खबर लहरिया Blog कद्दावर नेता बेनी प्रसाद वर्मा का लंबी बीमारी के बाद निधन, मुलायम सिंह के संघर्ष के थे साथी

कद्दावर नेता बेनी प्रसाद वर्मा का लंबी बीमारी के बाद निधन, मुलायम सिंह के संघर्ष के थे साथी

लखनऊ

समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता बेनी प्रसाद वर्मा का थे शुक्रवार को लंबी बीमारी के बाद उनका निधन हो गया। बेनी प्रसाद वर्मा और मुलायम सिंह यादव ने साथ मिलकर सपा की नींव रखी थी। बेनी प्रसाद वर्मा की निधन की खबर सुनते ही सपा में शोक की लहर दौड़ गई। बेनी प्रसाद वर्मा मुलायम सिंह यादव के करीबी और उनके संघर्ष के साथी थे। 1996 में वह राष्ट्रीय मोर्चा-वाम मोर्चा की एचडी देवगौड़ा की सरकार में संचार मंत्री थे। इसके अलावा उन्हें संसदीय कार्य मंत्री की भी जिम्मेदारी सौंपी गई थी। बेनी प्रसाद सपा के अलावा कांग्रेस में भी रहे और यूपीए टू सरकार में केंद्र में इस्पात मंत्री थे। वर्तमान में वह समाजवादी पार्टी से राज्यसभा सदस्य थे। वह यूपी के बड़े कुर्मी नेता थे।

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी ट्वीट कर बेनी प्रसाद वर्मा को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने लिखा, ‘समाजवादी पार्टी के संस्थापक सदस्य एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री बेनी प्रसाद वर्मा जी ‘ बेनी बाबू जी ‘ का निधन अत्यंत दुःखद! परिजनों के प्रति गहरी संवेदना। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे।’

मुलायम की पार्टी को बेनी ने दिया था समाजवादी नाम
बेनी प्रसाद वर्मा 79 साल के थे और काफी समय से बीमार चल रहे थे। उनका जन्‍म 11 फरवरी 1941 को उत्‍तरप्रदेश के बाराबंकी में हुआ था। यूपी और केंद्र सरकार में मंत्री रहे बेनी प्रसाद ने 2008 में मुलायम से नाराज होकर समाजवादी पार्टी से किनारा कर लिया था। बेनी प्रसाद वर्मा अपने बेटे के लिए 2007 के लोकसभा चुनाव में टिकट चाहते थे, लेकिन अमर सिंह की वजह से बेनी के बेटे राकेश वर्मा को टिकट नहीं मिल पाई। इसी वजह से नाराज बेनी प्रसाद वर्मा ने समाजवादी पार्टी छोड़ दी। जब वह कांग्रेस छोड़कर वापस सपा में आए तो प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुलायम सिंह यादव ने कहा था कि पार्टी को समाजवादी नाम बेनी प्रसाद वर्मा ने ही दिया था।

शिक्षा और परिवार
बेनी प्रसाद वर्मा का जन्म 11 फरवरी 1941 को उत्‍तरप्रदेश के बाराबंकी जिले के सिरौली में हुआ था। पिता का नाम मोहनलाल वर्मा और माता रामकली वर्मा था। बेनी का विवाह 1956 में मालती देवी से हुआ। उनके 3 बेटे और 2 बेटियां हैं। शुरुआती पढ़ाई बेनी की बाराबंकी से ही हुई इसके बाद उन्होंने लखनऊ विश्‍वविद्यालय से बीए और एलएलबी की पढ़ाई पूरी की।

राजनीतिक सफर
पढ़ाई के दौरान उनकी राजनीति में भी दिलचस्पी बढ़ी और वो सीधा राजनीति में आए।  बेनी प्रसाद संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी के टिकट पर पहली बार 1974 में बाराबंकी के दरियाबाद से असेंबली का चुनाव लड़े और जीत दर्ज की। इसी दौर में वो मुलायम सिंह यादव और चौधरी चरण सिंह के साथ मजबूत लीडर के तौर पर उभरे। वो लंबे वक्त तक उत्‍तर प्रदेश के पीडबल्यूडी अधिकारी  भी रहे। उन्होंने पहली बार 1992 में कैसरगंज से लोकसभा में जीत हासिल की और कैबिनेट सदसय बने। संयुक्त मोर्चे की हुकूमत में मुलायम सिंह रक्षा मंत्री बने तो वहीं बेनी प्रसाद कम्यूनिकेशन मिनिस्टर बनाए गए। देवगौड़ा सरकार में उन्होंने 1996 से 1998 तक संचार का पद संभाला। इसके बाद बेनी प्रसाद 1998, 99, 2004 में भी लोकसभा चुनाव जीते लेकिन 2007 में सपा छोड़ दी।

इसके बाद बेनी प्रसाद ने समाजवादी क्रांति पार्टी बनाई और फिर 2009 में कांग्रेस में शामिल हो गये। वो 2009 में गोंडा से एमपी बनाए गए और फिर यूपीए 2 की सरकार में  इस्पात मंत्री भी रहे, लेकिन लोकसभा चुनाव हारने के बाद वो कांग्रेस में हाशिए पर चले गए, जिसके चलते उन्होंने 2016 में एक बार फिर समाजवादी पार्टी का दामन थाम लिया था।