खबर लहरिया Blog हिंसा के खिलाफ छात्रों के समर्थन में JNU पहुंचीं दीपिका पादुकोण

हिंसा के खिलाफ छात्रों के समर्थन में JNU पहुंचीं दीपिका पादुकोण

दिल्ली की जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) में 5 जनवरी की शाम भारी हिंसा और तोड़फोड़ हुई थी इसका  मामला शांत होते नजर नहीं आ रहा है। बल्कि और ही भयावह रूप ले रहा है लोग जगह-जगह प्रोटेस्ट का रहे हैं। आपको बता दें कि जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) में फीस बढ़ोतरी के खिलाफ छात्र लगातार प्रदर्शन कर रहे थे छात्रों पर कुछ नकाबपोश बदमाशों ने 5 जनवरी को हमला किया। इस दौरान डंडे और लोहे की रॉड से छात्र-शिक्षकों की पिटाई की गई। हमले में छात्र संघ अध्यक्ष आइशी घोष समेत 35 लोग जख्मी हो गए।

 

घायलों को दिल्ली एम्स और सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराया गया। बदमाशों ने कई हॉस्टल में घुसकर तोड़फोड़ की। यहां तक कि कैंपस में खड़ी कारों तक को नहीं बख्शा। इस हमले को लेकर देशभर में प्रदर्शन हो रहे हैं वहीं बॉलीवुड हस्तियों समेत पूरा देश निंदा कर रहा है। जेएनयू हिंसा के विरोध में मुंबई के गेटवे ऑफ इंडिया पर 5 जनवरी की रात से ही प्रदर्शन हो रहा है। दिल्ली के अलग-अलग जगहों पर लोग प्रदर्शन व कैंडिल मार्च निकाल रहे हैं। 

इस बीच छपाक और बॉलीवुड एक्ट्रेस दीपिका पादुकोण छात्रों का समर्थन करने जेएनयू पहुंची।दीपिका पादुकोण के JNU जाने से बवाल खड़ा हो गया है। ख़ैर सबके मत एक जैसे नहीं हैं

कुछ लोग दीपिका पादुकोण के JNU पहुँचने पर गर्व महसूस कर रहे हैं उनका मानना है कि मुंबई के गेटवे ऑफ इंडिया जाने से बड़ी बात है JNU जाना। आमतौर पर जिसकी फिल्म आती है वह राजनीति से दूर रहता है। दो दिन बाद ही उनकी फिल्म रिलीज़ होनी है लेकिन बिना किसी की परवाह किये वह JNU पहुंची वहीँ कुछ लोग अफसोस कर रहे हैं कि दीपिका की फिल्म `छपाक` एसिड अटैक पीड़िता लक्ष्मी की कहानी है यानी उनकी फिल्म अपराध से महिलाओं को आज़ादी दिलाने की बात करती है,  लेकिन दीपिका ने महिलाओं की आज़ादी की बात करने की बजाय बिना कुछ बोले ही निकल गई 

 

लोग बोल रहे हैं कि दीपिका आज से पहले कभी इस तरह के विरोध प्रदर्शनों का हिस्सा नहीं रही हैं तो क्या ये मान लिया जाए कि अब वो JNU की राजनीति में इसलिए पड़ रही हैंक्योंकि शुक्रवार यानी 10 जनवरी को उनकी फिल्म एक रिलीज़ हो रही है शायद दीपिका को ये लग रहा होगा कि अपनी फिल्म को चर्चा में लाने का इससे अच्छा तरीका नहीं हो सकता है जेएनयू के छात्र नेता उमर खालिद पर हमला

 

दीपिका पादुकोण जैसी कलाकार के चाहने वाले लाखों की संख्या में होंगे उनकी हर एक पहल का बड़ा सामाजिक असर होता है उनके हर बयान का खास मतलब होता है इसलिए सार्वजनिक मंच पर कुछ बोलते हुए, या किसी आयोजन में शामिल होने से पहले, ऐसे कलाकारों को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि उनके इस कदम का क्या असर होगादीपिका की मौजूदगी में JNU में ले के रहेंगे आज़ादी के नारे भी लगे लेकिन दीपिका 10 मिनट थी उसके बाद बिना कुछ बोले निकल गई इसका क्या मतलब समझा जाए?