर होगा। दीपिका की मौजूदगी में JNU में ले के रहेंगे आज़ादी के नारे भी लगे लेकिन दीपिका 10 मिनट थी उसके बाद बिना कुछ बोले निकल गई इसका क्या मतलब समझा जाए?
#WATCH Delhi: Deepika Padukone greets Jawaharlal Nehru University Student Union (JNUSU) President Aishe Ghosh at the university, during protest against #JNUViolence. (earlier visuals) pic.twitter.com/aFzIF10HI2
— ANI (@ANI) January 7, 2020