रैट माइनर हसन ने आरोप लगाया, ”इससे पहले, मैंने अधिकारियों और सरकार से अनुरोध किया था कि यह घर हमें दे दिया जाए लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। आज बिना किसी सूचना के डीडीए ने आकर इसे ध्वस्त कर दिया। मेरा घर ही एकमात्र ऐसी चीज है जो मैंने (उत्तराखंड बचाव अभियान के लिए) पुरस्कार के रूप में मांगी थी, लेकिन डीडीए ने बिना किसी नोटिस के मेरा घर तोड़ दिया।”
उत्तरकाशी में फंसे 41 श्रमिकों की जान जिस रैट-होल हसन ने बचायी थी। डीडीए ने बिना नोटिस दिए ही उनका घर बुधवार 28 फरवरी को गिरा दिया। जान बचाने के लिए सरकार इस काम के लिए पुरस्कार देना चाहती थी पर उन्होंने अपने घर की मांग की थी।
रैट-होल माइनर हसन के घर गिरने का एक वीडियो साझा किया है। यह सोशल मीडिया X पर वायरल भी हुआ है। जिसमें दावा किया गया है कि जिस इमारत में वह और उसका परिवार रह रहा था, उसे “ड्राइव में ध्वस्त” कर दिया गया।
#WATCH | Delhi: House of one of the rat miners, who were part of Uttarkashi tunnel rescue operation, razed during an anti-encroachment drive by DDA (28/02) pic.twitter.com/3069wrOAi9
— ANI (@ANI) February 29, 2024
रैट माइनर हसन ने बताया कि उसने घर 2013 में खरीदा था और घर की रजिस्ट्री 1987 की है।
जानकारी के अनुसार, पूर्वी उत्तर दिल्ली के खजुरी खास इलाके में रहते थे। वे चूहे छेद खनिकों की टीम के नेता थे। जिनकी खनन कौशल ने उत्तराखंड में निर्माणाधीन सिल्क्यारा सुरंग के अंदर मलबे को हटाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। पिछले साल 12 नवंबर 2023 को सुरंग का एक हिस्सा ढह जाने से 41 मजदूर फंस गए और बचाए जाने से पहले लगभग 17 दिनों तक फंसे रहे।
एएनआई ने सोशल मीडिया पर इसका वीडियो शेयर किया जिसमें मलबा पड़ा हुआ दिखाई दे रहा है।
डीडीए पर आरोप
रैट माइनर हसन ने आरोप लगाया, ”इससे पहले, मैंने अधिकारियों और सरकार से अनुरोध किया था कि यह घर हमें दे दिया जाए लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। आज बिना किसी सूचना के डीडीए ने आकर इसे ध्वस्त कर दिया। मेरा घर ही एकमात्र ऐसी चीज है जो मैंने (उत्तराखंड बचाव अभियान के लिए) पुरस्कार के रूप में मांगी थी, लेकिन डीडीए ने बिना किसी नोटिस के मेरा घर तोड़ दिया।”
डीडीए ने अपने बचाव में दिया बयान
डीडीए ने एक बयान में कहा, “28 फरवरी को खजूरी खास गांव में अपनी अधिग्रहीत भूमि से अतिक्रमण (दुरूपयोग) हटाने के लिए डीडीए द्वारा एक विध्वंस अभियान चलाया गया था। यह भूमि नियोजित विकास भूमि का हिस्सा थी। विध्वंस अभियान उस जमीन पर चलाया गया जो “योजनाबद्ध विकास भूमि का हिस्सा” थी।
पुलिस ने कहा कि अभियान के दौरान अवैध रूप से निर्मित कई संरचनाओं को ध्वस्त कर दिया गया।
जानकरी के अनुसार, हसन और रैट-होल खनन टीम के पांच अन्य सदस्य उत्तर-पूर्वी दिल्ली के खजूरी खास में रहते हैं, जबकि बाकी उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर से हैं।
रैट-होल खनन क्या है?
कोयला, लौह अयस्क, चूना पत्थर व डोलोमाइट के खनीजों को निकालने के लिए जो लोग मिलकर एक लंबी संकरे सुरंग का निर्माण करते हैं। इस सुरंग के द्वारा खनीजों तक पहुंचा जाता है। खनन की इस प्रक्रिया में अपनाए जाने वाले रास्तों को रैट-होल खनन कहते हैं। इसकी ऊंचाई और चौड़ाई इतनी कम होती है कि न तो आप खड़े होकर इसमें चल सकते हैं और न हीं बैठकर।
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