खबर लहरिया Blog Himachal Pradesh: बादल फटने, भारी वर्षा और बाढ़ की वजह से मृतकों की संख्या बढ़ी, 8 जुलाई तक हिमाचल के कई हिस्सों में भारी बारिश की चेतवानी 

Himachal Pradesh: बादल फटने, भारी वर्षा और बाढ़ की वजह से मृतकों की संख्या बढ़ी, 8 जुलाई तक हिमाचल के कई हिस्सों में भारी बारिश की चेतवानी 

हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में बादल फटने और बाढ़ की वजह से लगभग 11 लोगों की मौत हो गई जबकि 34 लोग लापता हो गए।

The confluence of the Beas and Suketi rivers flowing in spate after a cloudburst in Mandi district on July 1, 2025.

1 जुलाई 2025 को मंडी जिले में बादल फटने के बाद उफान पर बह रही ब्यास और सुकेती नदियों का संगम। ​​ फोटो साभार: पीटीआई

हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में बादल फटने और बाढ़ की वजह से लगभग 11 लोगों की मौत हो गई जबकि 34 लोग लापता हो गए। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने मंडी के स्याठी गांव का दौरा किया और उन्होंने परिवारों से मुलाकात की। उन्हें आश्वासन दिया कि सरकार हर तरह से सम्भव मदद करेगी। लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि मंडी जिले और कुल्लू के कुछ हिस्सों में लगातार बारिश की वजह से भारी नुकसान हुआ है।

भारतीय मौसम विभाग ने 3 जुलाई से 8 जुलाई के बीच हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पूर्वी राजस्थान, हरियाणा और चंडीगढ़ में भारी वर्षा तथा 5 और 7 जुलाई को हिमाचल प्रदेश में बहुत भारी वर्षा की आशंका जताई है। 

हिमाचल प्रदेश के कई इलाकों में लगातार 20 जून 2025 से भारी बारिश हो रही जिसकी वजह से बाढ़ की स्थिति अब तक बनी हुई है। कई नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर हो गया तो वहीं कई पुल, सड़क और घरों को नुकसान हुआ है। हिमाचल के बादल फटने के बाद यमुनोत्री धाम में फंसे 300 लोगों को निकाला गया है और कई तो अब तक फंसे हुए हैं। 

एसडीआरएफ (राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल) कर्मियों और स्थानीय निवासियों को सुरक्षित रूप से निकालने का काम कर रही है। मंडी में आई बाढ़ की वजह से आसपास के सभी गांवों का सड़क संपर्क पूरी तरह से टूट गया है।

हिमाचल प्रदेश में बाढ़ से अब तक नुकसान 

एनडीटीवी की 2 जुलाई 2025 की रिपोर्ट के मुताबिक हिमाचल प्रदेश सरकार के राजस्व विभाग के अंतर्गत राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र / The State Emergency Operation Centre (SEOC) ने 2 जुलाई को एक रिपोर्ट जारी की। इसमें 20 जून से 1 जुलाई तक बाढ़, बादल फटने और भारी वर्षा से हुए नुकसान के बारे में जानकारी दी गई। 

राज्य आपातकालीन संचालन केंद्र (एसईओसी) क्या होता है?

राज्य आपातकालीन संचालन केंद्र (एसईओसी) एक केंद्रीकृत स्थान है। यह हर राज्य में अलग अलग होता है। इसके अंतर्गत राज्य स्तर पर आपदा प्रतिक्रिया और उसके बारे में जानकारी दी जाती है। यह एक कमांड और नियंत्रण केंद्र के रूप में कार्य करता है। आपात स्थिति के दौरान सूचना इकट्ठी करना, निर्णय लेने और संसाधन आवंटन की सुविधा देना शामिल होता है। यह प्राकृतिक आपदाओं, गंभीर मौसम की घटनाओं और अन्य महत्वपूर्ण घटनाओं सहित विभिन्न प्रकार की आपात स्थितियों में यह महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।राज्य आपातकालीन संचालन केंद्र (एसईओसी) की रिपोर्ट के अनुसार हिमाचल प्रदेश के 12 जिलों में लोगों के जीवन, निजी संपत्ति, पशुओं और सार्वजनिक बुनियादी ढांचे (जैसे सड़क, घर और पुल आदि) का नुकसान हुआ है। 

एसईओसी (SEOC) की रिपोर्ट से ये भी सामने आया कि अब तक अलग अलग कारणों से कुल 51 मौतें हुई हैं, जिनमें अचानक बाढ़, डूबना, भूस्खलन, बिजली गिरना और सड़क दुर्घटनाएं शामिल हैं। लापता लोगों की संख्या वर्तमान में 22 बताई गई है जिसमें सबसे अधिक 10 मौतें मंडी जिले में हुई हैं और 34 लोग लापता हैं। 

हिमाचल प्रदेश में बाढ़ की वजह से पशु और घरों का नुकसान 

रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि 84 मवेशी और अन्य पशु मर गए हैं। इसकी वजह से खेती और डेयरी (दूध और दूध से बनी सामग्री) पर निर्भर रहने वाले ग्रामीणों पर भी इसका असर पड़ा है। 

हिमाचल प्रदेश के 204 घरों को नुकसान पहुंचने की खबर है, जिनमें से 22 पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए (पक्के और कच्चे दोनों ढांचे)। इसके अलावा, 84 दुकानें, गौशालाएं और मजदूरों की झोपड़ियां भी बाढ़ की चपेट में आ गए। लोगों की निजी संपत्ति को 88.03 लाख रुपये का नुकसान होने का अनुमान बताया जा रहा है। 

हिमाचल के इन जिलों में मृतकों की संख्या 

कांगड़ा – 13

मंडी – 6 

चंबा -6

कुल्लू 4 

किन्नौर, शिमला और ऊना जिलों में 2 से 4 मौतें हुईं, जबकि सिरमौर और सोलन में कम मौतें हुईं। यह मौत के आंकडें राज्य आपातकालीन संचालन केंद्र की रिपोर्ट में सामने आए जिसे एनडीटीवी ने रिपोर्ट किया है। 

 

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