लोक आस्था के महापर्व छठ के दौरान झारखंड और बिहार में बड़ा हादसा हो गया है। जलाशयों में डूबने की अलग-अलग घटनाओं में झारखंड में 25 और बिहार में 83 लोगों की मौत हो गई है। मरने वालों में कई बच्चे भी शामिल हैं। प्रशासन ने लोगों से छठ घाटों पर सावधानी बरतने की अपील की है।
छठ की उपासना के पावन पर्व के दौरान बीते दो दिन में पूरे राज्य में डूबने की घटनाओं ने लोगों को झकझोर दिया। एक ओर जहां लोग छठ पूजा के दौरान सूर्य को अर्घ्य देने पहुंचे थे वहीं दूसरी ओर कई परिवारों पर दुःख का पहाड़ टूट पड़ा। कई मीडिया चैनलों के अनुसार ताज़ा आंकडे बताते हैं कि बीते दो दिन में राज्यभर में डूबने से अब तक 83 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि कुछ लोगों की तलाश अभी भी जारी है।
मृतकों में ज्यादातर बच्चे और किशोर शामिल हैं। पटना में 14 लोग डूबे। वहीं नालंदा व वैशाली में आठ-आठ, औरंगाबाद व सारण में तीन-तीन, रोहतास, बेगूसराय व गोपालगंज में दो-दो, भोजपुर, सिवान, बक्सर व कैमूर में एक-एक, कोसी, सीमांचल और पूर्व बिहार के जिलों में 29 -लोगों की मौत हो गई, 14 लोग अभी भी लापता हैं।
कहां कितनी मौतें?
जागरण के अनुसार उत्तर बिहार में घाटों पर डूबने से 14 की मृत्यु हुई। इसमें 27 अक्टूबर 2025 को 35 व 28 अक्टूबर 2025 को 53 लोगों की मौत हुई है। लोगों की मौत पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शोक जताया।
नवगछिया पुलिस जिला के नवटोलिया गांव में सोमवार को गंगा की उपधारा में स्नान करते समय चार बच्चों की मौत हो गई, जबकि दो बच्चे अब भी लापता हैं । ये सभी बच्चे छठ घाट की सफाई और सजावट में मदद कर रहे थे। वहीं खगड़िया व भागलपुर में नौ-नौ, मधेपुरा में पांच, बांका, सहरसा व पूर्णिया में दो-दो, लखीसराय में एक लोगों की मौत डूबने से हो गई। उत्तर बिहार में छठ पूजा के दौरान विभिन्न स्थानों पर डूबने की घटनाओं में 14 लोगों की जान चली गई वहीं एक बच्ची लापता है। इसमें सोमवार को नौ व मंगलवार को पांच लोगों की मृत्यु हुई है। मधुबनी के पांच, दरभंगा के दो, समस्तीपुर व सीतामढ़ी के तीन-तीन और मोतिहारी के एक लोग शामिल हैं। दरभंगा में सोमवार को डूबने से एक छठव्रती की मौत हो गई। मृतक महिला कुशेश्वरस्थान प्रखंड के हरिनगर निवासी संजीत साह की 30 वर्षीय पत्नी बबीता देवी थी।
Firsbihar के अनुसार दक्षिण बिहार से 34, कोसी-सीमांचल और पूर्वी बिहार से 30, जबकि उत्तर बिहार से 19 लोगों की मौत हुई है। इनमें अधिकतर लोग छठ घाट तैयार करते समय, नहाने या अर्घ्य देने के दौरान गहरे पानी में चले गए।
वर्तमान में प्रशासन की ओर से एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें लगातार तलाशी अभियान में जुटी हैं। बढ़ती घटनाओं को देखते हुए राज्य सरकार ने सभी जिलों से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। आपदा प्रबंधन विभाग ने बताया कि मृतकों के परिजनों को चार-चार लाख रुपये का मुआवजा देने की प्रक्रिया शुरू की गई है। साथ ही जिला प्रशासन को निर्देश दिया गया है कि सभी प्रमुख घाटों पर सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत किया जाए और गहरे पानी वाले स्थानों को बैरिकेड किया जाए। पटना जिला प्रशासन की ओर से बताया गया कि इस बार गंगा का जलस्तर सामान्य से कुछ अधिक था, जिसके कारण कई जगह घाट के किनारे गहरे हो गए थे। सुरक्षा के लिए पुलिस बल और गोताखोरों की तैनाती के बावजूद हादसों को रोका नहीं जा सका।
इस हादसे में मुख्यमंत्री और कई मंत्रियों ने ट्वीट कर मृतकों के प्रति संवेदना व्यक्त की है और परिवारों को हर संभव मदद देने का आश्वासन दिया है। वहीं समाजसेवियों और स्थानीय संगठनों ने अपील की है कि छठ घाटों पर सुरक्षा के प्रति जागरूकता अभियान चलाया जाए ताकि भविष्य में ऐसी त्रासदी दोबारा न हो।
अभी इस मामले में इतनी ही जानकारी प्राप्त हो पाई है। अभी इस पर लगातार जांच चल ही रही है इससे संबंधित कोई और जानकारी आने पर अपडेट कर दी जाएगी।
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